सुपौल: कोरोना वायरस को लेकर लगातार सरकार जागरूकता अभियान चला रही है, लेकिन कुछ लोगों पर थोड़ा भी इसका असर नहीं हो रहा है. लापरवाह लोग दूसरों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं. सुपौल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर प्रशासनिक लापरवाही और सुरक्षा गार्ड के सुस्त रवैये की वजह से शहरवासियों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
खुलेआम घूमते हैं प्रवासी
सुपौल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर के पूर्वी और पश्चिमी भाग के भवन में प्रवासी आवासित हैं. पूर्वी भाग में चाहरदीवारी से सटा विद्यालय का मैदान है, जहां से लोहियानगर और अम्बेडकर चौक का मार्ग जुड़ा है. वहीं पश्चिमी भाग के चाहरदीवारी से सटा रिंग बांध रोड है. इसी चाहरदीवारी से प्रवासी अपने-अपने परिजन से मिलते हैं. इसके साथ ही बिना जांच पड़ताल के ही प्रवासी के परिजन उन्हें भोजन आदि सामान पहुंचाते हैं. इसके अलावा ये लोग परिजन के साथ जब मन हो चाहर दीवारी कूंद कर बाहर आ जाते हैं. इस दौरान वो बाजार की सैर भी करते हैं.
दहशत में दुकानदार
क्वॉरेंटाइन सेंटर से बाहर आने वाले ज्यादातर प्रवासी क्वॉरेंटाइन सेंटर से सटे राजेंद्र नगर चौक और गजना चौक स्थित दुकान पर गुटका, खैनी, बीड़ी, सिगरेट, गुल और बिस्किट की खरीददारी करते नजर आते हैं, जिस कारण वहां के दुकानदार भी दहशत में हैं. दुकानदारों ने बताया कि उन लोगों से जब सामान नहीं होने की बात कही जाती है तो वे लोग दूसरी दुकान की ओर चले जाते हैं.
एसडीओ से शिकायत
क्वॉरेंटाइन सेंटर में आवासित प्रवासियों के आचरण से परेशान आसपास के तीन वार्डों के लोगों ने अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन सौंप कर शिकायत की है. लोगों ने बताया है कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में दूसरे राज्यों से आए श्रमिकों को रखा गया है, जिस परिसर की बाउंड्री वॉल से बाहर आकर प्रवासी घूमते रहते हैं. लोगों ने श्रमिकों के अमानवीय व्यवहार, क्रियाकलाप और बाहर निकल कर टहलने पर सख्त प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
इसको लेकर उपविकास आयुक्त मुकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि क्वॉरेंटाइन की सुरक्षा और देखभाल के लिए पदाधिकारी के साथ सुरक्षा बल को लगाया गया है. मामले में कार्रवाई के लिए सदर एसडीओ को निदेशित किया गया है.