वैशाली: बिहार के वैशाली में अनोखी शादी (Unique Wedding in Vaishali) का मामला सामने आया है. किसी फिल्म की कहानी की तरह हाजीपुर में युवती को उसके सौतेले मां बाप ने घर से निकाल दिया था. युवती किसी तरह रोटी मांगने एक दरवाजे पर पहुंची थी. जहां एक बुजुर्ग महिला ने युवती को देखकर न सिर्फ उसको आसरा दिया, बल्कि उसकी शादी (Destitute Girl Married in Vaishali) करवाने में मदद भी की. बताया जाता है कि कुछ असामाजिक लोगों की इस युवती पर गंदी नजर भी थी, जिसके बाद ग्रामीणों ने एकजुटता का परिचय देते हुए युवती की धूमधाम से शादी करवा दी ताकि वो अपनी आगे की जिंदगी अच्छे से बीता सके.
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दरअसल, नवादा जिला के मजगामा की रहने वाली गुड़िया कुमारी 5 जनवरी को भटकते-भटकते हाजीपुर सदर थाना क्षेत्र के दिघी गांव पहुंच गई थी. जहां उसने एक घर में भूख से तड़पते हुए रोटी मांगी थी. घर में मौजूद महिला ने अकेली युवती को परेशान देखकर उसे आसरा दिया. दो-चार दिनों के बाद जब यह बात जंगल की आग की तरह फैल गई, तो कुछ असामाजिक लोगों को यह बात खटकने लगी. यहां तक कि वो युवती को बेचने की फिराक में लग गए थे. जिसकी जानकारी आसरा देने वाली महिला को हुई तो उन्होंने दिघी पूर्वी की मुखिया आशा देवी के बेटे रवि प्रकाश को सारी बात बताई.
जिसके बाद रवि प्रकाश ने ग्रामीण स्तर पर बातचीत कर सोनपुर के रहने वाले अलख कुमार से युवती की शादी तय कर दी. अलख कुमार सोनपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला है और कोलकाता में कार ड्राइविंग का काम करता है. इस विषय में रवि प्रकाश का कहना है कि तमाम बातों की जानकारी के बाद उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को भी दी थी. लेकिन, गुड़िया ना तो पुलिस के पास जाना चाहती थी ना ही अपने घर जाना चाहती थी, इसलिए ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि उसकी शादी करा दी जाए. गांव के ही कमल राय ने सोनपुर के रहने वाले अपने भांजे को बुलाकर गुड़िया की शादी की बात की और सभी लोग राजी खुशी से मान गए. इसके बाद ग्रामीणों ने दोनों की शादी करवा दी.
वहीं, इस विषय में गुड़िया कुमारी ने बताया कि उसके सौतेले माता पिता ने घर से निकाल दिया था. वो काम की तलाश में भटक रही थी. इस दौरान वो ट्रेन से हाजीपुर आई हुई थी, जहां एक महिला ने उसे आसरा दिया. लेकिन, जब कुछ लोग उसको बेचने की बात करने लगे, तो उनको मुखिया जी के पास जाकर गुहार लगानी पड़ी और तब उसकी शादी हो गई. इस विषय पर गुड़िया से शादी करने वाले अलख कुमार का कहना है कि वह खुद कमाते हैं, इसलिए उन्हें दहेज की आवश्यकता नहीं है. बड़े बुजुर्गों ने जो निर्णय लिया है, उससे वो बेहद खुश हैं.
एक और जहां अकेली असहाय लड़की को समाज के भूखे भेड़िए शिकार बनाने की टोह में लगे रहते हैं. ऐसे में इंसानियत वाला यह कार्य वैशाली जिले के दिघी गांव के ग्रामीणों ने किया है. निश्चित तौर पर किस काम की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है. ग्रामीणों ने ना सिर्फ गुड़िया को आश्रय दिया, बल्कि उसकी शादी भी करवाई. साथ ही उसे असामाजिक लोगों से बचाने का भी काम किया.
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