पटना/सिवान : बिहार की पटना हाई कोर्ट ने सिवान जिले में 5 साल के बच्चे के अपहरण के 11 साल बाद सीआईडी को मामले की पुनः जांच करने और नाबालिग बच्चे को बरामद करने का आदेश दिया. जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा ने मंसूर आलम की आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि स्थानीय पुलिस ने मामले की वैज्ञानिक तरीके एवं संवेदनशीलता के साथ जांच नहीं की. इससे पीड़ित के पिता को मार्च 2021 में अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा.
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सिवान अपहरण केस में पुलिस गंभीर नहीं : कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों ने मामले की जांच टुकड़े-टुकड़े तरीके से की है. बच्चे की बरामदगी के लिए विशेष टीम का गठन नहीं करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की आलोचना करते हुए कहा कि पुलिस अधीक्षक और अन्य उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारियों द्वारा कोई गंभीर प्रयास नहीं किया गया.
सीआईडी करेगी दोबारा जांच शुरू- HC : अपहृत बच्चे के पिता ने 3 अगस्त, 2012 को बसंतपुर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. कोर्ट ने कहा कि सीआईडी से अपेक्षा की जाती है कि वह मामले की गंभीरता देखते हुए तेजी से दोबारा जांच करेगी. इस बीच, कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को मामले में आगे बढ़ने से तब तक रोक दिया, जब तक कि मामले में दोबारा जांच पूरी नहीं हो जाती. सीआईडी द्वारा अंतिम प्रपत्र दायर नहीं कर दिया जाता.
पीड़ित पिता की जगी उम्मीद : 2021 से कोर्ट में सुनवाई के बाद पीड़ित पिता को कोर्ट द्वारा केस के फिर से जांच करने के निर्देश मिले हैं. ये जांच पूरी होने तक कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को मामले में आगे बढ़ने से रोक दिया है. अब सीआईडी की रिपोर्ट के बाद ही इसपर मामला आगे बढ़ेगा.