ETV Bharat / state

बेतिया के इस अस्पताल का है खस्ता हाल, मरीजों की जगह जानवर फरमाते हैं आराम

बगहा अनुमंडल के लाखों लोग इस अस्पताल पर निर्भर हैं. ऐसे में इस अस्पताल की स्थिति ऐसी है कि यहां महज छोटी-मोटी बीमारियों की जांच ही की जाती है.

बदहाल अस्पताल
author img

By

Published : Jun 21, 2019, 10:58 PM IST

Updated : Jun 21, 2019, 11:15 PM IST

बेतिया: एक ओर जहां चमकी बुखार को लेकर अस्पतालों को दुरुस्त करने की बात कही जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ यहां के अनुमंडलीय अस्पताल का हाल खस्ता नजर आ रहा है. हैरत की बात है कि इस चमकी बुखार से निबटने के लिए अस्पताल प्रशासन अभी तक सोया हुआ है.

लाखों लोग इस अस्पताल पर निर्भर
बगहा अनुमंडल के लाखों लोग इस अस्पताल पर निर्भर हैं. ऐसे में इस अस्पताल की स्थिति ऐसी है कि यहां सिर्फ छोटी-मोटी बीमारियों की जांच ही की जाती है. अगर कभी कोई बड़ी बीमारी को लेकर कोई मरीज आता है, तो उसे दूसरे बड़े अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है. विडंबना ये है कि मरीजों की देखभाल के लिए न तो कोई नर्स है और न ही कोई डॉक्टर. यहां परिसर में मवेशियों की सोने की जगह बन गई है.

बेतिया के अस्पताल का है खस्ता हाल

बदबू से परेशान मरीज
परिजनों का कहना है कि नजदीक में अस्पताल होने के कारण इलाज के लिए यहां आना पड़ता है. इस अस्पताल में कोई समुचित व्यवस्था नहीं है. अस्पताल में डॉक्टरों की बहुत कमी है. मरीजों की मानें तो अस्पताल में बदबू से लोगों का जीना मुहाल है.

अस्पताल उपाधीक्षक ने कबूली कमी
वहीं, अस्पताल उपाधीक्षक एके वर्मा ने बताया कि इस अस्पताल में 60 बेड होने चाहिए. लेकिन पूरे नहीं है. चमकी से निबटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यहां मरीजों की ड्रेसिंग कंपाउंडर करते हैं. इससे अनुमान लगा सकते हैं कि यह अस्पताल कितना तैयार है. एके वर्मा ने बताया कि सर्जन नहीं होने की वजह से सर्जरी वाले मरीज को दूसरे अस्पताल में रेफर किया जाता है.

बेतिया: एक ओर जहां चमकी बुखार को लेकर अस्पतालों को दुरुस्त करने की बात कही जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ यहां के अनुमंडलीय अस्पताल का हाल खस्ता नजर आ रहा है. हैरत की बात है कि इस चमकी बुखार से निबटने के लिए अस्पताल प्रशासन अभी तक सोया हुआ है.

लाखों लोग इस अस्पताल पर निर्भर
बगहा अनुमंडल के लाखों लोग इस अस्पताल पर निर्भर हैं. ऐसे में इस अस्पताल की स्थिति ऐसी है कि यहां सिर्फ छोटी-मोटी बीमारियों की जांच ही की जाती है. अगर कभी कोई बड़ी बीमारी को लेकर कोई मरीज आता है, तो उसे दूसरे बड़े अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है. विडंबना ये है कि मरीजों की देखभाल के लिए न तो कोई नर्स है और न ही कोई डॉक्टर. यहां परिसर में मवेशियों की सोने की जगह बन गई है.

बेतिया के अस्पताल का है खस्ता हाल

बदबू से परेशान मरीज
परिजनों का कहना है कि नजदीक में अस्पताल होने के कारण इलाज के लिए यहां आना पड़ता है. इस अस्पताल में कोई समुचित व्यवस्था नहीं है. अस्पताल में डॉक्टरों की बहुत कमी है. मरीजों की मानें तो अस्पताल में बदबू से लोगों का जीना मुहाल है.

अस्पताल उपाधीक्षक ने कबूली कमी
वहीं, अस्पताल उपाधीक्षक एके वर्मा ने बताया कि इस अस्पताल में 60 बेड होने चाहिए. लेकिन पूरे नहीं है. चमकी से निबटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यहां मरीजों की ड्रेसिंग कंपाउंडर करते हैं. इससे अनुमान लगा सकते हैं कि यह अस्पताल कितना तैयार है. एके वर्मा ने बताया कि सर्जन नहीं होने की वजह से सर्जरी वाले मरीज को दूसरे अस्पताल में रेफर किया जाता है.

Intro:जहाँ एक तरफ चमकी बुखार से पूरा सूबा हलकान है वहीं बिहार में बहुत ऐसे सरकारी अस्पताल हैं जो खुद व्यवस्थाओं की मार से पीड़ित हैं। ऐसे में बगहा अनुमंडलीय अस्पताल की हालत भी ऐसी है कि किसी भी गम्भीर हालात से निपटना अस्पताल प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है।


Body:बगहा अनुमंडल के लाखों बाशिंदों के बीच एक अनुमंडलीय अस्पताल और उसकी भी हालत ऐसी की मरीज यहां छोटे मोटे बीमारियों का भी इलाज नही करवा सकते। मरीजों को जिला अस्पताल रेफर करना यहाँ के चिकित्सकों की मजबूरी है। कितनी बड़ी विडंबना है कि एक तरफ जहां पूरा बिहार चमकी बुखार से बड़े पैमाने पर प्रभावित है, वही अनुमंडल के सबसे बड़े अस्पताल में इससे निपटने के लिए न तो नर्स हैं, न ही कोई सुविधा। अस्पताल में पानी व कीचड़ का जमावड़ा तो है हीं, मरीजों के बैठने की जगह पर कुत्ते आराम फरमाते रहते हैं। मरीज के परिजनों का कहना है कि बदबू की वजह से वे बाहर बैठने को मजबूर होते हैं। चिकित्सक की माने तो 60 बेड वाले इस अस्पताल में पूरे बेड भी नहीं हैं। नर्स तो एक भी नही। वहीं ड्रेसिंग का काम ड्रेसर की जगह कंपाउंडर से लिया जाता है। सर्जन नही होने की वजह से सर्जरी वाले पेशेंट को बाहर रेफर कर दिया जाता है।


Conclusion:बगहा पुलिस जिला के इस अनुमंडलीय अस्पताल पर इस क्षेत्र के हजारों गांव के लाखों लोगों के चिकित्सा का दारोमदार है। ऐसे में बिहार में फैले चमकी बुखार से निपटने की बात कौन कहे साधारण बीमारियों के बेहतर चिकित्सा के लिए भी व्यवस्थाओं का टोटा है। सरकार के दावों की पोल खोलता ये अस्पताल खुद ही अपनी बीमारी से वर्षों से लाइलाज है।
Last Updated : Jun 21, 2019, 11:15 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.