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बदहाली का शिकार बेतिया सदर अस्पताल, पानी-शौचालय जैसी सुविधाएं नदारद, जगह-जगह गंदगी का अंबार - Outdoor

बेतिया सदर अस्पताल में ना पीने के लिए पानी है, ना खाने की कोई सुविधा और ना बेड पर चादर और ना ही मरीजों को दवा मिलती है. सदर अस्पताल भगवान भरोसे चल रहा है.

बेतिया सदर अस्पताल
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Published : Jul 3, 2019, 6:09 PM IST

बेतिया: जिले का सदर अस्पताल बदहाली का शिकार है. यहां स्वास्थ्य महकमे की पोल खुलती नजर आती है. इस अस्पताल में हजारों मरीज इस उम्मीद के साथ पहुंचते हैं कि उनकी तबीयत सुधर जाएगी. लेकिन उनकी उम्मीदें धरी की धरी रह जाती हैं. इस अस्पताल में पीने के पानी और शौचालय जैसी बुनियादें सुविधाएं भी नदारद हैं.

अव्यवस्था से मरीज परेशान
सदर अस्पताल की इस अव्यवस्था से मरीज परेशान है. उनके लिए ना पीने के लिए पानी व्यवस्था है , ना खाने के लिए कोई सुविधा. ना ही बेड पर बिछाने के लिए चादर मुहैया कराई जाती है. यहां तक कि तबीयत में सुधार के लिए दवा तक उपलब्ध नहीं है. मरीजों के मुताबिक डॉक्टर भी टाइम पर नहीं आते.

बेतिया सदर अस्पताल में अव्यवस्था का आलम

अस्पताल उपाधीक्षक का ढुलमुल रवैया
मामले में अस्पताल उपाधीक्षक श्रीकांत दुबे ने गोल-मोल जवाब दिया. डॉक्टरों के सवाल पर उन्होंने कहा कि कई डॉक्टर आउटडोर में भी सुविधा देते हैं, इसीलिए हो सकता है कि उन्हें आने में कभी-कभी देर हो जाती हो. साथ ही उन्होंने कहा कि अस्पताल में दूसरी असुविधाओं को जल्द ही दूर कर लिया जाएगा.

बेतिया: जिले का सदर अस्पताल बदहाली का शिकार है. यहां स्वास्थ्य महकमे की पोल खुलती नजर आती है. इस अस्पताल में हजारों मरीज इस उम्मीद के साथ पहुंचते हैं कि उनकी तबीयत सुधर जाएगी. लेकिन उनकी उम्मीदें धरी की धरी रह जाती हैं. इस अस्पताल में पीने के पानी और शौचालय जैसी बुनियादें सुविधाएं भी नदारद हैं.

अव्यवस्था से मरीज परेशान
सदर अस्पताल की इस अव्यवस्था से मरीज परेशान है. उनके लिए ना पीने के लिए पानी व्यवस्था है , ना खाने के लिए कोई सुविधा. ना ही बेड पर बिछाने के लिए चादर मुहैया कराई जाती है. यहां तक कि तबीयत में सुधार के लिए दवा तक उपलब्ध नहीं है. मरीजों के मुताबिक डॉक्टर भी टाइम पर नहीं आते.

बेतिया सदर अस्पताल में अव्यवस्था का आलम

अस्पताल उपाधीक्षक का ढुलमुल रवैया
मामले में अस्पताल उपाधीक्षक श्रीकांत दुबे ने गोल-मोल जवाब दिया. डॉक्टरों के सवाल पर उन्होंने कहा कि कई डॉक्टर आउटडोर में भी सुविधा देते हैं, इसीलिए हो सकता है कि उन्हें आने में कभी-कभी देर हो जाती हो. साथ ही उन्होंने कहा कि अस्पताल में दूसरी असुविधाओं को जल्द ही दूर कर लिया जाएगा.

Intro:बेतिया: अपनी बदहाली पर रोता बेतिया का सदर अस्पताल। ना पीने के लिए पानी, ना खाने की कोई सुविधा, ना बेड पर चादर और ना ही मिलती है मरीजों को दवा। भगवान भरोसे बेतिया का सदर अस्पताल।


Body:अपनी बदहाली पर रोता यह है बेतिया सदर अस्पताल। जो स्वास्थ्य महकमे के सारे पोल खुलती नजर आ रही है। चौंकिए मत यह वहीं अस्पताल है जहां पर हजारों मरीज पहुंचते हैं। इस उम्मीद के साथ कि उनकी तबीयत सुधर जाएगी। लेकिन बेतिया का यह सदर अस्पताल की तस्वीरें इसे झूठा साबित कर रही है। अस्पताल में भर्ती मरीज परेशान है। ना पीने के लिए पानी की व्यवस्था है , ना खाने के लिए कोई सुविधा। ना ही बेड पर बिछाने के लिए चादर मुहैया कराई जाती है। तबीयत में सुधार के लिए दवा नहीं है , और तो और अगर किसी को शौचालय जाना पड़े तो वह शौचालय जाने से पहले ही बीमार पड़ जाए। वहीं मरीजों की मानें तो डॉक्टर साहब भी टाइम पर नहीं आते।

बाइट- मरीज

वही जब इन असुविधाओं को लेकर अस्पताल उपाधीक्षक श्रीकांत दुबे से बात की गई तो,उन्होंने क्या कुछ कहा आप खुद ही सुन लिजिए।

बाइट- श्रीकांत दुबे, उपाधीक्षक, बेतिया अस्पताल


Conclusion:बहरहाल बात जो भी हो लेकिन यह तस्वीरें बेतिया सदर अस्पताल की पोल खोल रही है। जब अस्पताल में कोई कमी नहीं है तो बेड पर चादर क्यों नहीं है। शौचालय के लिए लोगों को इधर से उधर क्यों भटकना पड़ रहा है। मरीजों के लिए पर्याप्त दवा उपलब्ध क्यों नहीं है।
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