ETV Bharat / state

सुपौल: त्रिवेणीगंज में खाद की भारी किल्लत, किसानों के बीच उर्वरक के लिए मचा हाहाकार - supaul latest news

सुपौल में किसानों के बीच उर्वरक के लिए हाहाकार मचा है. बिना उर्वरक डाले रबी की फसल उगाना मुमकिन नहीं होता है. लिहाजा किसान उर्वरक के लिए बाजारों में भटक रहे हैं, लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रहा है.

खाद की किल्लत
खाद की किल्लत
author img

By

Published : Dec 3, 2021, 7:33 PM IST

Updated : Dec 3, 2021, 10:45 PM IST

सुपौल: बिहार के सुपौल जिले में रबी फसल की बुआई (Sowing of Rabi Crop) को लेकर किसानों के बीच उर्वरक के लिए हाहाकार (Outcry for Fertilizer Among Farmers in Supaul) मचा है. किसान उर्वरक खरीदने के लिए परेशान हैं, लेकिन नियत समय पर उन्हें उर्वरक उपलब्ध नहीं हो रहा है. जिस कारण रबी फसल की बुआई में देरी हो रही है. किसानों की चिंता को दूर करने के लिए जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी तक कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- रिंटू सिंह हत्याकांड पर तेजस्वी ने नीतीश से पूछा- मंत्री लेसी सिंह के भतीजे की अब तक गिरफ्तारी क्यों नहीं?

मध्यम वर्ग के किसान तो डीएपी व मिक्सचर खाद बाजार से उंचे दामों में खरीद कर अपनी जरूरत पूरा कर रहे हैं, लेकिन गरीब किसान को दुकानदार उर्वरक देना भी नहीं चाहते हैं. दुकानदार को पहले पता होता है कि ये किसान उन्हें खाद की मुंह मांगा दाम नहीं दे सकते हैं. ऐसे में गरीब किसान खाद के लिए अधिक परेशान हैं. त्रिवेणीगंज के लालपट्टी पेट्रोल पंप के किसानों ने खाद के लिए सड़क जाम कर हंगामा शुरू कर दिया. स्थानीय खाद दुकानदार द्वारा खाद नहीं दिये जाने से नाराज किसान राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

खाद की किल्लत से परेशान किसान

किसानों का कहना है कि खाद के डिस्ट्रीब्यूटर के पास खाद उपलब्ध है लेकिन दुकानदार खाद देने में आनाकानी कर रहे हैं. इधर, दुकानदारों का कहना है कि किसानों को जितना खाद चाहिए उतना खाद उपलब्ध नहीं है.

किसान खाद की उपलब्धता के लिए सड़क पर उतरने को विवश हो रहे हैं. खाद की किल्लत से जूझ रहे किसानों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर वह रबी की फसल बुआई करें या छोड़ दें. किसानों के मुताबिक रबी फसल किसानों के लिए कैश फलल माना जाता है. जिसके लिए उन्हें एमएसपी का भी इंतजार नहीं करना पड़ता है.

किसान खुले बाजार में भी गेहूं, आलू, प्याज, सरसों आदि बेच कर अपनी जरूरत पूरी कर लेते हैं. किसानों को रबी फसल की बुआई के लिए अन्य फसल की तुलना में खेतों की अधिक सिंचाई करना पड़ता है. बिना उर्वरक डाले यह फसल उगाना मुमकिन नहीं होता है. लिहाजा किसान उर्वरक के लिए बाजारों में भटक रहे हैं.

ये भी पढ़ें- बिहार में दारोगा बहाली पर रोक पर अभ्यर्थियों का हंगामा, छात्रों ने पुलिस मुख्यालय घेरा

ये भी पढ़ें- MLA श्रेयसी सिंह को स्पीकर ने किया सम्मानित, नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में जीता है गोल्ड

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

सुपौल: बिहार के सुपौल जिले में रबी फसल की बुआई (Sowing of Rabi Crop) को लेकर किसानों के बीच उर्वरक के लिए हाहाकार (Outcry for Fertilizer Among Farmers in Supaul) मचा है. किसान उर्वरक खरीदने के लिए परेशान हैं, लेकिन नियत समय पर उन्हें उर्वरक उपलब्ध नहीं हो रहा है. जिस कारण रबी फसल की बुआई में देरी हो रही है. किसानों की चिंता को दूर करने के लिए जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी तक कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- रिंटू सिंह हत्याकांड पर तेजस्वी ने नीतीश से पूछा- मंत्री लेसी सिंह के भतीजे की अब तक गिरफ्तारी क्यों नहीं?

मध्यम वर्ग के किसान तो डीएपी व मिक्सचर खाद बाजार से उंचे दामों में खरीद कर अपनी जरूरत पूरा कर रहे हैं, लेकिन गरीब किसान को दुकानदार उर्वरक देना भी नहीं चाहते हैं. दुकानदार को पहले पता होता है कि ये किसान उन्हें खाद की मुंह मांगा दाम नहीं दे सकते हैं. ऐसे में गरीब किसान खाद के लिए अधिक परेशान हैं. त्रिवेणीगंज के लालपट्टी पेट्रोल पंप के किसानों ने खाद के लिए सड़क जाम कर हंगामा शुरू कर दिया. स्थानीय खाद दुकानदार द्वारा खाद नहीं दिये जाने से नाराज किसान राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

खाद की किल्लत से परेशान किसान

किसानों का कहना है कि खाद के डिस्ट्रीब्यूटर के पास खाद उपलब्ध है लेकिन दुकानदार खाद देने में आनाकानी कर रहे हैं. इधर, दुकानदारों का कहना है कि किसानों को जितना खाद चाहिए उतना खाद उपलब्ध नहीं है.

किसान खाद की उपलब्धता के लिए सड़क पर उतरने को विवश हो रहे हैं. खाद की किल्लत से जूझ रहे किसानों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर वह रबी की फसल बुआई करें या छोड़ दें. किसानों के मुताबिक रबी फसल किसानों के लिए कैश फलल माना जाता है. जिसके लिए उन्हें एमएसपी का भी इंतजार नहीं करना पड़ता है.

किसान खुले बाजार में भी गेहूं, आलू, प्याज, सरसों आदि बेच कर अपनी जरूरत पूरी कर लेते हैं. किसानों को रबी फसल की बुआई के लिए अन्य फसल की तुलना में खेतों की अधिक सिंचाई करना पड़ता है. बिना उर्वरक डाले यह फसल उगाना मुमकिन नहीं होता है. लिहाजा किसान उर्वरक के लिए बाजारों में भटक रहे हैं.

ये भी पढ़ें- बिहार में दारोगा बहाली पर रोक पर अभ्यर्थियों का हंगामा, छात्रों ने पुलिस मुख्यालय घेरा

ये भी पढ़ें- MLA श्रेयसी सिंह को स्पीकर ने किया सम्मानित, नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में जीता है गोल्ड

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

Last Updated : Dec 3, 2021, 10:45 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.