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सुपौल: निबंधन कार्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे राज्य आयुक्त, रजिस्टार को दिए कई निर्देश

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Published : Dec 5, 2019, 4:03 AM IST

वार्ड नंबर 25 के रहने वाले अशोक चौधरी की एक रेसिडेंसियल जमीन को विभाग ने अपने जांच में कमर्शियल करार दे दिया है. इसके कारण उन्हें काफी परेशानियों ता सामना करना पड़ रहा है. जब वो इसकी शिकायत लेकर जिला रजिस्टार के पास गये तो रजिस्टार ने उनसे सरकार को ही फायदा पहुंचाने की बात कही.

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सुपौल: जिले में उत्पाद सह निबंधन विभाग के राज्य आयुक्त ने बुधवार को निबंधन कार्यालय का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कार्यालय के विभिन्न कार्यों का जायजा भी लिया. उन्होंने रजिस्ट्री ऑफिसर अशोक कुमार ठाकुर को कार्य के निपटारे, समय का पालन और साफ-सफाई के निर्देश भी दिए.

रेसिडेंसियल जमीन को बना दिया कमर्शियल
राज्य आयुक्त जब निबंधन कार्यालय का निरीक्षण कर ही रहे थे तभी एक शख्स वहां पहुंच गया और उसने पूरे कार्यालय व्यवस्था की पोल खोल दी. दरअसल वार्ड नंबर 25 के रहने वाले अशोक चौधरी की एक रेसिडेंसियल जमीन को विभाग ने अपने जांच में कमर्शियल करार दे दिया है. इसके कारण उन्हें काफी परेशानियों ता सामना करना पड़ रहा है. जब वो इसकी शिकायत लेकर जिला रजिस्टार के पास गये तो रजिस्टार ने उनसे सरकार को ही फायदा पहुंचाने की बात कही.

राज्य आयुक्त ने निबंधन कार्यालय का किया निरीक्षण

राज्य आयुक्त ने दिए जांच के आदेश
पीड़ित नेउत्पाद सह निबंधन विभाग के राज्य आयुक्त को बताया कि उसकी जमीन रेसिडेंसियल है. लेकिन विभाग ने उसे कमर्शियल करार दे दिया है. पीड़ित ने बताया कि जमीन खरीदने वाला व्यक्ति कमर्शियल का पैसा क्यों दे. हांलाकि इस मामले को सुनन के बाद राज्य आयुक्त ने रजिस्टार को मामले की जांच के आदेस दिए है.

सुपौल: जिले में उत्पाद सह निबंधन विभाग के राज्य आयुक्त ने बुधवार को निबंधन कार्यालय का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कार्यालय के विभिन्न कार्यों का जायजा भी लिया. उन्होंने रजिस्ट्री ऑफिसर अशोक कुमार ठाकुर को कार्य के निपटारे, समय का पालन और साफ-सफाई के निर्देश भी दिए.

रेसिडेंसियल जमीन को बना दिया कमर्शियल
राज्य आयुक्त जब निबंधन कार्यालय का निरीक्षण कर ही रहे थे तभी एक शख्स वहां पहुंच गया और उसने पूरे कार्यालय व्यवस्था की पोल खोल दी. दरअसल वार्ड नंबर 25 के रहने वाले अशोक चौधरी की एक रेसिडेंसियल जमीन को विभाग ने अपने जांच में कमर्शियल करार दे दिया है. इसके कारण उन्हें काफी परेशानियों ता सामना करना पड़ रहा है. जब वो इसकी शिकायत लेकर जिला रजिस्टार के पास गये तो रजिस्टार ने उनसे सरकार को ही फायदा पहुंचाने की बात कही.

राज्य आयुक्त ने निबंधन कार्यालय का किया निरीक्षण

राज्य आयुक्त ने दिए जांच के आदेश
पीड़ित नेउत्पाद सह निबंधन विभाग के राज्य आयुक्त को बताया कि उसकी जमीन रेसिडेंसियल है. लेकिन विभाग ने उसे कमर्शियल करार दे दिया है. पीड़ित ने बताया कि जमीन खरीदने वाला व्यक्ति कमर्शियल का पैसा क्यों दे. हांलाकि इस मामले को सुनन के बाद राज्य आयुक्त ने रजिस्टार को मामले की जांच के आदेस दिए है.

Intro:सुपौल: सुपौल में उत्पाद सह निबंधन विभाग के राज्य आयुक्त ने बुधवार को निबंधन कार्यालय का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होने कार्यालय के विभिन्न कार्यों का जायजा भी लिया. उन्होंने रजिस्ट्री ऑफिसर अशोक कुमार ठाकुर को कार्य के निपटारे, समय का पालन एवं साफ- सफाई का निर्देश दिया.
Body:राज्य आयुक्त जब निबंधन कार्यालय का निरीक्षण कर ही रहे थे कि एक शख्स वहां पहुंचकर कर पूरे कार्यालय की व्यवस्था की ही पोल खोल दिया. दरअसल वार्ड न 25 के रहने वाले अशोक चौधरी की एक रेसिडेंसियल जमीन को विभाग ने अपने जांच में कामर्शियल करार दे दिया. जिसके कारण उन्हे परेशानी उठानी पङ रही है. जब वो इसकी शिकायत लेकर जिला रजिस्टार के पास गये तो रजिस्टार ने उनसे सरकार को ही फायदा पहुंचाने की बात कह दी.Conclusion:जबकि उस शख्स का कहना है कि उनकी जमीन रेसिडेंसियल है तो वो जमीन खरीदने वाला व्यक्ति कामर्शियल का पैसा क्यों दे. जिस पर राज्य आयुक्त ने रजिस्टार को ही मामलें की जांच दे दी ओर मीडिया को कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया.
बाइट--अशोक चौधरी, पीङित जमीन मालिक
बाइट--बी कार्तिके धनजी, निबंधन महानिरीक्षक, बिहार
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