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पश्चिम चम्पारण में डायरिया से बच्चा समेत 4 की मौत, ANM पर लापरवाही का आरोप - ओआरएस

एक सप्ताह पहले से लोगों को दस्त की शिकायत हुई थी. लेकिन अब चार मौतों के बाद स्वास्थ्य विभाग गांव में कैम्प लगाकर पीड़ितों का इलाज कर रहा है. जबकि हैजा संक्रमण के डर से दर्जनों परिवार गांव छोड़कर जा चुके हैं.

चम्पारण में डायरिया का प्रकोप
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Published : Aug 6, 2019, 1:15 PM IST

पश्चिम चम्पारण: बगहा प्रखंड के पाड़रखाप पंचायत स्थित हरपुर गांव में डायरिया के प्रकोप फैलने से एक बच्चे समेत 4 लोगों की मौत हो गई. वहीं, दर्जनों ग्रामीण अब भी इस बीमारी से पीड़ित हैं. एक हफ्ते से फैले इस संक्रमण के डर से दर्जनों परिवार गांव छोड़कर पलायन कर चुके हैं. चार मौतों के बाद हरकत में आया स्वास्थ्य विभाग अब गांव में कैम्प लगाकर पीड़ितों का इलाज कर रहा है.

पश्चिम चम्पारण में स्वास्थ्य विभाग की टीम का दौरा

पलायन को मजबूर ग्रामीण
डायरिया के प्रकोप के कारण ग्रामीण पलायन करने को मजबूर हैं. बगहा एक अंतर्गत हरपुर गांव में बीते एक सप्ताह में संक्रमण की वजह से फैले डायरिया के कारण चार लोग काल के गाल में समा चुके हैं. वहीं अब भी दर्जनों लोग डायरिया से पीड़ित हैं.

स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण डायरिया विकराल रूप लेता जा रहा है. इस बीमारी की वजह से ग्रामीण डरे सहमे हुए हैं. वहीं, लोगों ने स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोप है कि सूचना देने के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया. जिस कारण 4 लोगों की मौत हो गई.

ओआरएस और दवाई से चल रहा काम
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि एक सप्ताह पहले से लोगों को दस्त की शिकायत हुई थी. जिसके बाद सूचना देने पर भी कोई उनका हाल जानने नहीं आया. 4 मौतों के बाद जागा अस्पताल प्रशासन अब सिर्फ ओआरएस और एक गोली देकर पल्ला झाड़ रहा है.

महीने में एक बार आती है एएनएम
गांव के मुखिया ने बताया कि हरपुर गांव में दिखावे के लिए एक उप स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया है. यहां पदस्थापित एएनएम महीने में एक बार ही आती हैं. डायरिया से प्रभावित गांव में कैम्प कर रहे डॉक्टर अभय सिंह का कहना है कि एएनएम की लापरवाही से यह मौतें हुई हैं. अगर वह इस स्वास्थ्य उप केंद्र पर डयूटी करती तो हमे इसकी सूचना पहले ही मिल गई होती.

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डायरिया से पीड़ित व्यक्ति

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किया दौरा
सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव के प्रभावित क्षेत्रों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव और नलकूपों में जलशुद्धिकरण के लिए अलुमिन की गोलियां डालीं. गांव के लोगों का कहना है कि वह इससे संतुष्ट नही हैं.

पश्चिम चम्पारण: बगहा प्रखंड के पाड़रखाप पंचायत स्थित हरपुर गांव में डायरिया के प्रकोप फैलने से एक बच्चे समेत 4 लोगों की मौत हो गई. वहीं, दर्जनों ग्रामीण अब भी इस बीमारी से पीड़ित हैं. एक हफ्ते से फैले इस संक्रमण के डर से दर्जनों परिवार गांव छोड़कर पलायन कर चुके हैं. चार मौतों के बाद हरकत में आया स्वास्थ्य विभाग अब गांव में कैम्प लगाकर पीड़ितों का इलाज कर रहा है.

पश्चिम चम्पारण में स्वास्थ्य विभाग की टीम का दौरा

पलायन को मजबूर ग्रामीण
डायरिया के प्रकोप के कारण ग्रामीण पलायन करने को मजबूर हैं. बगहा एक अंतर्गत हरपुर गांव में बीते एक सप्ताह में संक्रमण की वजह से फैले डायरिया के कारण चार लोग काल के गाल में समा चुके हैं. वहीं अब भी दर्जनों लोग डायरिया से पीड़ित हैं.

स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण डायरिया विकराल रूप लेता जा रहा है. इस बीमारी की वजह से ग्रामीण डरे सहमे हुए हैं. वहीं, लोगों ने स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोप है कि सूचना देने के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया. जिस कारण 4 लोगों की मौत हो गई.

ओआरएस और दवाई से चल रहा काम
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि एक सप्ताह पहले से लोगों को दस्त की शिकायत हुई थी. जिसके बाद सूचना देने पर भी कोई उनका हाल जानने नहीं आया. 4 मौतों के बाद जागा अस्पताल प्रशासन अब सिर्फ ओआरएस और एक गोली देकर पल्ला झाड़ रहा है.

महीने में एक बार आती है एएनएम
गांव के मुखिया ने बताया कि हरपुर गांव में दिखावे के लिए एक उप स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया है. यहां पदस्थापित एएनएम महीने में एक बार ही आती हैं. डायरिया से प्रभावित गांव में कैम्प कर रहे डॉक्टर अभय सिंह का कहना है कि एएनएम की लापरवाही से यह मौतें हुई हैं. अगर वह इस स्वास्थ्य उप केंद्र पर डयूटी करती तो हमे इसकी सूचना पहले ही मिल गई होती.

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डायरिया से पीड़ित व्यक्ति

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किया दौरा
सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव के प्रभावित क्षेत्रों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव और नलकूपों में जलशुद्धिकरण के लिए अलुमिन की गोलियां डालीं. गांव के लोगों का कहना है कि वह इससे संतुष्ट नही हैं.

Intro:बगहा एक प्रखंड के पाड़रखाप पंचायत के हरपुर गांव में डायरिया का प्रकोप फैलने से एक बच्चा समेत 4 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों ग्रामीण अभी भी इस बीमारी से पीड़ित हैं। एक हफ्ते से फैले इस संक्रमण से भयभीत दर्जनों परिवार गांव को छोड़ पलायन भी कर चुके हैं। चार मौतों के बाद आज स्वास्थ्य विभाग हरकत में आई है और गांव में कैम्प लगा पीड़ितों का इलाज कर रही है।


Body:भारी बारिश के बाद हुए जलजमाव ने अब अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। बगहा एक अंतर्गत हरपुर गांव में विगत एक सप्ताह में संक्रमण की वजह से फैले डायरिया के कारण चार लोग काल के गाल में समा गए हैं। अब भी दर्जनों लोग डायरिया से पीड़ित हैं। कुछ लोगों का इलाज घर मे ही चल रहा तो कुछ सरकारी व निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता से विकराल रूप लेते जा रहे इस बीमारी की वजह से सहमे दर्जनों ग्रामीण गांव से पलायन कर अपने रिश्तेदारों के यहाँ शरण लिए हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि एक सप्ताह पहले से लोगों को कै- दस्त होना शुरू हुआ लेकिन सूचना देने के बाद भी अस्पताल प्रशासन ध्यान नही दिया। जिस लापरवाही के वजह से लोगों की मौत हुई है। आज जब स्वास्थ्य विभाग की टीम आई है तो सिर्फ ओ आर एस का पैकेट और एक एक गोली देकर पल्ला झाड़ रही है। वहीं पंचायत के मुखिया कल्पनाथ पांडे का कहना है कि प्रशासन को इसकी सूचना आरम्भ में ही दी गई थी लेकिन चार मौतों के बाद प्रशासन अब हरकत में आई है। मुखिया ने यह भी बताया कि हरपुर गांव में एक उप स्वास्थ्य केंद्र है लेकिन महज दिखावे का। क्योंकि यहाँ पदस्थापित ए एन एम महीने में एक बार ही आती हैं। डायरिया से प्रभावित गांव में कैम्प कर रहे चिकित्सक अभय सिंह का कहना है कि ए एन एम की लापरवाही से यह मौतें हुई हैं। अगर वह इस स्वास्थ्य उओ केंद्र पर डयूटी करती रहती तो इसकी सूचना हमे पहले मिल गई होती।

बाइट- दशरथ, ग्रामीण।
बाइट- कल्पनाथ पांडेय , मुखिया।
बाइट- अभय सिंह, चिकित्सक।


Conclusion:जलजमाव और संक्रमण की वजह से फैले डायरिया के कहर ने गांव व आसपास के लोगों को भयभीत कर दिया है। आज पहुची स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा गांव में प्रभावित क्षेत्रों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा और नलकूपों में जलशुद्धिकरण के लिए अलुमिन की गोलियाँ डाली जा रहीं साथ ही साथ पीड़ितों को ओआरएस का घोल दिया जा रहा। लेकिन गांव के लोग इससे सन्तुष्ट नही हैं, उनको यहीं लग रहा कि विभाग चार मौतों के बाद जागा है और आग लगने पर कुँव खोदने का काम कर रहा।
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