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बगहा: रिहायशी इलाके में घुसा मगरमच्छ, लोगों ने पकड़कर वन विभाग को सौंपा

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नहर और नदियों में 10 हजार से अधिक घड़ियाल छोड़े गए हैं. जहां से बगहा अनुमंडल के चौतरवा गांव में एक मगरमच्छ पहुंच गया. जिसके बाद ग्रामीणों ने उसे पकड़कर वन विभाग को सौंप दिया.

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रिहायशी इलाके में दिखा मगरमच्छ
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Published : Jan 9, 2020, 1:16 PM IST

पश्चिम चंपारणः वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व के आसपास के रिहायशी इलाकों में वनीय जीवों के निकलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी कड़ी में बगहा अनुमंडल के चौतरवा गांव में एक मगरमच्छ मिलने से अफरा-तफरी मच गई. जिसके बाद ग्रामीणों ने काफी सूझ-बूझ से मगरमच्छ को पकड़कर वन विभाग को सूचित किया.

वनकर्मियों को सौंपा
मगरमच्छ निकलने की सूचना जैसे ही लोगों को मिली उसे देखने के लिए भीड़ जुट गई. ग्रामीणों ने अथक प्रयास के बाद काफी समझदारी से मगरमच्छ को रस्सी से बांधकर पकड़ा, जिसके बाद लोग उसके साथ खेलते भी नजर आए. सूचना पर पहुंचे वनकर्मी मगरमच्छ को अपने साथ ले गए.

रिहायशी इलाके में दिखा मगरमच्छ

10 हजार से अधिक घड़ियाल
वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नहर और नदियों में 10 हजार से अधिक घड़ियाल छोड़े गए हैं. इसी वजह है कि आए दिन घड़ियाल इन रिहायशी इलाकों में घुस जाते हैं.

वनीय जीवों के लिए अधिवास क्षेत्र
वनीय जीवों के रिहायशी इलाकों में चहलकदमी को लेकर वन विभाग एक नई योजना बना रहा है. जिसके तहत अजगर और मगरमच्छ के लिए अलग-अलग अधिवास क्षेत्र वाल्मीकि व्याघ्र अभ्यारण्य में बनाया जाएगा, जिससे ये इन इलाकों में न घुस पाएं.

पश्चिम चंपारणः वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व के आसपास के रिहायशी इलाकों में वनीय जीवों के निकलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी कड़ी में बगहा अनुमंडल के चौतरवा गांव में एक मगरमच्छ मिलने से अफरा-तफरी मच गई. जिसके बाद ग्रामीणों ने काफी सूझ-बूझ से मगरमच्छ को पकड़कर वन विभाग को सूचित किया.

वनकर्मियों को सौंपा
मगरमच्छ निकलने की सूचना जैसे ही लोगों को मिली उसे देखने के लिए भीड़ जुट गई. ग्रामीणों ने अथक प्रयास के बाद काफी समझदारी से मगरमच्छ को रस्सी से बांधकर पकड़ा, जिसके बाद लोग उसके साथ खेलते भी नजर आए. सूचना पर पहुंचे वनकर्मी मगरमच्छ को अपने साथ ले गए.

रिहायशी इलाके में दिखा मगरमच्छ

10 हजार से अधिक घड़ियाल
वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नहर और नदियों में 10 हजार से अधिक घड़ियाल छोड़े गए हैं. इसी वजह है कि आए दिन घड़ियाल इन रिहायशी इलाकों में घुस जाते हैं.

वनीय जीवों के लिए अधिवास क्षेत्र
वनीय जीवों के रिहायशी इलाकों में चहलकदमी को लेकर वन विभाग एक नई योजना बना रहा है. जिसके तहत अजगर और मगरमच्छ के लिए अलग-अलग अधिवास क्षेत्र वाल्मीकि व्याघ्र अभ्यारण्य में बनाया जाएगा, जिससे ये इन इलाकों में न घुस पाएं.

Intro:बगहा अनुमंडल अंतर्गत चौतरवा गांव में एक मगरमच्छ मिलने से अफरा तफरी मच गई। ग्रामीणों ने काफी सूझ बूझ से मगरमछ को पकड़ा एवं वन विभाग को सूचित किया।Body:आये दिन निकल रहे अजगर व मगरमच्छ
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के आसपास के रिहायशी इलाकों में वनीय जीवों के निकलने का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है। लोगों को इससे काफी परेशानी हो रही है। आये दिन कभी अजगर तो कभी मगरमच्छ का निकलना जारी है। बगहा के चौतरवा में भी एक मगरमच्छ निकल आया जिसको देख लोग सकते में आ गए।
सूझ बूझ से ग्रामीणों ने पकड़ वन विभाग को सौंपा
जैसे ही मगरमच्छ निकलने की सूचना मिली उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई। ग्रामीणों ने अथक प्रयास के बाद काफी समझदारी से मगरमच्छ को रस्सी से बांध दिया। उसके बाद ग्रामीणों ने उसे मनोरंजन का साधन बना लिया। हालांकि ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचित कर मगरमच्छ को वनकर्मियों के सुपुर्द कर दिया।Conclusion:हजारों की संख्या में छोड़े गए हैं घड़ियाल।
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र अंतर्गत नहरों व नदियों में 10 हजार से अधिक घड़ियाल छोड़े गए हैं। यही वजह है कि आये दिन घड़ियाल रिहायशी इलाकों में घुस जा रहे हैं।
बनेगा अधिवास क्षेत्र।
वनीय जीवों के रिहायशी इलाकों में चहलकदमी को लेकर वन विभाग एक नई योजना बना रहा जिसके तहत अजगर व मगरमच्छ के लिए अलग अलग अधिवास क्षेत्र वाल्मीकि व्याघ्र अभ्यारण्य में बनाया जाएगा ताकि ये रिहायशी इलाकों में न घुसे।
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