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ब्रह्मा ने की थी यहां शिवलिंग की स्थापना, दर्शनमात्र से पूरी होती हैं भक्तों की मनोकामनाएं

विश्व प्रसिद्ध बाबा हरिहरनाथ मंदिर में शिवरात्रि और सावन की सोमवारी पर हरिहरनाथ मंदिर में जल चढ़ाने के लिए भक्तों का भारी हुजुम उमड़ता है. देश विदेश से लोग यहां दर्शन करने आते हैं.

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Published : Feb 20, 2020, 12:48 PM IST

वैशाली: सोनपुर के विश्व प्रसिद्ध बाबा हरिहरनाथ मंदिर में एक ही जगह भगवान शिव का लिंग और भगवान विष्णु की मूर्ती है. पूरे एशिया में यह किसी दूसरे मंदिर में नहीं है. इस मंदिर की महिमा अपार है. मान्यता है कि यहां दर्शन मात्र से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. इसका जिक्र पुरानों में भी किया गया है.

मंदिर में एक ही जगह शिवलिंग और भगवान विष्णु की मूर्ति
हरिहरनाथ मंदिर में एक ही शिवलिंग में आगे शिव जी और पीछे भगवान विष्णु विराजमान हैं. मंदिर के पुजारी शैलेन्द्र पांडेय ने बताया कि खुद ब्रह्मा ने भगवान शिव के लिंग की यहां स्थापना की थी. वहीं शिवलिंग में पीछे स्थापित भगवान विष्णु की मूर्ति आज से दो सौ साल पूर्व क्षेत्र के च्वंन्न कुंड से खुदाई करने के दौरान मिली थी.

पेश है रिपोर्ट

शिवरात्रि पर लगता है भक्तों का तांता
शिवरात्रि और सावन की सोमवारी पर हरिहरनाथ मंदिर में जल चढ़ाने के लिए भक्तों का भारी हुजुम उमड़ता है. सोनपुर देवताओं की भूमि के नाम से भी प्रसिद्ध है. यहां आदिकाल में गज और ग्राह की लड़ाई में भगवान खुद अवतरित हुए थे. जहां उन्होंने गज को ग्राह से बचाया था. तबसे लेकर आजतक देश विदेश से लोग यहां दर्शन करने के लिए आते है.

वैशाली: सोनपुर के विश्व प्रसिद्ध बाबा हरिहरनाथ मंदिर में एक ही जगह भगवान शिव का लिंग और भगवान विष्णु की मूर्ती है. पूरे एशिया में यह किसी दूसरे मंदिर में नहीं है. इस मंदिर की महिमा अपार है. मान्यता है कि यहां दर्शन मात्र से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. इसका जिक्र पुरानों में भी किया गया है.

मंदिर में एक ही जगह शिवलिंग और भगवान विष्णु की मूर्ति
हरिहरनाथ मंदिर में एक ही शिवलिंग में आगे शिव जी और पीछे भगवान विष्णु विराजमान हैं. मंदिर के पुजारी शैलेन्द्र पांडेय ने बताया कि खुद ब्रह्मा ने भगवान शिव के लिंग की यहां स्थापना की थी. वहीं शिवलिंग में पीछे स्थापित भगवान विष्णु की मूर्ति आज से दो सौ साल पूर्व क्षेत्र के च्वंन्न कुंड से खुदाई करने के दौरान मिली थी.

पेश है रिपोर्ट

शिवरात्रि पर लगता है भक्तों का तांता
शिवरात्रि और सावन की सोमवारी पर हरिहरनाथ मंदिर में जल चढ़ाने के लिए भक्तों का भारी हुजुम उमड़ता है. सोनपुर देवताओं की भूमि के नाम से भी प्रसिद्ध है. यहां आदिकाल में गज और ग्राह की लड़ाई में भगवान खुद अवतरित हुए थे. जहां उन्होंने गज को ग्राह से बचाया था. तबसे लेकर आजतक देश विदेश से लोग यहां दर्शन करने के लिए आते है.

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