सोनपुर: सोनपुर मेले की तैयारी अपने अंतिम चरण में हैं. रविवार यानी 6 नवंबर से इस मेले का विधिवत रूप से उद्घाटन बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Deputy Chief Minister Tejashwi Yadav) करेंगे. मेले के उद्घाटन को लेकर पर्यटन विभाग और सारण जिला प्रशासन के द्वारा आकर्षक आमंत्रण पत्र जारी किया गया है. जिसमें हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले का गौरवशाली इतिहास भी अंकित किया गया है
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कल शाम होगा मेले का उद्घाटन: कल शाम को 4:30 बजे उपमुख्यमंत्री इस मेले का विधिवत रूप से उद्घाटन करेंगे. यह मेला 6 नवंबर से शुरू होकर 5 दिसंबर तक लगभग 1 महीने चलेगा. इसमें कई तरह के आकर्षक स्टॉल लगाए जाएंगे और देश-विदेश से पर्यटक यहां पहुंचेंगे इस मेले के उद्घाटन के समय में सारण और महाराजगंज क्षेत्र के सांसद राजीव प्रताप रूडी और जनार्दन सिंह सिग्रीवाल सारण के सभी दसों विधानसभा क्षेत्र के विधायक, राज्यसभा के उपसभापति डॉ हरिवंश, कला संस्कृति युवा मामलों के मंत्री जितेंद्र राय, श्रम संसाधन मंत्री सुरेंद्र राम समेत कई सांसद और विधायक भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे.
ऐतिहासिक इतिहास की दिखेगी छवि: सोनपुर के इस मेले का ऐतिहासिक, पौराणिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक दृष्टिकोण के साथ ही राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय पहचान है. पर्यटन विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, कला संस्कृति तथा युवा विभाग तथा जिला प्रशासन अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस महामेले को सजाने संवारने की दिशा में निरंतर प्रयास कर रहा है.
मेले में होगा कई कार्यक्रमों का आयोजन: आधुनिक रूप देने के उद्देश्य से सांस्कृतिक कार्यक्रम, एडवेंचर, खेलकूद प्रतियोगिता, वाटर स्पोर्ट्स आर्ट्स और क्राफ्ट्स के प्रदर्शन के तहत देश विदेश के सुंदर हस्तशिल्प कारिक नमूना देखने को मिलता है. इस मेले में बड़े पैमाने पर ग्राहकों के द्वारा खरीद-बिक्री की जाती है.
आस्था और भक्ति का अद्भुत केंद्र है सोनपुर: सारण में गंगा एवं गंडक के संगम पर स्थित सोनपुर नामक कस्बे को प्राचीन काल से ही हरिहर क्षेत्र कहते हैं. देश के चार महाक्षेत्रों में एक हरिहर क्षेत्र आस्था और भक्ति का अद्भुत केंद्र है. ऐसा माना जाता है कि संगम की धारा में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहां पर विशाल मेला लगता है. जो मवेशियों के लिए एशिया का सबसे विशाल मेला माना जाता है. सारण जिले में यह मेला क्षेत्र सोनपुर पहलेजा घाट से लेकर हाजीपुर तक फैला है.
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