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सिवान के थानाध्यक्ष की सराहनीय पहल, लोगों को समझाया दूध और दारू का फर्क

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Published : Dec 17, 2021, 5:50 PM IST

बिहार में शराबबंदी है. इसके बावजूद शराब की बरामदगी, तस्करों का पकड़ा जाना आम बात हैं. लगातार शराब तस्करी की कोशिश हो रही है लेकिन पुलिस की मुस्तैदी है. तस्कर शराब के साथ पकड़े जा रहे हैं. पुलिस अब कड़ाई बरतने के साथ ही लोगों को जागरूक करने में भी जुटी है.

Siwan
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सिवान: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) को पूर्ण सफल बनाने के लिए सरकार सारे पैंतरे आजमा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबंबदी की समीक्षा बैठक (CM Nitish Kumar meeting on Liquor Ban) कर इसे अभियान को सफल बनाने के लिए कड़ाई बरतने का बी निर्देश दिया था लेकिन सफलता अभी भी कोसों दूर है. इस परिस्थिति सिवान के एक थानेदार ने काफी सार्थक और सराहनीय पहल की है.

ये भी पढ़ें: सिवान में तेज रफ्तार का कहर, 12 घंटे के अंदर 2 कार पलटी, एक की मौत

सिवान के मुफस्सिल (Siwan Mufassil Police Station) थानाध्यक्ष विनोद सिंह ने शराबबंदी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सिवान शहर के कई जगहों पर कैम्प लगाया. इसी क्रम में सिवान शहर के सुदर्शन चौक श्रीनगर के पास मुफस्सिल थानाध्यक्ष लोगों को शराबबंदी कानून और शराब से होने वाले नुकसान के बारे में समझाते नजर आये. उन्होंने कहा कि लोगों को दूध अच्छा या दारू के सेवन से नफा-नुकसान के बारे में समझाया. थानाध्यक्ष ने बताया कि शराब की जगह पौष्टिक आहार, फल खाना चाहिए. इससे परिवार भी खुश और बच्चों के साथ पूरा परिवार तंदुरुस्त हो जाएगा.

लोगों को समझाते मुफस्सिल थानाध्यक्ष विनोद सिंह

उन्होंने कहा कि अब आप लोग भी समझिए कि शराब रखना, बेचना और पीना दोनों गलत हैं. वहीं, सुदर्शन चौक पर लोगों की भीड़ थी. लोगों ने भी थानाध्यक्ष की बातों का समर्थन किया. थानाध्यक्ष ने शराबबंदी कानून को सफल बताते हुए कहा कि शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में कमी हुई है. यही चौक चौराहा है, जहां 5 बजे के बाद शराबियों के कारण बेटियों-बहनों को घर से निकलने में कठिनाई होती थी लेकिन शराबबंदी के बाद अब इससे राहत हैं.

मुफस्सिल थानाध्यक्ष ने सितंबर महीने में हुए 2 युवकों की मौत मामले की चर्चा करते हुए बताया कि शराब पीने के कारण उनकी जान गयी थी जबकि परिजन हत्या की बात कह रहे थे. बता दें कि 2 सितंबर को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कररुआ सरावे से 2 युवकों का शव बरामद किया गया था. उनकी पहचान सिवान शहर के पुरानी किला निवासी शकील आजम के पुत्र शाहिल आजम और शुक्ला टोली के रहने वाले शहबल के रूप में हुई थी.

परिजनों ने बताया कि यह दोनों पल्सर बाइक से अपने दूसरे दोस्त शुक्ला टोली निवासी राहुल और पुरानी किला निवासी अब्दुल्लाह के पुत्र गोलू के साथ 1 सितंबर को सात बजे हथुआ गए हुए थे. लौटने के क्रम में राहुल और गोलू आगे निकल आए जबकि शाहिल और शहबल रास्ते में ही रुक गए. उसके बाद इन दोनों का कोई पता नहीं चला. इस मामलें में परिजनों ने 5 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

ये भी पढ़ें: सिवान में दुकान में सोए युवक की गोली मारकर हत्या, नाराज लोगों ने किया बवाल

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सिवान के मुफस्सिल (Siwan Mufassil Police Station) थानाध्यक्ष विनोद सिंह ने शराबबंदी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सिवान शहर के कई जगहों पर कैम्प लगाया. इसी क्रम में सिवान शहर के सुदर्शन चौक श्रीनगर के पास मुफस्सिल थानाध्यक्ष लोगों को शराबबंदी कानून और शराब से होने वाले नुकसान के बारे में समझाते नजर आये. उन्होंने कहा कि लोगों को दूध अच्छा या दारू के सेवन से नफा-नुकसान के बारे में समझाया. थानाध्यक्ष ने बताया कि शराब की जगह पौष्टिक आहार, फल खाना चाहिए. इससे परिवार भी खुश और बच्चों के साथ पूरा परिवार तंदुरुस्त हो जाएगा.

लोगों को समझाते मुफस्सिल थानाध्यक्ष विनोद सिंह

उन्होंने कहा कि अब आप लोग भी समझिए कि शराब रखना, बेचना और पीना दोनों गलत हैं. वहीं, सुदर्शन चौक पर लोगों की भीड़ थी. लोगों ने भी थानाध्यक्ष की बातों का समर्थन किया. थानाध्यक्ष ने शराबबंदी कानून को सफल बताते हुए कहा कि शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में कमी हुई है. यही चौक चौराहा है, जहां 5 बजे के बाद शराबियों के कारण बेटियों-बहनों को घर से निकलने में कठिनाई होती थी लेकिन शराबबंदी के बाद अब इससे राहत हैं.

मुफस्सिल थानाध्यक्ष ने सितंबर महीने में हुए 2 युवकों की मौत मामले की चर्चा करते हुए बताया कि शराब पीने के कारण उनकी जान गयी थी जबकि परिजन हत्या की बात कह रहे थे. बता दें कि 2 सितंबर को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कररुआ सरावे से 2 युवकों का शव बरामद किया गया था. उनकी पहचान सिवान शहर के पुरानी किला निवासी शकील आजम के पुत्र शाहिल आजम और शुक्ला टोली के रहने वाले शहबल के रूप में हुई थी.

परिजनों ने बताया कि यह दोनों पल्सर बाइक से अपने दूसरे दोस्त शुक्ला टोली निवासी राहुल और पुरानी किला निवासी अब्दुल्लाह के पुत्र गोलू के साथ 1 सितंबर को सात बजे हथुआ गए हुए थे. लौटने के क्रम में राहुल और गोलू आगे निकल आए जबकि शाहिल और शहबल रास्ते में ही रुक गए. उसके बाद इन दोनों का कोई पता नहीं चला. इस मामलें में परिजनों ने 5 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

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