वैशाली: बिहार में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए केके पाठक ने कई कदम उठाएं हैं. जिसमें एग्जाम से पहले अटेंडेंस 75 प्रतिशत होने की भी बात सामने आई है. इसी कड़ी में वैशाली में स्कूली छात्राओं ने जमकर हंगामा किया है. ज्यादातर स्कूलों में छात्रों के बैठने की भी व्यवस्था सही नहीं है. छात्र स्कूलों में एडमिशन तो ले लेते हैं लेकिन निजी कोचिंग और निजी स्कूलों में पढ़ाई करते हैं.
वैशाली में छात्राओं के हंगामे की वजह: जब वैशाली के महनार स्थित बालिका उच्च विद्यालय में छात्राएं पढ़ाई के लिए पहुंची तो उनके बैठने के लिए स्कूल में जगह ही नहीं थी. पढ़ाई करवाने के लिए शिक्षक नहीं थे ना ही कोई मूलभूत व्यवस्था थी. जिसे लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ, तोड़फोड़ हुई, पुलिसकर्मियों को भी चोट आई है और कई छात्राएं भी बीमार हो गई हैं.
क्या कहती हैं छात्राएं: विरोध प्रदर्शन कर रही एक छात्रा ने बताया कि स्कूल में बैठने का भी जगह नहीं है और उन लोगों को बोला जाता है कि स्कूल आओ. ना यहां बैठने की जगह है ना और ना ही सही ढंग से पढ़ाई होती है. पहले बोला गया इंग्लिश मीडियम है यहां सभी विषय की पढ़ाई होती है. हालांकि यहां सभी विषय की पढ़ाई नहीं होती है. छात्राओं का कहना है कि उन्हें स्टार्टिंग मार्च में क्यों नहीं बताया गया कि 75% अटेंडेंस चाहिए.
"हमें शुरूआत में क्यों नहीं बोल गया. जो बच्चे अलग स्कूल में पढ़ रहे है उसका तो पैसा डूब गया. इन्हें 75 प्रतिशत अटेंडेंस चाहिए लेकिन स्कूल में बैठने के लिए व्यवस्था नहीं है तो कहां से आएगा अटेंडेंस 75 प्रतिशत. हमलोगों की मांग है कि पहले स्कूल की व्यवस्था ठीक की जाए और स्कूल में पढ़ाई कराया जाए. बैठने के लिए जगह नहीं है टीचर लोग आते हैं तो बोलते हैं कि सभी घर चले जाओ. यहां केवल बायोलॉजी की पढ़ाई होती है. टीचर लोग भी नहीं आते हैं."- छात्रा, गर्ल्स हाई स्कूल महनार