बेतिया: वाल्मीकि गंडक बराज से पिछले कुछ दिनों में कम पानी छोड़े जाने से आम लोगों को राहत मिलने लगी थी. वहीं, जिन घरों में बाढ़ का पानी घुसा था. वहां से भी पानी उतर गया था. लेकिन जलस्तर बढ़ने से फिर से समस्या आ गई है.
बराज से रिकार्ड 3.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से जो समस्या हुई थी, वही समस्या 16 जुलाई को सबसे कम 1.44 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के कारण जीवन पटरी पर लौटने लगी थी. लेकिन फिर जलस्तर बढ़ने से समस्या बढ़ने लगी है. आज यानी सोमवार को 2.23 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इससे जलस्तर में बृद्धि होने लगी है.
पीपी तटबंध पर बढ़ा दबाव
गंडक पार के चारों प्रखंड पिपरासी, मधुबनी, भितहा और ठकराहा की जीवन रक्षक कहे जाने वाले पिपरा-पिपरासी(पीपी) तटबंध पर गंडक के जलस्तर में वृद्धि होने से दबाव बढ़ गया है. 2017 में तटबंध के चंदरपुर प्वाइंट टूटे तटबंध पर फिर से दबाव बढ़ गया है. इसके अलावा नदी की एक धारा इस प्वाइंट पर आ कर टकरा रही है. इससे अधिकारियों की बेचैनी बढ़ गई है.
भितहा सीओ ने लिया जायजा
इसको लेकर भितहा सीओ शिवेन्द्र कुमार पुलिस बलों के साथ संवेदनशील स्थान पर पहुच कर स्थिति का जायजा लिया. मौके पर उपस्थित सिचाई विभाग के अभियन्ताओं से नजर बनाए रखने का निर्देश दिया.
सीमावर्ती लोगों को किया गया एलर्ट
सीओ ने बताया कि भारी बरसात के एलर्ट और गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते तटबंध के नजदीक बसे लोगों को अलर्ट दिया गया है. साथ ही सभी लोगों से आवश्यक तैयारी रखने को कहा गया है.