जमुई: बिहार के जमुई की दिव्यांग करीना के दोनों हाथ में पूरी उंगलियां नहीं है लेकिन उनका जुनून कुछ ऐसा है कि वो पढ़कर डॉक्टर बनना चाहती हैं. आज से डेढ़ साल पहले जब करीना की उम्र 10 वर्ष थी, वो सरकारी स्कूल में छठी क्लास में पढ़ती थी. उस समय बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद, करीना की मदद के लिए आगे आऐ थे.
सोनू सूद ने कराया था ऑपरेशन: एक्टर सोनू सूद ने करीना के हाथ की उंगलियों का ऑपरेशन कराया था लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हो पाया. अब करीना की उम्र 12 साल है और वो आठवीं कक्षा में पढ़ रही है. दिव्यांगता का प्रमाण पत्र रहने के बावजूद उन्हें कोई भी लाभ नहीं मिल रहा है. वहीं बुलंद हौसले के साथ करीना कहती हैं कि वो बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती है.
"मैं बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती हूं, जिससे मेरे जैसे और लोगों की मदद कर सकूं. डेढ़ साल पहले सोनू सूद ने मेरे हाथों का ऑपरेशन कराया था, जिसके बाद उंगुलियां अलग हो गई है. अब लिखने में थोड़ी आसानी होती है."-करीना कुमारी, दिव्यांग छात्रा
डॉक्टर बनने का है सपना: जमुई जिले के खैरा प्रखंड के कागेश्वर गांव की रहने वाली करीना को अब उंगलियां नहीं होने का कोई मलाल नहीं है. उनकी एक ख्वाइश है कि वो पढ़ लिखकर डॉक्टर बने. करीना के पिता अजय राम कोलकाता में ट्रक चलाकर परिवार का भरण पोषण करते है. वहीं मां सुमन देवी बीड़ी बनाती है. दिनभर में 500 बीड़ी बनाने पर मजदूरी 55 रूपये मिलती है. उनके पास खेती के लिए अपनी कोई जमीन भी नहीं है.
डेढ़ साल पहले हुआ ऑपरेशन: करीना की मां सुमन देवी ने बताया कि जन्म से ही करीना के दोनों हाथों में मात्र एक उंगली है. डेढ़ साल पहले जब मीडिया में करीना को लेकर खबर चली तो एक्टर सोनू सूद ने मदद का हाथ बढ़ाया था. जिसके बाद उन्होंने करीना के एक हाथ की उंगलियों का ऑपरेशन पटना में कराया. ऑपरेशन के दौरान पांच धंटे तक करीना बेहोश रही, वहीं ऑपरेशन के बाद कई महीनों तक हाथों से वो कुछ नहीं कर पा रही ती.
ऑपरेशन के बाद अलग हुई उंगलियां: ऑपरेशन के बाद जहां उंगलियां नहीं के बराबर थी, वहां हल्की उंगलियां निकली है. जिसमें कलम या पेंसिल फंसाकर करीना लिख लेती है. ऑपरेशन के कारण कुछ महीनों तक करीना पढ़ाई नहीं कर पाई, जिस वजह से वो हाथों का फिर से कोई ऑपरेशन कराने से डरती है. अव वो अपनी कमजोरी को हिम्मत बना कर आगे बढ़ रही है.
करीना को नहीं मिल रहा दिव्यांग पेंशन: करीना की मां कहती है कि परिवार में छह सदस्य है और कमाने वाला सिर्फ एक है. उसी से परिवार का भरण पोषण होता है. वो डरती हैं कि बच्ची कि पढ़ाई में अगर पैसे की जरूरत पड़ी तो कहां से इंतजाम किया जाएगा. पहले सरकार की ओर से 400 रूपये दिव्यांग पेंशन करीना को मिलता था, जो पिछले डेढ़ साल से नहीं मिल रहा है.
"करीना के पिता कोलकाता में ड्राइवर है और मैं यहां घर पर बीड़ी बनाने का काम करती हूं. जिससे छह लोगों के परिवार का भरण पोषण होता है. डेढ़ साल से करीना का 400 रूपये दिव्यांग पेंशन भी नहीं मिल रहा है. सरकार से यही अपील कि मेरी बच्ची पढ़ लिखकर डॉक्टर बनना चाहती है. उसकी पढ़ाई में मदद की जाए."-सुमन देवी, करीना की मां
स्कूल में मिल रही फ्री शिक्षा: करीना ने गांव के सरकारी स्कूल उत्क्रमित मध्य विद्यालय कागेश्वर में आठवीं क्लास तक पढाई की लेकिन अब वो 'ब्लैक डायमंड पब्लिक स्कूल' में पढाई कर रही हैं. यहां 2024 में करीना का नामांकन हुआ है. वहीं ब्लैक डायमंड पब्लिक स्कूल की प्राचार्य कमललता ने बताया कि करीना को स्कूल प्रबंधन की तरफ से फ्री शिक्षा, फ्री बुक और फ्री ड्रेस दिया जा रहा है, साथ ही उसके हर जरूरत का भी ख्याल रखा जा रहा है.