सिवान: बिहार चिकित्सा और जन-स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की ओर से संचालित आउटसोर्सिंग डेटा एंट्री ऑपरेटर संघर्ष समिति ने सिवान सदर अस्पताल के ओपीडी भवन के मुख्य गेट को बंद कर धरना-प्रदर्शन किया. इसकी वजह से ओपीडी सेवा सुबह 8 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक प्रभावित रही. वहीं अस्पताल आने वाले मरीजों को भी काफी परेशानी का सामान करना पड़ा.
स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी
सूचना मिलते ही अस्पताल प्रबंधक ने मौके पर पहुंच कर ओपीडी का गेट खुलवा कर सेवा सुचारू करने का आग्रह किया. लेकिन ऑपरेटर नहीं माने. ऑपरेटर गेट के सामने बैठ कर घंटों प्रदर्शन करते रहे. साथ ही प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी की. ओपीडी स्थित दवा काउंटर को भी ऑपरेटरों ने बंद कर दिया था. बाद में सिविल सर्जन से वार्ता के बाद ओपीडी गेट सामने से हट गए. लेकिन उनका धरना जारी रहा. इस दौरान ऑपरेटरों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मुर्दाबाद के नारे भी लगाए.
आंदोलन करने की चेतावनी
ऑपरेटरों ने कहा कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं होती है, तो हम उग्र आंदोलन करेंगे और सरकार के स्वास्थ्य संबंधी सभी कार्यों को बाधित करेंगे. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आउटसोर्सिंग डाटा इंट्री ऑपरेटरों को बिना किसी शर्त नई एजेंसी में जब तक समायोजन नहीं किया जाता है, तब तक यह प्रदर्शन जारी रहेगा. वहीं इसकी सूचना जैसे ही नगर थाना को मिली, गश्ती टीम अस्पताल में पहुंची और प्रदर्शन कर रहे ऑपरेटरों को समझा कर ओपीडी सेवा को बहाल करने को कहा. लेकिन उनपर कोई असर नहीं हुआ.
मरीजों को हुई काफी परेशानी
नगर थाना इंस्पेक्टर जयप्रकाश पंडित ने ऑपरेटरों से बात कर सिविल सर्जन के कक्ष में उन्हें बुलाया. जहां सिविल सर्जन से वार्ता के बाद 2 बजे ऑपरेटर ओपीडी गेट से खुद ही हट गए. ओपीडी में सेवा बाधित होने के कारण मरीजों की भीड़ इमरजेंसी में एकत्रित हो गई. सामान्य मरीजों की भीड़ के कारण इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को देखने में चिकित्सकों को भी काफी परेशानी हो रही थी. इस कारण सभी को काफी परेशानी हुई.
वहीं मुख्य गेट के सामने काफी भीड़ भी एकत्रित हो गई थी. इस मामले पर सीएस ने कहा कि अनुरोध करने पर ऑपरेटरों ने ताला खोल दिया है. लेकिन उनका धरना जारी है. उनका यह राज्यस्तरीय आंदोलन है. सरकार अपने स्तर से इस पर विचार कर रही है.