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कृषि कानूनों के खिलाफ भाकपा माले और एपवा के महिला एसोसिएशन ने किया विरोध प्रदर्शन

पश्चिम चंपारण जिला के बेतिया प्रखंड में सोमवार को भाकपा माले और एपवा के महिला एसोसिएशन ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. विरोध मार्च का मुख्य नारा तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने, कॉरपोरेट से यारी और किसानों की हकमारी बंद करने का था.

Protests against agricultural laws
कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
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Published : Jan 18, 2021, 7:27 PM IST

बेतिया: पश्चिम चंपारण जिला के बेतिया प्रखंड में सोमवार को भाकपा माले और एपवा के महिला एसोसिएशन ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

विरोध मार्च स्टेट बैंक गौनाहा से गौनाहा बाजार थाना और अस्पताल होते हुए प्रखंड मुख्यालय पहुंचा. विरोध मार्च का मुख्य नारा तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने, कॉरपोरेट से यारी और किसानों की हकमारी बंद करने का था. प्रखंड कार्यालय पहुंचकर विरोध मार्च सभा में तब्दील हो गया.

ललिता देवी ने कहा कि 54 दिन से दिल्ली में पंजाब, हरियाणा, मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान विरोधी कानूनों को रद्द करने के लिए तैयार नहीं हैं. सरकार जब तक तीनों कानूनों को वापस नहीं लेगी आंदोलन जारी रहेगा.

भाकपा नेता लालजी यादव ने कहा कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तो प्रखंड के सभी गांव में मशाल जुलूस निकालकर सरकार विरोधी नारे लगाए जाएंगे. 30 जनवरी को अखिल भारतीय किसान महासभा और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति द्वारा मानव श्रृंखला तैयार किया जाएगा.

यह भी पढ़ें- दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे किसान नहीं हटेंगे पीछे, गोली खाने को हैं तैयार

बेतिया: पश्चिम चंपारण जिला के बेतिया प्रखंड में सोमवार को भाकपा माले और एपवा के महिला एसोसिएशन ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

विरोध मार्च स्टेट बैंक गौनाहा से गौनाहा बाजार थाना और अस्पताल होते हुए प्रखंड मुख्यालय पहुंचा. विरोध मार्च का मुख्य नारा तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने, कॉरपोरेट से यारी और किसानों की हकमारी बंद करने का था. प्रखंड कार्यालय पहुंचकर विरोध मार्च सभा में तब्दील हो गया.

ललिता देवी ने कहा कि 54 दिन से दिल्ली में पंजाब, हरियाणा, मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान विरोधी कानूनों को रद्द करने के लिए तैयार नहीं हैं. सरकार जब तक तीनों कानूनों को वापस नहीं लेगी आंदोलन जारी रहेगा.

भाकपा नेता लालजी यादव ने कहा कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तो प्रखंड के सभी गांव में मशाल जुलूस निकालकर सरकार विरोधी नारे लगाए जाएंगे. 30 जनवरी को अखिल भारतीय किसान महासभा और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति द्वारा मानव श्रृंखला तैयार किया जाएगा.

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