पश्चिम चम्पारण: बगहा प्रखंड के पाड़रखाप पंचायत स्थित हरपुर गांव में डायरिया के प्रकोप फैलने से एक बच्चे समेत 4 लोगों की मौत हो गई. वहीं, दर्जनों ग्रामीण अब भी इस बीमारी से पीड़ित हैं. एक हफ्ते से फैले इस संक्रमण के डर से दर्जनों परिवार गांव छोड़कर पलायन कर चुके हैं. चार मौतों के बाद हरकत में आया स्वास्थ्य विभाग अब गांव में कैम्प लगाकर पीड़ितों का इलाज कर रहा है.
पलायन को मजबूर ग्रामीण
डायरिया के प्रकोप के कारण ग्रामीण पलायन करने को मजबूर हैं. बगहा एक अंतर्गत हरपुर गांव में बीते एक सप्ताह में संक्रमण की वजह से फैले डायरिया के कारण चार लोग काल के गाल में समा चुके हैं. वहीं अब भी दर्जनों लोग डायरिया से पीड़ित हैं.
स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण डायरिया विकराल रूप लेता जा रहा है. इस बीमारी की वजह से ग्रामीण डरे सहमे हुए हैं. वहीं, लोगों ने स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोप है कि सूचना देने के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया. जिस कारण 4 लोगों की मौत हो गई.
ओआरएस और दवाई से चल रहा काम
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि एक सप्ताह पहले से लोगों को दस्त की शिकायत हुई थी. जिसके बाद सूचना देने पर भी कोई उनका हाल जानने नहीं आया. 4 मौतों के बाद जागा अस्पताल प्रशासन अब सिर्फ ओआरएस और एक गोली देकर पल्ला झाड़ रहा है.
महीने में एक बार आती है एएनएम
गांव के मुखिया ने बताया कि हरपुर गांव में दिखावे के लिए एक उप स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया है. यहां पदस्थापित एएनएम महीने में एक बार ही आती हैं. डायरिया से प्रभावित गांव में कैम्प कर रहे डॉक्टर अभय सिंह का कहना है कि एएनएम की लापरवाही से यह मौतें हुई हैं. अगर वह इस स्वास्थ्य उप केंद्र पर डयूटी करती तो हमे इसकी सूचना पहले ही मिल गई होती.
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किया दौरा
सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव के प्रभावित क्षेत्रों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव और नलकूपों में जलशुद्धिकरण के लिए अलुमिन की गोलियां डालीं. गांव के लोगों का कहना है कि वह इससे संतुष्ट नही हैं.