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वैशालीः नहीं हो रही आपराधिक घटनाओं में कमी, SP बोले- करते हैं हरसंभव कोशिश

जिले के पुलिस कप्तान मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि अपराध को नियंत्रित करने के लिये पुलिस जो भी सम्भव है वो कर रही है. उन्होंने बढ़ते अपराध को चुनौती मानते हुए कहा कि अपराधी यदि क्राइम करते हैं तो उनकी गिरफ्तारी भी होती है और वे जेल की सलाखों के पीछे भी पहुंचाए जाते हैं.

वैशाली में बढ़ते अपराध से भयभीत है जनता
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Published : Aug 8, 2019, 2:11 PM IST

वैशाली: जिले में अपराध का ग्राफ अपने चरम सीमा पर है. अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि जिले के किसी भी क्षेत्र में इनके लिये हत्या, लूटपाट, रंगदारी, छिनतई और चोरी जैसी घटनाओं को अंजाम देना आसान हो गया है. हर महीने यहां मर्डर और लूट की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है. जुलाई महीने में इस जिले में 18 हत्या और एक दर्जन लूट की घटना हो चुकी है. इससे जिले के व्यवसाईयों से लेकर आम आदमी में भय का माहौल है.

व्यवसाई और जनता प्रशासन से नाराज
जिले में तेजी से बढ़ते अपराध को लेकर समय-समय पर व्यवसाईयों से लेकर सत्तारूढ़ दल के नेता धरना प्रदर्शन करते आ रहे हैं. इसके बावजूद पुलिस अपराधों पर नियंत्रण करने में विफल साबित हो रही है. स्थानीय व्यवसायियों और जनता की बात मानें तो पुलिस की सक्रियता नहीं के बराबर है. लोगों ने नाराजगी भरे अंदाज में कहा कि पुलिस सिर्फ दूसरे राज्य के वाहन को देखकर अपनी मोटी कमाई में लगी रहती है. उनको अपराध पर नियंत्रण से कोई लेना देना नहीं है. शहर के कामकाजी महिलाओं की बात मानें तो वे घर से अपने कार्यालय तक आवागमन करने में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती.

बढ़ते अपराध ग्राफ से लोग भयभीत

'सजग नहीं है पुलिस'
वैशाली में अन्य जिलों से ज्यादा अपराध हो रहे हैं. इसको लेकर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय द्वारा गठित सेल टीम जिसमें आईजी गणेश कुमार सहित चार डीएसपी की ओर से पिछले दिनों शहर में तीन दिन तक कैम्प लगा हुआ था. इसमें जिला के एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो को कड़े निर्देश भी दिए गए थे. जिसका असर जिले के प्रमुख चौक-चौराहों पर कुछ दिनों तक वाहन और बाइक की चेकिंग के रूप में देखा गया. लेकिन फिर पुलिस ने कुछ दिनों बाद पेट्रोलिंग करना छोड़ दिया. यही वजह है कि एक बार फिर से अपराध ग्राफ में इजाफा हुआ है.

पुलिस करती है हर सम्भव कोशिशः एसपी
वहीं, जिले के पुलिस कप्तान मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि अपराध को नियंत्रित करने के लिये पुलिस जो भी सम्भव है वो कर रही है. उन्होंने बढ़ते अपराध को चुनौती मानते हुए कहा कि अपराधी यदि क्राइम करते हैं तो उनकी गिरफ्तारी भी होती है और वे जेल की सलाखों के पीछे भी पहुंचाए जाते हैं. ईटीवी भारत ने पड़ताल करने पर यह पाया कि अब मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस की गतिविधियां बढ़ गई हैं. देर रात के अंधेरे में भी पुलिस के जवान अपने क्षेत्र में ड्यूटी पर नजर आते हैं, लेकिन यह स्थिति ज्यादा दिनों तक कायम नहीं रहती.

वैशाली: जिले में अपराध का ग्राफ अपने चरम सीमा पर है. अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि जिले के किसी भी क्षेत्र में इनके लिये हत्या, लूटपाट, रंगदारी, छिनतई और चोरी जैसी घटनाओं को अंजाम देना आसान हो गया है. हर महीने यहां मर्डर और लूट की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है. जुलाई महीने में इस जिले में 18 हत्या और एक दर्जन लूट की घटना हो चुकी है. इससे जिले के व्यवसाईयों से लेकर आम आदमी में भय का माहौल है.

व्यवसाई और जनता प्रशासन से नाराज
जिले में तेजी से बढ़ते अपराध को लेकर समय-समय पर व्यवसाईयों से लेकर सत्तारूढ़ दल के नेता धरना प्रदर्शन करते आ रहे हैं. इसके बावजूद पुलिस अपराधों पर नियंत्रण करने में विफल साबित हो रही है. स्थानीय व्यवसायियों और जनता की बात मानें तो पुलिस की सक्रियता नहीं के बराबर है. लोगों ने नाराजगी भरे अंदाज में कहा कि पुलिस सिर्फ दूसरे राज्य के वाहन को देखकर अपनी मोटी कमाई में लगी रहती है. उनको अपराध पर नियंत्रण से कोई लेना देना नहीं है. शहर के कामकाजी महिलाओं की बात मानें तो वे घर से अपने कार्यालय तक आवागमन करने में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती.

बढ़ते अपराध ग्राफ से लोग भयभीत

'सजग नहीं है पुलिस'
वैशाली में अन्य जिलों से ज्यादा अपराध हो रहे हैं. इसको लेकर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय द्वारा गठित सेल टीम जिसमें आईजी गणेश कुमार सहित चार डीएसपी की ओर से पिछले दिनों शहर में तीन दिन तक कैम्प लगा हुआ था. इसमें जिला के एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो को कड़े निर्देश भी दिए गए थे. जिसका असर जिले के प्रमुख चौक-चौराहों पर कुछ दिनों तक वाहन और बाइक की चेकिंग के रूप में देखा गया. लेकिन फिर पुलिस ने कुछ दिनों बाद पेट्रोलिंग करना छोड़ दिया. यही वजह है कि एक बार फिर से अपराध ग्राफ में इजाफा हुआ है.

पुलिस करती है हर सम्भव कोशिशः एसपी
वहीं, जिले के पुलिस कप्तान मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि अपराध को नियंत्रित करने के लिये पुलिस जो भी सम्भव है वो कर रही है. उन्होंने बढ़ते अपराध को चुनौती मानते हुए कहा कि अपराधी यदि क्राइम करते हैं तो उनकी गिरफ्तारी भी होती है और वे जेल की सलाखों के पीछे भी पहुंचाए जाते हैं. ईटीवी भारत ने पड़ताल करने पर यह पाया कि अब मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस की गतिविधियां बढ़ गई हैं. देर रात के अंधेरे में भी पुलिस के जवान अपने क्षेत्र में ड्यूटी पर नजर आते हैं, लेकिन यह स्थिति ज्यादा दिनों तक कायम नहीं रहती.

Intro:लोकेशन: वैशाली:
रिपोर्टर: राजीव कुमार श्रीवास्तवा

:- मुख्यमंन्त्री नीतीश कुमार के द्वारा बिहार में गिरती विधि व्यवस्था पर लाख प्रयोग करने के बावजूद अपराध पर अंकुश नहीं लग रहा हैं ।
इस बाबत वैशाली जिले में पिछले महीनें जुलायी में अपराधियो ने 18 मर्डर और दर्जनों लूट पाट की घटना को अंजाम देकर जिला पुलिस के लिये चुनोती बन गए हैं।


Body:वैशाली जिले में अपराध ग्राफ चरम सीमा पर हैं। अपराधियो के मनोबल इतना बढ़ गया हैं कि जिले के किसी भी क्षेत्र में इनके लिये हत्या, लूटपाट, रंगदारी, छीनतई, चोरी जैसी घटनाओं को आसानी से अंजाम देने में कोई डर नही हैं। विदित हो कि हरेक महीने में यहा आधा दर्जन से ज्यादा मर्डर और लूट की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई हैं। मालूम हो कि जुलायी महीने में इस जिले में 18 हत्या और एक दर्जन बड़ी लूट की घटना हो चुकी हैं । इससे जिले के व्यवसायियों से लेकर आम आदमी में भय व्याप्त हैं ।

जिले में गिरती विधि व्यवस्था को लेकर आम आदमी से लेकर व्यवसायियों में दहशत बनी हुई हैं। बतादें जिले में तेजी से बढ़ता अपराध को लेकर विरोध में समय समय पर व्यवसायियों से लेकर सत्तारूढ़ दल के नेता द्वारा भी धरना प्रदर्शन किया जाता रहा है ।पर इसके बावजूद पुलिस इस पर नियंत्रण करने में पूरी तरह से विफल साबित हुई हैं।

जिला के पुलिस कप्तान डॉ मानवजीत सिंह से इस संबंध में पूछने पर कहते हैं कि अपराध को नियंत्रित करने के लिये पुलिस जो भी सम्भव हैं वो कर रही हैं उन्होंव बढ़ते अपराध को चुनोती मानते हुए आश्वस्त भी किया हैं कि अपराधी क्राइम करते हैं तो उनकी गिरफ्तारी भी होती हैं और जेल के सलाखों में पहुचाये भी जाते हैं।

विदित हो कि जिले में अन्य जिलों से ज्यादा अपराध हो रहे हैं । इसको लेकर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय द्वारा गठित सेल टीम जिसमे आईजी गणेश कुमार सहित चार डीएसपी द्वारा पिछले दिनों यहा तीन दिनों तक कैम्प किये हुए थे ।इसमे जिला के एसपी डॉ मानवजीत सिंह ढिल्लो को कड़ी निर्देश भी दिया गया था ।इसका असर जिले के प्रमुख चौक- चौराहों पर कुछ दिनों तक वाहन और बाइक की चेकिंग जरूर देखी गई फिर पुलिस हम नही सुधरेंगे की भूमिका में आकर पेट्रोलिंग करना छोड़ दी ।यही वजह हैं कि यहा एक बार फिर से अपराध ग्राफ में इजाफा हुआ हैं। यहा पुलिस सुस्त और अपराधी चुस्त दिख रही हैं ।

स्थानीय व्यवसायियों से लेकर जनता की बात माने तो पुलिस की सक्रियता नही के बराबर दिखती हैं। लोगो ने नाराजगी भरे अंदाज में आगें कहा कि पुलिस सिर्फ बालू, दूसरे राज्य की वाहन को देखकर अपनी मोटी कमाई में लगी रहती हैं। पुलिस को अपराध पर नियंत्रण से कोई लेना देना दूर तक नही हैं।

बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय अपराध पर नियंत्रण के लिये पुलिस अधिकारोयो को कड़ी फटकार लगाते रहते हैं साथ ही वे इस जिले में आधा दर्जन बार अचानक निरीक्षण करने के दौरान कई पुलिस पर ड्यूटी पर नही होने पर कार्यवाही करने का भी समाचार मिलता रहा हैं । Etv भारत द्वारा पड़ताल करने पर यह भी पाया गया कि अब मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रो में पोलिस की गतिविधियों बढ़ गई हैं। देर रात के अंधेरे में भी पुलिस के जवान अपने क्षेत्र में ड्यूटी पर नजर आए ।पर ये सिनारिओ ज्यादा दिनों तक लगातार नही रहता हैं इसी दौरान अपराधी फिर से अपना दुकान चलाने में देरी नही करते ।

शहर के कामकाजी महिलाओं की बात माने तो वे घर से अपने कार्यालय तक आवागमन करने में खुद को सुरक्षित नही महसूस करती हैं ।


Conclusion:बहरहाल, यहा पुलिस और अपराधी" चूहा और बिल्ली के खेल " के खेल खेलने में पीछे नही हैं ।

VO: pkg
ओपन पीटीसी: संवाददाता, राजीव, वैशाली
बाइट: जनता , महिला
क्लोज पीटीसी : संवाददाता, राजीव , वैशाली
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