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बिहार में फिर बाढ़ ने दी दस्तक, जगह-जगह पानी

गंडक नदी में 3 लाख 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद एसएसबी कैम्प सहित झंडु टोला, चकदहवा और बिन टोली इत्यादि गांवों में बाढ़ आ गई है. ग्रामीणों ने घूमकर मुनादी किया और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए सूचित किया.

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Published : Sep 25, 2020, 7:20 AM IST

Updated : Sep 26, 2020, 10:39 AM IST

बगहा: इंडो-नेपाल सीमा के सीमावर्ती इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दरअसल लक्ष्मीपुर रमपुरवा पंचायत के चकदहवा, झंडु टोला, बीन टोली सहित एसएसबी कैम्प में चौथी दफा बाढ़ आई है. हालांकि ग्रामीणों ने खुद से मुनादी कर लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की सूचना दे दी है.

एसएसबी जवानों ने किया रेस्क्यू
झंडु टोला स्थित एसएसबी 22वीं बटालियन बी कम्पनी के जवानों ने बाढ़ का पानी गांव में घुसते ही रेस्क्यू शुरू कर दिया और आस पास के ग्रामीणों को नाव से बांध पर पहुंचा दिया है. बता दें कि एसएसबी कैम्प में भी 4 फीट से ज्यादा पानी भरा है और जवानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

एसएसबी कैम्प सहित कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी.

LIVE UPDATE : -

  • नरकटियागंज सहोदरा मुख्य सड़क पर चढ़ा बाढ़ का पानी.
  • नरकटियागंज बलथर मुख्य सड़क पर चढ़ा बाढ़ का पानी.
  • सड़क पर तीन से चार फीट पानी, आवागमन हुआ बाधित
  • लौरिय-नरकटियागंज, लौरिय-रामनगर मुख्य सड़क पर चढ़ा बाढ़ का पानी
  • आवागमन में हुई परेशानी
  • मधुबनी-नेपाल के तराई क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश
  • कोसी दियारा क्षेत्र में घुसा बाढ़ का पानी
  • लोग ऊंचे स्थान पर ले रहे शरण
  • मधेपुर प्रखंड के सात पंचायत में घुसा पानी

आवागमन का मार्ग भी बाधित
एक तरफ गंडक नदी और दूसरी तरफ विटीआर के जंगल के बीच बसे इस बाढ़ग्रस्त सीमाई क्षेत्र में जाने के लिए एक मात्र मार्ग भी बाढ़ के पानी मे डूबा हुआ है, जिससे आवागमन बाधित है. ग्रामीण वहां से जब तक पानी कम नहीं हो जाता तब तक गांव से बाहर नहीं निकल सकते हैं.

राशन-पानी की होगी समस्या
ग्रामीणों का कहना है कि इसके पूर्व बाढ़ आई थी तो एक माह तक बाढ़ का पानी लगातार घटता बढ़ता रहा, जिसमें उनकी फसले बर्बाद हो गई थी. अब उनके पास राशन भी नहीं बचा है, ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार ने बाढ़ पीड़ित परिवारों को 6000 रुपये की राशि देने की बात कही थी वह भी अभी नहीं मिला है.

बगहा: इंडो-नेपाल सीमा के सीमावर्ती इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दरअसल लक्ष्मीपुर रमपुरवा पंचायत के चकदहवा, झंडु टोला, बीन टोली सहित एसएसबी कैम्प में चौथी दफा बाढ़ आई है. हालांकि ग्रामीणों ने खुद से मुनादी कर लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की सूचना दे दी है.

एसएसबी जवानों ने किया रेस्क्यू
झंडु टोला स्थित एसएसबी 22वीं बटालियन बी कम्पनी के जवानों ने बाढ़ का पानी गांव में घुसते ही रेस्क्यू शुरू कर दिया और आस पास के ग्रामीणों को नाव से बांध पर पहुंचा दिया है. बता दें कि एसएसबी कैम्प में भी 4 फीट से ज्यादा पानी भरा है और जवानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

एसएसबी कैम्प सहित कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी.

LIVE UPDATE : -

  • नरकटियागंज सहोदरा मुख्य सड़क पर चढ़ा बाढ़ का पानी.
  • नरकटियागंज बलथर मुख्य सड़क पर चढ़ा बाढ़ का पानी.
  • सड़क पर तीन से चार फीट पानी, आवागमन हुआ बाधित
  • लौरिय-नरकटियागंज, लौरिय-रामनगर मुख्य सड़क पर चढ़ा बाढ़ का पानी
  • आवागमन में हुई परेशानी
  • मधुबनी-नेपाल के तराई क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश
  • कोसी दियारा क्षेत्र में घुसा बाढ़ का पानी
  • लोग ऊंचे स्थान पर ले रहे शरण
  • मधेपुर प्रखंड के सात पंचायत में घुसा पानी

आवागमन का मार्ग भी बाधित
एक तरफ गंडक नदी और दूसरी तरफ विटीआर के जंगल के बीच बसे इस बाढ़ग्रस्त सीमाई क्षेत्र में जाने के लिए एक मात्र मार्ग भी बाढ़ के पानी मे डूबा हुआ है, जिससे आवागमन बाधित है. ग्रामीण वहां से जब तक पानी कम नहीं हो जाता तब तक गांव से बाहर नहीं निकल सकते हैं.

राशन-पानी की होगी समस्या
ग्रामीणों का कहना है कि इसके पूर्व बाढ़ आई थी तो एक माह तक बाढ़ का पानी लगातार घटता बढ़ता रहा, जिसमें उनकी फसले बर्बाद हो गई थी. अब उनके पास राशन भी नहीं बचा है, ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार ने बाढ़ पीड़ित परिवारों को 6000 रुपये की राशि देने की बात कही थी वह भी अभी नहीं मिला है.

Last Updated : Sep 26, 2020, 10:39 AM IST
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