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Bihar 10th Result 2023: आदिवासी बहुल प्रिया को मिला 8वां स्थान, डाॅक्टर बनने की तैयारी के लिए पहुंच गई कोटा

आज बिहार मैट्रिक का रिजल्ट (Bihar Matric Result 2023) जारी होते हीं कई छात्र छात्राओं और उनके परिजनों के चेहरे पर मुस्कान थी, तो कई छात्र-छात्राओं के चेहरे लटके हुए थे. दरअसल जिनको उम्मीद से अच्छे अंक प्राप्त हुए हैं, वैसे विद्यार्थी काफी खुश हैं. इसी कड़ी में बगहा के आदिवासी बहुल इलाके से आने वाली प्रिया जायसवाल ने भी सूबे में आठवां स्थान प्राप्त किया है. पढ़ें पूरी खबर..

प्रिया जायसवाल
प्रिया जायसवाल
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Published : Mar 31, 2023, 3:58 PM IST

पश्चिमी चंपारण: बिहार के बगहा के आदिवासी बहुल इलाके की छात्रा प्रिया जायसवाल ने मैट्रिक परीक्षा में पूरे बिहार में 8वें स्थान (bagaha priya got 8th rank in matric result) पर आकर अपने इलाके का मान बढ़ाया है. डॉक्टर बनने का ख्वाब देखने वाली प्रिया फिलहाल कोटा में है और उसे ईटीवी भारत की ओर से ही टॉप टेन में आने की खबर मिली. इसके बाद उसके साथ गए परिजन और उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. जिले के हरनाटांड़ स्थित एसएस उच्च विद्यालय की छात्रा प्रिया जायसवाल ने पूरे बिहार में टाॅप टेन में आठवें स्थान पर रही है. इसके बाद परिजनों से ज्यादा खुशी विद्यालय के शिक्षकों में देखने को मिली.

ये भी पढ़ेंः Bihar Matric Topper List: शेखपुरा के छात्र मोहम्मद रुमान बने मैट्रिक में बिहार टॉपर, दूसरे स्थान पर दो छात्राएं


रिजल्ट का इंतजार किये बिना पहुंच गई कोटाः थारूहट की राजधानी कहे जाने वाले आदिवासी बहुल इलाका हरनाटांड़ के धुमवाटांड निवासी संतोष जायसवाल की पुत्री ने मैट्रिक परीक्षा में 8वां रैंक लाकर इलाके का नाम रोशन किया है. प्रिया के पिता संतोष जायसवाल आटा चक्की मिल चलाते हैं और मां गृहिणी है. अपनी बेटी की सफलता पर यह परिवार फूला नहीं समा रहा है. हालांकि बिना रिजल्ट का इंतजार किए ही परिजन छात्रा के साथ कोटा पहुंचे हैं, ताकि उसका अच्छे शिक्षण संस्थान में दाखिला दिलवा सकें.

डाॅक्टर बनना चाहती है प्रियाः छात्रा प्रिया जायसवाल पढ़ लिख कर डॉक्टर बनने का सपना संजोए हुए है. इस सपने को पूरा करने के लिए परिजन कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. पिता संतोष जायसवाल का कहना है कि उनकी बिटिया शुरू से ही पढ़ने में होनहार है और वह बिना ट्यूशन, कोचिंग किये सेल्फ स्टडी से पढ़ाई करती थी. शुरू से ही उसका सपना एमबीबीएस करने का था. यही वजह है कि बिना रिजल्ट का इंतजार किए वह कोटा पहुंची है और अच्छे शिक्षण संस्थान की तलाश कर रही है.

प्रिया के दादा-दादी खुशः प्रिया के टॉप टेन में आने से दादा दादी समेत गांव के लोग काफी खुश हैं. साथ ही विद्यालय के शिक्षकों में भी खुशी का ठिकाना नहीं है. प्रिया ने बताया कि उसे 8वीं रैंक आने की जानकारी ईटीवी भारत से प्राप्त हुई. इसके बाद उसके खुशी का ठिकाना नहीं रहा. प्रिया ने बताया कि वह प्रतिदिन 7 से 8 घंटे देर रात तक जागकर सेल्फ स्टडी करती थी और मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ महत्वपूर्ण जानकारियां इकट्ठा करने के लिए करती थी. अच्छा रिजल्ट आने से उसका हौसला बुलंद हुआ है और वह जी जान से एमबीबीएस की तैयारी करेगी. इसके लिए वह अभी कोटा आई है.

"प्रतिदिन 7 से 8 घंटे देर रात तक जागकर सेल्फ स्टडी करती थी और मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ महत्वपूर्ण जानकारियां इकट्ठा करने के लिए करती थी. अच्छा रिजल्ट आने से हौसला बुलंद हुआ है. मैं जी जान से एमबीबीएस की तैयारी करूंगी. इसके लिए अभी कोटा आई हूं" - प्रिया जायसवाल

पश्चिमी चंपारण: बिहार के बगहा के आदिवासी बहुल इलाके की छात्रा प्रिया जायसवाल ने मैट्रिक परीक्षा में पूरे बिहार में 8वें स्थान (bagaha priya got 8th rank in matric result) पर आकर अपने इलाके का मान बढ़ाया है. डॉक्टर बनने का ख्वाब देखने वाली प्रिया फिलहाल कोटा में है और उसे ईटीवी भारत की ओर से ही टॉप टेन में आने की खबर मिली. इसके बाद उसके साथ गए परिजन और उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. जिले के हरनाटांड़ स्थित एसएस उच्च विद्यालय की छात्रा प्रिया जायसवाल ने पूरे बिहार में टाॅप टेन में आठवें स्थान पर रही है. इसके बाद परिजनों से ज्यादा खुशी विद्यालय के शिक्षकों में देखने को मिली.

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रिजल्ट का इंतजार किये बिना पहुंच गई कोटाः थारूहट की राजधानी कहे जाने वाले आदिवासी बहुल इलाका हरनाटांड़ के धुमवाटांड निवासी संतोष जायसवाल की पुत्री ने मैट्रिक परीक्षा में 8वां रैंक लाकर इलाके का नाम रोशन किया है. प्रिया के पिता संतोष जायसवाल आटा चक्की मिल चलाते हैं और मां गृहिणी है. अपनी बेटी की सफलता पर यह परिवार फूला नहीं समा रहा है. हालांकि बिना रिजल्ट का इंतजार किए ही परिजन छात्रा के साथ कोटा पहुंचे हैं, ताकि उसका अच्छे शिक्षण संस्थान में दाखिला दिलवा सकें.

डाॅक्टर बनना चाहती है प्रियाः छात्रा प्रिया जायसवाल पढ़ लिख कर डॉक्टर बनने का सपना संजोए हुए है. इस सपने को पूरा करने के लिए परिजन कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. पिता संतोष जायसवाल का कहना है कि उनकी बिटिया शुरू से ही पढ़ने में होनहार है और वह बिना ट्यूशन, कोचिंग किये सेल्फ स्टडी से पढ़ाई करती थी. शुरू से ही उसका सपना एमबीबीएस करने का था. यही वजह है कि बिना रिजल्ट का इंतजार किए वह कोटा पहुंची है और अच्छे शिक्षण संस्थान की तलाश कर रही है.

प्रिया के दादा-दादी खुशः प्रिया के टॉप टेन में आने से दादा दादी समेत गांव के लोग काफी खुश हैं. साथ ही विद्यालय के शिक्षकों में भी खुशी का ठिकाना नहीं है. प्रिया ने बताया कि उसे 8वीं रैंक आने की जानकारी ईटीवी भारत से प्राप्त हुई. इसके बाद उसके खुशी का ठिकाना नहीं रहा. प्रिया ने बताया कि वह प्रतिदिन 7 से 8 घंटे देर रात तक जागकर सेल्फ स्टडी करती थी और मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ महत्वपूर्ण जानकारियां इकट्ठा करने के लिए करती थी. अच्छा रिजल्ट आने से उसका हौसला बुलंद हुआ है और वह जी जान से एमबीबीएस की तैयारी करेगी. इसके लिए वह अभी कोटा आई है.

"प्रतिदिन 7 से 8 घंटे देर रात तक जागकर सेल्फ स्टडी करती थी और मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ महत्वपूर्ण जानकारियां इकट्ठा करने के लिए करती थी. अच्छा रिजल्ट आने से हौसला बुलंद हुआ है. मैं जी जान से एमबीबीएस की तैयारी करूंगी. इसके लिए अभी कोटा आई हूं" - प्रिया जायसवाल

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