वैशाली: बिहार के वैशाली से कोर्ट की अवमानना का मामला सामने आया है. जहां अपहरण के मामले में बार-बार सूचना देने के बावजूद न्यायालय में साक्ष्य देने के लिए उपस्थित नहीं होने पर गंगा ब्रिज के तत्कालीन एसआई को गिरफ्तार न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्येंद्र पांडे की अदालत ने पुलिस अधीक्षक दिया है. वहीं जंदाहा थानाध्यक्ष को साक्ष्य देने के लिए उपस्थित नहीं होने पर वारंट जारी किया है. यह जानकारी अपर लोक अभियोजक शब्द कुमार ने दी.
ये भी पढ़ें: वैशाली कोर्ट ने दुष्कर्म के अभियुक्त को सुनाई 20 साल की सजा, लगाया 50 हजार का अर्थदंड
13 अक्टूबर को न्यायालय में पेश होने का आदेश जारी: अपर लोक अभियोजक शब्द कुमार ने बताया कि गंगा ब्रिज थाना कांड संख्या 174/20 21 के अनुसंधान पुलिस अवर निरीक्षक अरविंद कुमार पासवान को बार-बार सूचना देने के बावजूद न्यायालय में उपस्थित नहीं हो रहे हैं. मंगलवार को लोग अभियोजन के लिपिक को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं होने की बात कर न्यायालय में उपस्थिति देने से इनकार कर दिया. उन्होंने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अनुसंधानकर्ता के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी का पुलिस अधीक्षकों से गिरफ्तार कर 13 अक्टूबर को न्यायालय में प्रस्तुत करने के लिए आदेश जारी किया है.
थानाध्यक्ष के विरुद्ध वारंटी जारी: वहीं व्यवहार न्यायालय के एक दूसरे मामले में अपर एवं सत्र न्यायाधीश (12) ज्योति कुमार ने हत्या के एक मामले में मृत्यु समीक्षा प्रतिवेदन के अभाव में साक्ष्य बाधित होने से जंदाहा थानाध्यक्ष मामले के अनुसंधान के विनय कुमार के विरुद्ध भी वारंट जारी किया है. अपर लोक अभियोजक शब्द कुमार ने बताया कि जंदाहा थाना कांड संख्या 208/2019 में सुनील कुमार की मृत्यु समीक्षा प्रतिवेदन न्यायालय के अभिलेख नहीं मिलने के कारण सभी साक्षी का साक्ष्य नहीं हो पाया है. इस पर 28 जुलाई को न्यायालय ने उक्त प्रतिवेदन के साथ साक्ष्य के लिए अनुसंधानक को आदेश दिया था, लेकिन पुलिस ने इसका अनुपालन नहीं किया.