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रॉबिन उथप्पा ने धोखाधड़ी मामले में अरेस्ट वारंट जारी होने पर दिया बयान, कंपनियों के साथ रिश्ते पर किया खुलासा - ROBIN UTHAPPA CASE

भारत के पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर रॉबिन उथप्पा के खिलाफ ईपीएफ धोखाधड़ी मामले में अरेस्ट वारंट जारी किया गया था. अब उनका बयान आया है.

Robin Uthappa EPF Fraud Case
रॉबिन उथप्पा (IANS PHOTO)
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By ETV Bharat Sports Team

Published : 6 hours ago

नई दिल्ली: भारत के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा के खिलाफ ईपीएफ धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. इस मामले में अब क्रिकेटर की ओर से ऑफिशियल बयान आया है. उथप्पा ने सभी आरोपों पर सफाई दी है. इसके साथ ही उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए लगभग सभी आरोपों को खारिज कर दिया है.

रॉबिन उथप्पा पोस्ट कर सभी आरोपों को बताया गलत
उथप्पा ने अपने सोशल मीडिया से पोस्ट कर एक बयान जारी कर लिखा है, 'मेरे खिलाफ पीएफ मामले की हालिया खबरों के मद्देनजर, मैं स्ट्रॉबेरी लेन्सेरिया प्राइवेट लिमिटेड, सेंटॉरस लाइफस्टाइल ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड और बेरीज फैशन हाउस के साथ अपनी भागीदारी के संबंध में कुछ स्पष्टीकरण देना चाहूंगा. 2018-19 में मुझे ऋण के रूप में इन कंपनियों में मेरे वित्तीय योगदान के कारण निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था. हालांकि, मेरे पास कोई सक्रिय कार्यकारी भूमिका नहीं थी, न ही मैं व्यवसाय के दिन-प्रतिदिन के संचालन में शामिल था.

उन्होंने आगे लिखा, 'एक पेशेवर क्रिकेटर, टीवी प्रस्तोता और कमेंटेटर के रूप में मेरे व्यस्त कार्यक्रम को देखते हुए, न तो मेरे पास उनके संचालन में भाग लेने के लिए समय था और न ही विशेषज्ञता. वास्तव में मैंने आज तक जिन अन्य कंपनियों को फंड दिया है, उनमें से किसी में भी मैं कार्यकारी भूमिका नहीं निभाता हूं. दुर्भाग्य से ये कंपनियां मेरे द्वारा उधार दिए गए फंड को चुकाने में विफल रहीं, जिसके कारण मुझे कानूनी कार्यवाही शुरू करनी पड़ी, जो वर्तमान में विचाराधीन है'.

उथप्पा आगे लिखते हैं, 'मैंने कई साल पहले अपने निदेशक पद से भी इस्तीफा दे दिया था. जब प्रोविडेंट फंड अधिकारियों ने बकाया भुगतान की मांग करते हुए नोटिस जारी किए, तो मेरी कानूनी टीम ने जवाब दिया, जिसमें बताया गया कि इन कंपनियों में मेरी कोई भूमिका नहीं थी और कंपनियों से मेरी भागीदारी की कमी की पुष्टि करने वाले दस्तावेज उपलब्ध कराए. इसके बावजूद प्रोविडेंट फंड अधिकारियों ने कार्यवाही जारी रखी है और मेरे कानूनी सलाहकार आने वाले दिनों में इस मामले को सुलझाने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे. मैं मीडिया से भी आग्रह करना चाहूंगा कि वह कृपया पूरे तथ्य पेश करें और साझा की जा रही जानकारी की प्रमाणिकता की पुष्टि करें'.

क्या है पूरा मामला
उथप्पा पर कर्मचारियों के ईपीएफ (PF) फंड से धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए, उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया. यह वारंट इसी महीने 4 तारीख को जारी किया गया था. ईपीएफ क्षेत्रीय आयुक्त शदाक्षरी गोपाल रेड्डी ने पुलिस को लेटर लिखकर क्रिकेटर को गिरफ्तार करने की अपील की थी. उथप्पा सेंचुरीज लाइफस्टाइल ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड नामक एक निजी कंपनी में सह-भागीदार हैं. कंपनी में काम करने वाले कई कर्मचारियों का पीएफ का भुगतान नहीं किया गया है. पूर्व क्रिकेटर पर वेतन से पीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) राशि काटकर उसे कर्मचारियों के खातों में जमा न करने के आरोप लगे हैं.

ये खबर भी पढ़ें : बॉक्सिंग डे टेस्ट से पहले रोहित शर्मा हुए चोटिल, मैच से बाहर होने का मंडराया खतरा?

नई दिल्ली: भारत के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा के खिलाफ ईपीएफ धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. इस मामले में अब क्रिकेटर की ओर से ऑफिशियल बयान आया है. उथप्पा ने सभी आरोपों पर सफाई दी है. इसके साथ ही उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए लगभग सभी आरोपों को खारिज कर दिया है.

रॉबिन उथप्पा पोस्ट कर सभी आरोपों को बताया गलत
उथप्पा ने अपने सोशल मीडिया से पोस्ट कर एक बयान जारी कर लिखा है, 'मेरे खिलाफ पीएफ मामले की हालिया खबरों के मद्देनजर, मैं स्ट्रॉबेरी लेन्सेरिया प्राइवेट लिमिटेड, सेंटॉरस लाइफस्टाइल ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड और बेरीज फैशन हाउस के साथ अपनी भागीदारी के संबंध में कुछ स्पष्टीकरण देना चाहूंगा. 2018-19 में मुझे ऋण के रूप में इन कंपनियों में मेरे वित्तीय योगदान के कारण निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था. हालांकि, मेरे पास कोई सक्रिय कार्यकारी भूमिका नहीं थी, न ही मैं व्यवसाय के दिन-प्रतिदिन के संचालन में शामिल था.

उन्होंने आगे लिखा, 'एक पेशेवर क्रिकेटर, टीवी प्रस्तोता और कमेंटेटर के रूप में मेरे व्यस्त कार्यक्रम को देखते हुए, न तो मेरे पास उनके संचालन में भाग लेने के लिए समय था और न ही विशेषज्ञता. वास्तव में मैंने आज तक जिन अन्य कंपनियों को फंड दिया है, उनमें से किसी में भी मैं कार्यकारी भूमिका नहीं निभाता हूं. दुर्भाग्य से ये कंपनियां मेरे द्वारा उधार दिए गए फंड को चुकाने में विफल रहीं, जिसके कारण मुझे कानूनी कार्यवाही शुरू करनी पड़ी, जो वर्तमान में विचाराधीन है'.

उथप्पा आगे लिखते हैं, 'मैंने कई साल पहले अपने निदेशक पद से भी इस्तीफा दे दिया था. जब प्रोविडेंट फंड अधिकारियों ने बकाया भुगतान की मांग करते हुए नोटिस जारी किए, तो मेरी कानूनी टीम ने जवाब दिया, जिसमें बताया गया कि इन कंपनियों में मेरी कोई भूमिका नहीं थी और कंपनियों से मेरी भागीदारी की कमी की पुष्टि करने वाले दस्तावेज उपलब्ध कराए. इसके बावजूद प्रोविडेंट फंड अधिकारियों ने कार्यवाही जारी रखी है और मेरे कानूनी सलाहकार आने वाले दिनों में इस मामले को सुलझाने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे. मैं मीडिया से भी आग्रह करना चाहूंगा कि वह कृपया पूरे तथ्य पेश करें और साझा की जा रही जानकारी की प्रमाणिकता की पुष्टि करें'.

क्या है पूरा मामला
उथप्पा पर कर्मचारियों के ईपीएफ (PF) फंड से धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए, उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया. यह वारंट इसी महीने 4 तारीख को जारी किया गया था. ईपीएफ क्षेत्रीय आयुक्त शदाक्षरी गोपाल रेड्डी ने पुलिस को लेटर लिखकर क्रिकेटर को गिरफ्तार करने की अपील की थी. उथप्पा सेंचुरीज लाइफस्टाइल ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड नामक एक निजी कंपनी में सह-भागीदार हैं. कंपनी में काम करने वाले कई कर्मचारियों का पीएफ का भुगतान नहीं किया गया है. पूर्व क्रिकेटर पर वेतन से पीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) राशि काटकर उसे कर्मचारियों के खातों में जमा न करने के आरोप लगे हैं.

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