वैशाली: उत्पाद विभाग और पुलिस की गिरफ्त से गुरुवार देर रात फरार हुआ शराब कारोबारी डॉक्टर सुरेश कुमार शुक्रवार की शाम पकड़ा गया. गिरफ्तारी के वक्त वह शराब की खेप लाने ही गया था. पुलिस काे सूचना मिली थी कि वह नवादा से आने वाली शराब की खेप को रिसीव करने जा रहा है. सूचना मिलने के आधार पर पटना के नवादा चेक पोस्ट से गिरफ्तार कर लिया गया (Vaishali absconding liquor businessman arrested). पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद खुलासा हुआ कि डॉक्टर सुरेश कुमार दवा से सिर्फ नकली शराब (Liquor factory caught in Hajipur) बनाने वाला कोई छोटा मोटा काराेबारी नहीं है बल्कि शराब का बड़ा तस्कर है. बिहार के कई जिलों के अलावा कई राज्यों में भी इसका नेटवर्क है.
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सुभई गांव में पकड़ायी थी शराब की फैक्ट्रीः उत्पाद विभाग की टीम गुरुवार की रात सदर थाना क्षेत्र के सुभई गांव में छापेमारी करने पहुंची थी. टीम काे गुप्त सूचना मिली थी कि एक निजी नर्सिंग होम का बैनर लगाकर शराब की फैक्ट्री चलायी जा रही थी. दवा से महंगी विदेशी शराब बनायी जाती थी (vaishali Alcohol made from medicine). छापेमारी में उत्पाद विभाग की टीम ने एक ट्रक कच्चा माल और तैयार शराब बरामद की थी. साथ ही पंचिंग मशीन और रैपर भी मौके से बरामद किया गया था. आराेपी डॉक्टर काे गिरफ्तार कर लिया गया था. उसके हाथ में रस्सी बांध कर रखा गया था. लेकिन तभी बिजली गुल हाे गयी और अंधेरे का फायदा उठाकर आरोपी डॉक्टर सुरेश कुमार फरार हो गया था.
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केमिकल मिलाकर बनता था ब्रांडेड शराबः उत्पाद अधीक्षक विजय शेखर दुबे ने बताया कि प्राइवेट अस्पताल की आड़ में नकली शराब बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था. जहां से एक झोलाछाप डॉक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उसके हाथ बांध कर कुर्सी पर बैठाया गया था. इसी बीच लाइट कटी और वह अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया था. जिसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही थी. इसी क्रम ने उसे पटना से गिरफ्तार किया गया है. पकड़ा गया आरोपी अवैध शराब का बड़ा धंधेबाज है. इसके तार कई जिलों से जुड़े हैं. यह अन्य राज्यों से शराब मंगवाता था. फिर दवा और अन्य केमिकल मिलाकर बड़े ब्रांड की डुप्लीकेट शराब बनाता था. फरार होने के बाद यह शराब की डिलीवरी लेने जा रहा था जब इसे गिरफ्तार किया गया.
केमिकल का जानकार है आरोपीः डॉ सुरेश कुमार केमिकल का जानकार है. वह डुप्लीकेट शराब बनाने का एक्सपोर्ट माना जाता है. सूत्रों की मानें तो बिहार के कई जिलों में इसके द्वारा बनाए गए ब्रांडेड महंगे शराब की बिक्री की जाती है. साथ में कई जगहों पर शराब की फैक्ट्री होने का अनुमान है. आशंका जताई जा रही है कि यह कोई डॉक्टर नहीं है, बल्कि शराब की फैक्ट्री चलाने के लिए नर्सिंग होम और दवा की दुकान पहले खोलता है. जिसकी आड़ में शराब की फैक्ट्री चलाता है. इसका नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है.
"छापेमारी कर एक प्राइवेट अस्पताल की आड़ में चलाए जा रहे नकली शराब की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था. जहां से एक झोलाछाप डॉक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उसके हाथ बांध कर कुर्सी पर बैठाया गया था. इसी बीच लाइट कटी और वह अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला था. जिसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही थी. इसी क्रम ने उसे पटना से गिरफ्तार किया गया है. पकड़ा गया आरोपी अवैध शराब का बड़ा धंधेबाज है. यह अन्य राज्यों से शराब मंगवाने का काम करता था और फिर दवा और अन्य केमिकल से बड़े ब्रांडों का डुप्लीकेट शराब बनाता था" - विजय शेखर दुबे, उत्पाद अधीक्षक