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सीतामढ़ी: चिलरा वियर परियोजना से जिले के 60 हजार किसानों को मिलेगा फायदा, जीर्णोद्धार शुरू - Sitamarhi News

पहले लगभग 404 हेक्टेयर की सिंचाई संभव थी, जीर्णोद्धार के बाद लगभग 1436 हेक्टयर से पटवन सुनिश्चित होगा. इसमें वियर स्थल पर एक फॉलिंग शटर का प्रावधान किया गया है जो जल के दबाव में खुद से संचालित होता है.

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Published : May 1, 2020, 9:21 PM IST

सीतामढ़ी: जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत सोनबरसा प्रखंड में चल रहे चिलरा वियर योजना के जीर्णोद्धार का काम लघु जल संसाधन विभाग की तरफ से किया जा रहा है. यह एक अति महत्वाकांक्षी परंपरागत लघु सिंचाई योजना है. यह योजना अधवारा नदी समूह नेपाल से निकलने वाली झीम नदी पर बनी है. यह योजना AIBP के तहत 897.730 लाख के राशि की प्रशासनिक स्वीकृति के बाद दीपशिखा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड से एकरारनामा कराया गया है, जिसकी अनुमानित राशि- 925.885 लाख की स्वीकृति, लघु जल संसाधन विभाग मुजफ्फरपुर ने दी है.

इस योजना से लगभग 15 गांव- चिलरा, लक्ष्मीपुर, रोहुआ, खोबरा, जयनगर, जमूराहा, दिघी आदि के लगभग 55000 ग्रामीण कृषक और लगभग 5000 अनुसूचित जाति एवं जनजाति ग्रामीण कृषक लाभान्वित होंगे. इस योजना में 0.6 मीटर से 0.9 मीटर ऊंचाई के विभिन्न फॉल-19 स्थलों पर लगवाए गए हैं. इस योजना में 3 हेड रेगुलेटर हैं. कलमर्ट-5 और 93 आउटलेट से तीन शाखा नहर के माध्यम से सिंचाई की जानी है. इस योजना में सभी नहरों की कुल लंबाई 21.9 किलोमीटर है.

पहले से ज्यादा सिंचाई संभव
चिलरा वियर मेन कैनाल की लंबाई 14.2 किलोमीटर एवं इसके शाखा नहर की लंबाई क्रमशः 1 किलोमीटर, 1.2 किलोमीटर और 1.5 किलोमीटर है, जिसके माध्यम से 93 आउटलेट से पटवन कराया जाना है. इससे पहले लगभग 404 हेक्टेयर की सिंचाई संभव थी, जीर्णोद्धार के बाद लगभग 1436 हेक्टयर से पटवन सुनिश्चित होगा. इसमें वियर स्थल पर एक फॉलिंग शटर का प्रावधान किया गया है जो जल के दबाव में खुद से संचालित होता है.

साइट से ले सकते हैं जानकारी
इसके लिए जिले के किसान विभागीय वेबसाइट के लिंक www.minorirrigation.bihar.gov.in/Public Report पर लघु जल संसाधन विभाग द्वारा क्रियान्वित योजनाओं को समय-समय पर देख कर निगरानी करते हुए लाभान्वित हो सकते हैं. ये जानकारी अपर सचिव लघु जल संसाधन विभाग, बिहार गोपाल मीणा ने दी है.

सीतामढ़ी: जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत सोनबरसा प्रखंड में चल रहे चिलरा वियर योजना के जीर्णोद्धार का काम लघु जल संसाधन विभाग की तरफ से किया जा रहा है. यह एक अति महत्वाकांक्षी परंपरागत लघु सिंचाई योजना है. यह योजना अधवारा नदी समूह नेपाल से निकलने वाली झीम नदी पर बनी है. यह योजना AIBP के तहत 897.730 लाख के राशि की प्रशासनिक स्वीकृति के बाद दीपशिखा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड से एकरारनामा कराया गया है, जिसकी अनुमानित राशि- 925.885 लाख की स्वीकृति, लघु जल संसाधन विभाग मुजफ्फरपुर ने दी है.

इस योजना से लगभग 15 गांव- चिलरा, लक्ष्मीपुर, रोहुआ, खोबरा, जयनगर, जमूराहा, दिघी आदि के लगभग 55000 ग्रामीण कृषक और लगभग 5000 अनुसूचित जाति एवं जनजाति ग्रामीण कृषक लाभान्वित होंगे. इस योजना में 0.6 मीटर से 0.9 मीटर ऊंचाई के विभिन्न फॉल-19 स्थलों पर लगवाए गए हैं. इस योजना में 3 हेड रेगुलेटर हैं. कलमर्ट-5 और 93 आउटलेट से तीन शाखा नहर के माध्यम से सिंचाई की जानी है. इस योजना में सभी नहरों की कुल लंबाई 21.9 किलोमीटर है.

पहले से ज्यादा सिंचाई संभव
चिलरा वियर मेन कैनाल की लंबाई 14.2 किलोमीटर एवं इसके शाखा नहर की लंबाई क्रमशः 1 किलोमीटर, 1.2 किलोमीटर और 1.5 किलोमीटर है, जिसके माध्यम से 93 आउटलेट से पटवन कराया जाना है. इससे पहले लगभग 404 हेक्टेयर की सिंचाई संभव थी, जीर्णोद्धार के बाद लगभग 1436 हेक्टयर से पटवन सुनिश्चित होगा. इसमें वियर स्थल पर एक फॉलिंग शटर का प्रावधान किया गया है जो जल के दबाव में खुद से संचालित होता है.

साइट से ले सकते हैं जानकारी
इसके लिए जिले के किसान विभागीय वेबसाइट के लिंक www.minorirrigation.bihar.gov.in/Public Report पर लघु जल संसाधन विभाग द्वारा क्रियान्वित योजनाओं को समय-समय पर देख कर निगरानी करते हुए लाभान्वित हो सकते हैं. ये जानकारी अपर सचिव लघु जल संसाधन विभाग, बिहार गोपाल मीणा ने दी है.

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