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बगहा: पूर्व मुखिया पर सामुदायिक भवन के अतिक्रमण का आरोप, हटाने के आदेश के बावजूद करा रहे नव-निर्माण - Former mukhiya Chandeshwar Singh

पूर्व मुखिया चन्देश्वर सिंह का कहना है कि 2011 में वे खुद मुखिया थे. उनके कार्यकाल में पंचायत में सामुदायिक और पंचायत भवन नहीं था. तब उन्होंने इसी भवन का इस्तेमाल अपने कार्यालय और सामुदायिक भवन के तौर पर किया, ये सरकारी सामुदायिक भवन नहीं है.

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Published : May 5, 2020, 6:19 PM IST

प.चंपारण: जिले के बगहा अनुमंडल अंतर्गत भितहा प्रखण्ड के भुईँधरवा पंचायत के पूर्व मुखिया चन्देश्वर सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप सामने आए हैं. आरोप है कि उन्होंने सामुदायिक भवन का अतिक्रमण कर अपना निवास बना लिया है. इस मामले का खुलासा लोक शिकायत निवारण अधिकारी की चिट्ठी से हुआ जिसमें भितहा बीडीओ को अतिक्रमण खाली कराने का निर्देश दिया गया है. हालांकि पूर्व मुखिया का कहना है कि अभी तक न तो जांच के लिए कोई आया है और ना ही उन्हें इस मामले की जानकारी है.

पूर्व मुखिया के खिलाफ गंभीर आरोप
कहा जा रहा है कि मुखिया ने तकरीबन 10 वर्षों से सामुदायिक भवन को ही अपना आशियाना बना रखा है. सपरिवार उन्होंने इस पर कब्जा जमा लिया है. हैरानी की बात ये है कि अतिक्रमण खाली कराने का आदेश जारी हुए दो महीने होने को हैं लेकिन अब तक कोई कार्रवाई धरातल पर नही दिख रही है. मुखिया इस सामुदायिक भवन की पहचान मिटाने के लिहाज से लगातार भवन की रिमॉडलिंग और नव निर्माण कराते जा रहे हैं और उन्हें रोकने वाला कोई नही है.इस मुद्दे पर जब बीडीओ से जानकारी की कोशिश की गई तो उन्होंने बयान देने में असमर्थता जाहिर की. हालांकि ऑफ द रिकॉर्ड उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है.

मुखिया पति बता रहे निजी जमीन
मुखिया पति चन्देश्वर सिंह का कहना है कि 2011 में वे खुद मुखिया थे. वर्तमान में उनकी पत्नी मुखिया हैं. उनके कार्यकाल में पंचायत में सामुदायिक और पंचायत भवन नहीं था. तब उन्होंने इसी भवन का इस्तेमाल अपने कार्यालय और सामुदायिक भवन के तौर पर किया, ये सरकारी सामुदायिक भवन नहीं है. मुखिया का यह भी कहना है कि इस मामले की उन्हें कोई जानकारी ही नही है क्योंकि अब तक जांच के लिए कोई नही आया है.

स्थानीय युवक ने दर्ज कराई थी लिखित शिकायत
पूरे मामले की शिकायत पंचायत के ही एक युवक फखरे आलम ने दर्ज कराई थी. उसने डीएम सहित कई अन्य विभाग में लिखित रूप में शिकायत की था कि साल 2009-10 में यह भवन सामुदायिक भवन था. 2011 में मुखिया का पद मिलने पर चन्देश्वर सिंह यही रहते आ रहे हैं. कार्यालय, आरटीपीएस सेंटर सब यही चलता आ रहा था, लेकिन अब उन्होंनेे अपने आवास की शक्ल दे दी है और आदेश के बावजूद भी खाली नही कर रहे हैं. परिवादी का आरोप है कि बिहार सरकार के एक मंत्री की धौंस दिखा कर चन्देश्वर सिंह ये कब्जा जमाए हुए हैं और अधिकारी कोई कार्रवाई नही कर पा रहा है.

प.चंपारण: जिले के बगहा अनुमंडल अंतर्गत भितहा प्रखण्ड के भुईँधरवा पंचायत के पूर्व मुखिया चन्देश्वर सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप सामने आए हैं. आरोप है कि उन्होंने सामुदायिक भवन का अतिक्रमण कर अपना निवास बना लिया है. इस मामले का खुलासा लोक शिकायत निवारण अधिकारी की चिट्ठी से हुआ जिसमें भितहा बीडीओ को अतिक्रमण खाली कराने का निर्देश दिया गया है. हालांकि पूर्व मुखिया का कहना है कि अभी तक न तो जांच के लिए कोई आया है और ना ही उन्हें इस मामले की जानकारी है.

पूर्व मुखिया के खिलाफ गंभीर आरोप
कहा जा रहा है कि मुखिया ने तकरीबन 10 वर्षों से सामुदायिक भवन को ही अपना आशियाना बना रखा है. सपरिवार उन्होंने इस पर कब्जा जमा लिया है. हैरानी की बात ये है कि अतिक्रमण खाली कराने का आदेश जारी हुए दो महीने होने को हैं लेकिन अब तक कोई कार्रवाई धरातल पर नही दिख रही है. मुखिया इस सामुदायिक भवन की पहचान मिटाने के लिहाज से लगातार भवन की रिमॉडलिंग और नव निर्माण कराते जा रहे हैं और उन्हें रोकने वाला कोई नही है.इस मुद्दे पर जब बीडीओ से जानकारी की कोशिश की गई तो उन्होंने बयान देने में असमर्थता जाहिर की. हालांकि ऑफ द रिकॉर्ड उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है.

मुखिया पति बता रहे निजी जमीन
मुखिया पति चन्देश्वर सिंह का कहना है कि 2011 में वे खुद मुखिया थे. वर्तमान में उनकी पत्नी मुखिया हैं. उनके कार्यकाल में पंचायत में सामुदायिक और पंचायत भवन नहीं था. तब उन्होंने इसी भवन का इस्तेमाल अपने कार्यालय और सामुदायिक भवन के तौर पर किया, ये सरकारी सामुदायिक भवन नहीं है. मुखिया का यह भी कहना है कि इस मामले की उन्हें कोई जानकारी ही नही है क्योंकि अब तक जांच के लिए कोई नही आया है.

स्थानीय युवक ने दर्ज कराई थी लिखित शिकायत
पूरे मामले की शिकायत पंचायत के ही एक युवक फखरे आलम ने दर्ज कराई थी. उसने डीएम सहित कई अन्य विभाग में लिखित रूप में शिकायत की था कि साल 2009-10 में यह भवन सामुदायिक भवन था. 2011 में मुखिया का पद मिलने पर चन्देश्वर सिंह यही रहते आ रहे हैं. कार्यालय, आरटीपीएस सेंटर सब यही चलता आ रहा था, लेकिन अब उन्होंनेे अपने आवास की शक्ल दे दी है और आदेश के बावजूद भी खाली नही कर रहे हैं. परिवादी का आरोप है कि बिहार सरकार के एक मंत्री की धौंस दिखा कर चन्देश्वर सिंह ये कब्जा जमाए हुए हैं और अधिकारी कोई कार्रवाई नही कर पा रहा है.

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