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सिवान में शराब के मामले में युवक की बेरहमी से पिटाई, उत्पाद विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप

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Published : Dec 24, 2022, 10:27 PM IST

छपरा शराब कांड (Chapra Hooch Tragedy) के बाद बिहार में पुलिस और उत्पाद विभाग के कर्मचारी और अधिकरी इन दिनों काफी दवाब में हैं. मामले को हल करने में पुलिस और अधिकारी मानवता भूलकर कानून को भी अपने हाथ में लेने लगे हैं. कुछ इसी तरह का मामल सिवान जिले से है, जहां शराब के मामले में बेरहमी से पिटाई से पिटाई कर दी. पढ़ें पूरी खबर..

उत्पाद विभाग
उत्पाद विभाग

सिवानः बिहार के सिवान जिले में शराब के मामले में एक युवक को उत्पाद पुलिस ने पकड़ा था. इसके बाद आरोपी से 50 हजार रुपये की मांग की गई. रुपया नहीं देने पर उत्पाद विभाग के दारोगा ने आरोपी की बेरहमी से पिटाई कर दी. युवक की इतनी बेरहमी से पिटाई (Liquor case In Siwan Youth Brutally Beaten By Police) की गई की उसे इलाज के लिए सिवान सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया.

ये भी पढ़ें-Chapra hooch tragedy: शराब निर्माण में दूसरे केमिकल का हुआ इस्तेमाल, ADG पुलिस मुख्यालय का बड़ा खुलासा

"22 दिसम्बर को रात 10 बजे के करीब रेलवे लाइन के पास से उत्पाद विभाग के दारोगा सुनील यादव ने तीन लोगों की गिरफ्तारी की. तीनों को लेकर थाना पहुंचे, जहां मुझसे 50 हजार रुपये छोड़ने के लिए मांग की गई. नहीं देने पर हमें बेरहमी से पीटा गया."-जफर इमाम, शराब के मामले में गिरफ्तार युवक

क्या है पूरा मामलाः जफर इमाम ने आराप लगया कि पिटाई कर उसके पीछे का प्राइवेट पार्ट को काला कर दिया है. उसने कहा कि हमलोग तीन लोग थे. हमने शराब नहीं पिया था और नहीं शराब मेरा पास था. जब कि लाइन के उस पार से कुछ शराब बरामद किया गया था. पुलिस को पैसा नहीं देने पर हम पर झूठ केस भी कर दिया गया और बेरहमी से पिटाई भी कर दी गई.

एक साथ पकड़े गये थे 3 आरोपीः पकड़े गए तीन लोगों में सुधीर प्रसाद, मो. सोनू और जफर इमाम है. तीनों में से दो को जेल भेज दिया गया. लेकिन जफर को इलाज के लिए सिवान सदर अस्पताल भेज दिया. वहीं जफर का यह भी कहना है मुझे करंट भी लगा रहे थे. दारोगा सुनील यादव पैसे की भी मंगा कर रहे थे. वहीं पुलिस ने 10 हजार कैश और उसका मोबाइल भी रख लिया है.



क्या कहते है उत्पाद अधीक्षकः इस पूरे मामले में उत्पाद विभाग की पुलिस ने 653/22 केस दर्ज कर लिया है. लेकिन पिटाई मामले में उत्पाद अधीक्षक प्रियरंजन कुमार को कुछ भी जानकारी नहीं है. फोन पर बात की गई तो उत्पाद अधीक्षक प्रियरंजन का कहना है किया गलत आरोप है. सुनील यादव दारोगा है, लेकिन पकड़े जाने के बाद आरोपी झूठ-सच बोलता है सब.

बेरहमी से पिटाई लेकर लोगों में आक्रोशः उत्पाद अधीक्षक प्रियरंजन कुमार ने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है. वहीं सवाल यह है कि उत्पाद विभाग को किसने आदेश दिया है कि पैसा लीजिये और नहीं देने पर आरोपियों को बेरहमी से पिटाई कीजिये. हालांकि यह मामला गंभीर होते जा रहा है. क्योंकि जिस तरीके से जफर की बेरहमी से पिटाई हुई है, उसे देख कर रौंगटे खड़े हो जा रहे है. मामले का सच क्या है, यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा.

सिवानः बिहार के सिवान जिले में शराब के मामले में एक युवक को उत्पाद पुलिस ने पकड़ा था. इसके बाद आरोपी से 50 हजार रुपये की मांग की गई. रुपया नहीं देने पर उत्पाद विभाग के दारोगा ने आरोपी की बेरहमी से पिटाई कर दी. युवक की इतनी बेरहमी से पिटाई (Liquor case In Siwan Youth Brutally Beaten By Police) की गई की उसे इलाज के लिए सिवान सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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"22 दिसम्बर को रात 10 बजे के करीब रेलवे लाइन के पास से उत्पाद विभाग के दारोगा सुनील यादव ने तीन लोगों की गिरफ्तारी की. तीनों को लेकर थाना पहुंचे, जहां मुझसे 50 हजार रुपये छोड़ने के लिए मांग की गई. नहीं देने पर हमें बेरहमी से पीटा गया."-जफर इमाम, शराब के मामले में गिरफ्तार युवक

क्या है पूरा मामलाः जफर इमाम ने आराप लगया कि पिटाई कर उसके पीछे का प्राइवेट पार्ट को काला कर दिया है. उसने कहा कि हमलोग तीन लोग थे. हमने शराब नहीं पिया था और नहीं शराब मेरा पास था. जब कि लाइन के उस पार से कुछ शराब बरामद किया गया था. पुलिस को पैसा नहीं देने पर हम पर झूठ केस भी कर दिया गया और बेरहमी से पिटाई भी कर दी गई.

एक साथ पकड़े गये थे 3 आरोपीः पकड़े गए तीन लोगों में सुधीर प्रसाद, मो. सोनू और जफर इमाम है. तीनों में से दो को जेल भेज दिया गया. लेकिन जफर को इलाज के लिए सिवान सदर अस्पताल भेज दिया. वहीं जफर का यह भी कहना है मुझे करंट भी लगा रहे थे. दारोगा सुनील यादव पैसे की भी मंगा कर रहे थे. वहीं पुलिस ने 10 हजार कैश और उसका मोबाइल भी रख लिया है.



क्या कहते है उत्पाद अधीक्षकः इस पूरे मामले में उत्पाद विभाग की पुलिस ने 653/22 केस दर्ज कर लिया है. लेकिन पिटाई मामले में उत्पाद अधीक्षक प्रियरंजन कुमार को कुछ भी जानकारी नहीं है. फोन पर बात की गई तो उत्पाद अधीक्षक प्रियरंजन का कहना है किया गलत आरोप है. सुनील यादव दारोगा है, लेकिन पकड़े जाने के बाद आरोपी झूठ-सच बोलता है सब.

बेरहमी से पिटाई लेकर लोगों में आक्रोशः उत्पाद अधीक्षक प्रियरंजन कुमार ने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है. वहीं सवाल यह है कि उत्पाद विभाग को किसने आदेश दिया है कि पैसा लीजिये और नहीं देने पर आरोपियों को बेरहमी से पिटाई कीजिये. हालांकि यह मामला गंभीर होते जा रहा है. क्योंकि जिस तरीके से जफर की बेरहमी से पिटाई हुई है, उसे देख कर रौंगटे खड़े हो जा रहे है. मामले का सच क्या है, यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा.

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