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राष्ट्रध्वज उल्टा फहराने के मामले को लेकर पटखौली थानाध्यक्ष के खिलाफ परिवाद दायर

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Published : Feb 1, 2020, 8:20 PM IST

फिरोज अंसारी बताते हैं कि उल्टा झंडा फहराने के बाद राष्ट्र गान और सलामी भी हो गई और बताने के बावजूद काफी देर तक केसरिया रंग नीचे ही रहा जो राष्ट्रध्वज का अपमान है. ऐसे में थानाध्यक्ष पर अब तक ना तो कोई कार्रवाई हुई और ना ही इस मामले में उनसे कोई स्पष्टीकरण ही पूछा गया.

थानाध्यक्ष के खिलाफ परिवाद दायर
थानाध्यक्ष के खिलाफ परिवाद दायर

प.चंपारण: जिले के बगहा में पटखौली थानाध्यक्ष पर एक व्यक्ति ने न्यायालय में परिवाद दायर किया है. परिवादी व्यक्ति जिला कांग्रेस का नेता फिरोज अंसारी है. कांग्रेस नेता का आरोप है कि जब उसने उल्टा ध्वज फहराने का वीडियो सोशल साइट पर शेयर किया तो, थानेदार ने उसे जान से मारने की घमकी दी.

'वीडियो वायरल करने पर मिली धमकी'
मामला दर्ज करने वाले व्यक्ति फिरोज अंसारी ने बताया कि उल्टा झंडा फहराने की शिकायत उसने सभी वरीय पदाधिकारियों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया. जिसके बाद थानाध्यक्ष ने उसे धमकी देना शुरू कर दिया.

दायर परिवाद
दायर परिवाद

फिरोज अंसारी बताते हैं कि उल्टा झंडा फहराने के बाद राष्ट्र गान और सलामी भी हो गई और बताने के बावजूद काफी देर तक केसरिया रंग नीचे ही रहा जो राष्ट्रध्वज का अपमान है. ऐसे में थानाध्यक्ष पर अब तक ना तो कोई कार्रवाई हुई और ना ही इस मामले में उनसे कोई स्पष्टीकरण ही पूछा गया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'राष्ट्रध्वज के अपमान का मामला'
इस मामले पर वाद दायर कराने वाले अधिवक्ता रामानुज मिश्र ने बताया कि वर्ष 2016 में लोकसभा में यह पारित हुआ था कि अधिनियम 2, 1971 के तहत राष्ट्रध्वज को उल्टा फहराना ध्वज और राष्ट्रीयता का अपमान करना है. ऐसे में दोषी थानाध्यक्ष पर कार्रवाई होनी चाहिए. मेरे क्लाइंट ने यदि इस आवाज को उठाया है, तो थानाध्यक्ष के द्वारा उस को धमकी देना गलत है.

प.चंपारण: जिले के बगहा में पटखौली थानाध्यक्ष पर एक व्यक्ति ने न्यायालय में परिवाद दायर किया है. परिवादी व्यक्ति जिला कांग्रेस का नेता फिरोज अंसारी है. कांग्रेस नेता का आरोप है कि जब उसने उल्टा ध्वज फहराने का वीडियो सोशल साइट पर शेयर किया तो, थानेदार ने उसे जान से मारने की घमकी दी.

'वीडियो वायरल करने पर मिली धमकी'
मामला दर्ज करने वाले व्यक्ति फिरोज अंसारी ने बताया कि उल्टा झंडा फहराने की शिकायत उसने सभी वरीय पदाधिकारियों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया. जिसके बाद थानाध्यक्ष ने उसे धमकी देना शुरू कर दिया.

दायर परिवाद
दायर परिवाद

फिरोज अंसारी बताते हैं कि उल्टा झंडा फहराने के बाद राष्ट्र गान और सलामी भी हो गई और बताने के बावजूद काफी देर तक केसरिया रंग नीचे ही रहा जो राष्ट्रध्वज का अपमान है. ऐसे में थानाध्यक्ष पर अब तक ना तो कोई कार्रवाई हुई और ना ही इस मामले में उनसे कोई स्पष्टीकरण ही पूछा गया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'राष्ट्रध्वज के अपमान का मामला'
इस मामले पर वाद दायर कराने वाले अधिवक्ता रामानुज मिश्र ने बताया कि वर्ष 2016 में लोकसभा में यह पारित हुआ था कि अधिनियम 2, 1971 के तहत राष्ट्रध्वज को उल्टा फहराना ध्वज और राष्ट्रीयता का अपमान करना है. ऐसे में दोषी थानाध्यक्ष पर कार्रवाई होनी चाहिए. मेरे क्लाइंट ने यदि इस आवाज को उठाया है, तो थानाध्यक्ष के द्वारा उस को धमकी देना गलत है.

Intro:बगहा पुलिस जिला अंतर्गत पटखौली थाना में थानाध्यक्ष द्वारा गणतंत्र दिवस के मौके पर उल्टा झंडा फहराने को लेकर एक परिवाद दायर किया गया है। यह परिवाद जिला के एक कांग्रेसी नेता द्वारा व्यवहार न्यायालय बगहा में दायर कराया गया है। परिवादी का आरोप है कि जब उसने उल्टा ध्वज फहराने का वीडियो सोशल साइट पर शेयर किया तो थानेदार द्वारा धमकी दी जाने लगी।


Body:उल्टा झंडोतोलन को ले थानाध्यक्ष पर परिवाद दायर।
विगत 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर पटखौली थाना में थानाध्यक्ष द्वारा उल्टा झंडा फहरा दिया गया। जिसका वीडियो सोशल साइट पर वायरल हो रहा है। इस मामले को लेकर बगहा शहर के शास्त्रीनगर निवासी फिरोज अंसारी, महासचिव, जिला कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने व्यवहार न्यायालय बगहा में परिवाद दायर कर कार्रवाई की मांग की है।
वीडियो वायरल करने पर धमकी मिलने की वजह से न्यायालय का लिया शरण।
परिवाद दायर करने वाले व्यक्ति फिरोज अंसारी ने बताया कि उल्टा झंडा फहराने की शिकायत उसने सभी वरीय पदाधिकारियों से की साथ ही यह वीडियो फेसबुक और व्हाट्सएप पर भी भेजा। जिसके बाद थानाध्यक्ष ने उसे धमकी देना शुरू कर दिया। परिवादी के मुताबिक उल्टा झंडा फहराने के बाद राष्ट्र गान और सलामी भी हो गई और बताने के बावजूद काफी देर तक केसरिया रंग नीचे ही रहा जो राष्ट्रध्वज का अपमान है। ऐसे में थानाध्यक्ष पर अब तक ना तो कोई कार्रवाई हुई और ना ही इस मामले में उनसे कोई स्पष्टीकरण ही पूछा गया।
बाइट1- फिरोज अंसारी, महासचिव, जिला कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ, परिवादी
बाइट2- रामानुज मिश्रा, अधिवक्ता, व्यवहार न्यायालय, बगहा


Conclusion: राष्ट्रध्वज उल्टा फहराना ध्वज का अपमान
बगहा व्यवहार न्यायालय में परिवाद दायर करने वाले अधिवक्ता रामानुज मिश्र ने बताया कि वर्ष 2016 में लोकसभा मे यह पारित हुआ था कि अधिनियम 2, 1971 के तहत राष्ट्र ध्वज को उल्टा फहराना ध्वज और राष्ट्रीयता का अपमान करना है। ऐसे में दोषी थानाध्यक्ष पर कार्रवाई होनी चाहिए। मेरे क्लाइंट ने यदि इस आवाज को उठाया है तो थानाध्यक्ष द्वारा उस को धमकी देना किसी कानून में नही है। यही गलती अगर आम इंसान से हुई रहती तो प्रशासन अब तक कार्रवाई कर चुका होता।
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