मधुबनी: बिहार में मधुबनी व्यवहार न्यायालय ने एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म और हत्या करने के मामले मे दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उस पर 25000 का जुर्माना भी लगाया है. शनिवार को प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायालय सह विशेष न्यायालय के न्यायाधीश सैयद मो. फजलूल बारी की न्यायालय में सजा के बिंदु सुनवाई हुई. मामला कलुआही थाना क्षेत्र का है.
दुष्कर्म के दोषी को उम्रकैद: अदालत ने 376ए , 376डी, दफा 302, 120बी और पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी को जीवन-पर्यत्न (उम्रकैद) कारावास की सजा सुनायी है. न्यायालय ने आरोपी पर 25 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर आरोपी को तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. हालांकि पुलिस की ओर से अपर लोक अभियोजक मिश्री लाल यादव ने न्यायालय से आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की थी.
मामला 4 साल पुराना: अपर लोक अभियोजक के अनुसार घटना 17 अगस्त 2020 की है. नाबालिग पीड़िता अपने घर से शौच के लिए निकली थी. काफी समय बीत जाने के बाद जब नाबालिग घर वापस नहीं लौटी तो परिजनों ने रात भर काफी खोजबीन की. सुबह में जानकारी मिली कि गांव के ही एक शख्स के घर में बच्ची की लाश मिली है. सूचना मिलने पर पुलिस के साथ जब किशोरी सहनी के घर नाबालिग के पिता पहुंचे तो नाबालिग का शव पड़ा पाया.
"नाबालिग के पिता के बयान पर कलुआही थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. एक आरोपी को उम्रकैद की सजा मिली है. इसी कांड के एक अन्य आरोपी रामनाथ सहनी को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो गौरव आनंद के न्यायालय से 14 जून 2023 को जीवन काल तक जेल में रहने की सजा हो चुकी है. वहीं दूसरा आरोपी प्रसादी सहनी का निधन विचारण के दौरान ही जेल में हो गया था। वहीं तीसरा आरोपी नाबालिग होने के कारण मामले का विचारण प्रथम एडीजे सह विशेष न्यायालय में हुआ."- मिश्री लाल यादव, अपर लोक अभियोजक
परिजन को 8 लाख देने का आदेश: कोर्ट ने मृतक बच्ची के परिजन को मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार को आठ लाख रुपये देने का आदेश दिया. न्यायालय ने आरोपी के जुर्माना देने के स्थिति में जुर्माने की राशि भी मृतक के परिजन को देने का आदेश दिया है.