सुपौल: 130.1 मेगावाट की डगमारा जल विद्युत परियोजना (dagmara hydroelectric project) के कार्यान्वित के लिए एनएचपीसी (NHPC) और बीएसएचपीसी (BSHPC) के पदाधिकारियों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. उक्त कार्यक्रम सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया. जिसमें केंद्रीय राज्य मंत्री आरके सिंह, बिहार सरकार के उर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, निर्मली विधायक अनिरूद्ध प्रसाद यादव समेत प्रधान सचिव, डीएम महेंद्र कुमार, एसपी मनोज कुमार समेत अन्य गणमान्य शामिल हुए.
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25 हजार करोड़ की लागत से पूर्ण होगी योजना
मालूम हो कि डगमारा जल विद्युत परियोजना का कार्य एनएचपीसी के द्वारा किया जायेगा. यह परियोजना लगभग 25 हजार करोड़ रूपये की लागत से तैयार होगा. डगमारा जल विद्युत परियोजना की मुख्य विशेषता है कि यह परियोजना कोसी नदी पर बनाया जा रहा है. जिसकी क्षमता 130.1 मेगावाट की होगी. कोसी नदी के बाएं एवं दाएं दोनों और एक-एक हाउस बनाया जायेगा.
इस परियोजना के पूर्ण होने से डायरेक्ट या इनडायरेक्ट एक हजार से 12 सौ व्यक्तियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे. परियोजना के पूर्ण होने पर कोसी नदी पर एक और पुल का विकल्प उपलब्ध होगा. बाढ़ पर नियंत्रण करना सुगम होगा. पर्यटन एवं मत्स्य पालन के अवसर उपलब्ध होंगे. क्षेत्र का सामाजिक एवं आर्थिक विकास संभव हो सकेगा.
केंद्रीय मंत्री ने ऊर्जा मंत्री को दिया श्रेय
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने इस परियोजना का श्रेय उर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव को दिया. उन्होंने कहा कि उनके अथक प्रयास से यह समझौता पर हस्ताक्षर हुआ है. शीघ्र ही कार्य शुभारंभ के लिए शिलान्यास किया जायेगा. मंत्री यादव का प्रशंसा करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री आरके सिंह ने कहा कि उनके कुशल मार्गदर्शन में बिहार में दीनदयाल ज्योति योजना, सौभाग्य योजना, हर घर बिजली योजना एवं स्मार्ट प्रीपेड योजना अग्रणी रहा है.
वहीं, मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि यह परियोजना जीवनदायी होगी. कोसी सहित राज्य के विकास में यह परियोजना महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी. उन्होंने कहा कि परियोजना पूर्ण होने के बाद बिजली उत्पादन का 22 प्रतिशत बिजली नेपाल को दिया जायेगा.
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आइए जानते हैं कि डगमरा जलविद्युत परियोजना क्या है?
इस परियोजना से 130 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. कोसी नदी के तटबंध पर इस परियोजना की शुरुआत होगी. डगमरा पनबिजली परियोजना का डीपीआर दिसंबर 2011 में ही केंद्र को सौंपा गया था. इसमें पनबिजली के साथ-साथ सौर ऊर्जा, मछली उत्पादन को भी शामिल किया गया है.बिहार के साथ-साथ बिजली की आपूर्ति नेपाल को भी की जाएगी.
ऊर्जा मंत्री बीजेंद्र यादव के मुताबिक, बिहार में 2,500 करोड़ से अधिक का निवेश होगा और सीमांचल की तरक्की को रफ्तार मिलेगी.
बिहार की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना 130.1 मेगावाट की डगमारा जल विद्युत परियोजना को एनएचपीसी की स्वामित्व के आधार पर कार्यान्वित किया जाना है. जल विद्युत के क्षेत्र में एनएचपीसी भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के तहत श्रेणी-ए की एक मिनीरत्न कंपनी है. वर्तमान में, एनएचपीसी के पास 24 परिचालित विद्युत स्टेशन हैं, जिनकी कुल स्थापित क्षमता 7,071 मेगावाट है.