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विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेला में हवा मिठाई का क्रेज, दर्जनों विक्रेता कर रहे हैं इसकी बिक्री - craze of hawa mithai remains intact

वर्षों पुरानी इस मिठाई के नाम के पीछे भी विशेष कारण है. मुंह में रखते ही यह घुल जाती है, इसलिए इसे हवा मिठाई नाम से जानते हैं. वर्तमान समय मे पूरे मेले परिसर में दर्जनों की संख्या में इसके विक्रेता घूम रहे हैं.

विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेला में हवा मिठाई का क्रेज
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Published : Nov 19, 2019, 5:41 PM IST

सोनपुर: विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेला में मशहूर ग्रामीण हवा मिठाई का क्रेज बरकरार हैं. पूरे सोनपुर मेला परिसर में इस पेशे से जुड़े दर्जनों लोग इसे बेच रहें हैं और रोजाना 500 से ज्यादा कमाई भी कर लेते हैं.

'हवा मिठाई नाम के पीछे विशेष कारण'
वर्षों पुरानी इस मिठाई के नाम के पीछे भी विशेष कारण है. मुंह में रखते ही यह घुल जाती है, इसलिये इसे हवा मिठाई नाम से जानते हैं. वर्तमान समय मे पूरे मेले परिसर में दर्जनों की संख्या में इसके विक्रेता घूम रहे हैं. हवा मिठाई मशीन के जरिए तैयार की जाती हैं. यह मिठाई मुंह में रखते ही तुरंत घुल जाती है और मीठे स्वाद का एहसास कराती हैं. ग्रामीण क्षेत्रो में हवा मिठाई अब भी काफी लोकप्रिय है. इसे छोटे से लेकर बड़े भी चाव से खाते हैं

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मेला परिसर दर्जनों की संख्या में हवा मिठाई विक्रेता
पूरे मेला में हवा मिठाई विक्रेताओं की संख्या दर्जनों हैं. इन्हें पूरे दिन मेले में हवा मिठाई बिक्री करने के लिये 50 रुपये की रसीद भी कटवानी पड़ती हैं. हर विक्रेता दिन भर में 500 रुपये तक की कमाई कर लेते हैं.

सोनपुर: विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेला में मशहूर ग्रामीण हवा मिठाई का क्रेज बरकरार हैं. पूरे सोनपुर मेला परिसर में इस पेशे से जुड़े दर्जनों लोग इसे बेच रहें हैं और रोजाना 500 से ज्यादा कमाई भी कर लेते हैं.

'हवा मिठाई नाम के पीछे विशेष कारण'
वर्षों पुरानी इस मिठाई के नाम के पीछे भी विशेष कारण है. मुंह में रखते ही यह घुल जाती है, इसलिये इसे हवा मिठाई नाम से जानते हैं. वर्तमान समय मे पूरे मेले परिसर में दर्जनों की संख्या में इसके विक्रेता घूम रहे हैं. हवा मिठाई मशीन के जरिए तैयार की जाती हैं. यह मिठाई मुंह में रखते ही तुरंत घुल जाती है और मीठे स्वाद का एहसास कराती हैं. ग्रामीण क्षेत्रो में हवा मिठाई अब भी काफी लोकप्रिय है. इसे छोटे से लेकर बड़े भी चाव से खाते हैं

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मेला परिसर दर्जनों की संख्या में हवा मिठाई विक्रेता
पूरे मेला में हवा मिठाई विक्रेताओं की संख्या दर्जनों हैं. इन्हें पूरे दिन मेले में हवा मिठाई बिक्री करने के लिये 50 रुपये की रसीद भी कटवानी पड़ती हैं. हर विक्रेता दिन भर में 500 रुपये तक की कमाई कर लेते हैं.

Intro:लोकेशन: वैशाली ।
रिपोर्टर: राजीव कुमार श्रीवास्तवा ।

: सोंनपुर के विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेला में ग्रामीण मशहूर हवा मिठाई का क्रेज बरकरार हैं। पूरे मेले परिसर में इस पेशे से जुड़ें दर्जनों लोग इसे बेच रहें हैं और रोजाना 500 से ज्यादा कमाई भी कर लेते हैं।


Body:सोंनपुर के विश्व प्रसिद्ध मेला में वर्षों पुराना ये हवा मिठाई की खूब बिक्री हो रहीं हैं। इस पेशे से जुड़ें लोगों की मानें तो प्रति हवा मिठाई दस रुपये में मिलता हैं। यह हवा मिठाई मुह में रखने के बाद गायब हो जाता हैं। इसलिये इसे हवा मिठाई के नाम से जानते हैं। वर्तमान समय मे पूरे मेले परिसर में दर्जनों की संख्या में उपलब्ध हैं। इसका पेशा करने वाला धीरज खुद को यूपी घर बताता हैं ।कहता हैं कि कम लागत की पूंजी लगाता हु ।और कमाई डबल से भी ज्यादा होती हैं। वह आगें बताता हैं कि मेले जा शुरुवात होने के ही दिन से यह कारोबार करता आ रहा हैं और उसे रोजाना 400 से 500 रुपया आसानी से कमाई हो जाती हैं।

ये हवा मिठाई मशीन द्वारा तैयार की जाती हैं। यह मिठाई मुह में रखते ही तुरंत घुल जाती हैं और गायब भी होती हैं। पर आपको अपना मीठा का स्वाद का एहसास कराती जाती हैं। इसलिये यह खाने के बाद थोड़ी देर के लिय खुद को ठगा सा महसूस करते हैं।

ग्रामीण क्षेत्रो में हवा मिठाई का आज वर्षो के बाद भी क्रेज हैं। इसे छोटे- छोटे बच्चें , बच्चियां से लेकर बड़े लोग भी खाते हैं। इसका पुराना इतिहास रहा हैं। गांव में हवा मिठाई बेचने वाले पैदल ही बिक्री करने के लिये पूरा गाव के एक एक घर जाकर इसे बेचते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी खूब बिक्री होती हैं। गरीब लोग पैसे नहीं होने पर घर से अनाज देकर भी इस हवा मिठाई को लेना पसंद करते हैं।

पूरे मेला में इनकी संख्या दर्जनों हैं। इन्हें पूरे दिन मेले में हवा मिठाई बिक्री करने के लिये 50 रुपये, 30 रुपये की रसीद भी कटवानी पड़ती हैं। प्रति हवा मिठाई 500 रुपये से ज्यादा कमाई आसानी से कर लेते हैं। मंटू नामक एक नाबालिक लड़का ने बताया कि इसमें कम लागत ज्यादा कमाई होता हैं।

मेले परिसर में फुटपाथ से लेकर छोटे बड़े दुकानों की संख्या सैकड़ों की संख्या में होंगीं। यूपी से लेकर स्थानीय होते हैं हवा मिठाई की कारोबार करने वाले ।

एक खास समूह होता हैं इसकी स्वाद चखने के लिये ।




Conclusion: स्टोरी की शुरुवात विज़ुअल्स से
ओपेन: PTC, संवाददाता, राजीव, वैशाली ।

बाइट: दुकानदार मंटू
बाइट: दुकानदार : धीरज
CLOSE PTC संवाददाता, राजीव, वैशाली ।
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