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सीतामढ़ी: बाल मजदूरी कर चुका वाहिद 10वीं में प्रथम श्रेणी से उतीर्ण, DM ने दी बधाई

सीतामढ़ी में एक समय बाल मजदूरी करने वाला वाहिद रेजा ने मैट्रिक की परीक्षा में फर्स्ट आया है. प्रथम श्रेणी आने के बाद जिला प्रशासन के साथ-साथ पूरा गांव में खुशी की लहर है.

वाहिद रेजा
वाहिद रेजा
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Published : May 27, 2020, 10:17 PM IST

Updated : May 27, 2020, 11:54 PM IST

सीतामढ़ी: कभी बाल मजदूरी करने वाले जिले का वाहिद रेजा बिहार बोर्ड दसवीं की परीक्षा में प्रथम श्रेणी से पास हुआ है. उसकी इस सफलता से परिवार में खुशी का माहौल है. वाहिद ने 2020 की मैट्रिक परीक्षा में 365 अंक प्राप्त किया. यह जिलावासियों के लिए गौरव की बात है.

वाहिद की कहानी बड़ी दिलचस्प है. वाहिद के परिजनों की मानें तो साल 2015 में वह जिले के परिहार में किंग टेलर्स में बतौर बाल मजदूर काम कर रहा था. तभी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी और चाइल्ड लाइन की नजर उस पर पड़ी. ऑपरेशन मुस्कान के तहत वाहिद को टीम ने वहां से मुक्त कराकर उसके अभिभावक को सौंप दिया.

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अभिलाषा कुमारी, डीएम

प्रथम संस्था ने की मदद
उस समय प्रथम संस्था की टीम ने वाहिद और उसके अभिभावक से बात कर वाहिद को आगे पढ़ाई करने के लिए मोटिवेट किया. साथ ही टीम उसे नियमित फॉलो करती रही. श्रम संसाधन विभाग की पहल पर सीएलटीएस में उसका नाम दर्ज कराया गया और मुख्यमंत्री राहत कोष से 25,000 की एफडी की गई.

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वाहिद रेजा की फाइल फोटो

बच्चे को मिली सरकारी मदद
श्रम अधीक्षक राकेश रंजन ने बताया कि विभाग ने बच्चे को उसी समय तत्काल 1800 रुपये दिया गया था. इसके अलावा उसके परिवार को अन्य योजनाओं से भी जोड़ा गया. नियमित फॉलो अप और मोटिवेशन के साथ आर्थिक सहयोग का ही परिणाम है कि आज वाहिद ने मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की है. उसने इस उपलब्धि का श्रेय परिवार और समाज के लोगों को दिया है.

डीएम ने की सराहना
डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा और स्थानीय परिहार विद्यायक गायत्री देवी ने भी वाहिद रेजा को उसकी सफलता पर शुभकामनाएं दी है. साथ ही उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है. वाहिद भी अपनी इस सफलता से काफी खुश हैं.

सीतामढ़ी: कभी बाल मजदूरी करने वाले जिले का वाहिद रेजा बिहार बोर्ड दसवीं की परीक्षा में प्रथम श्रेणी से पास हुआ है. उसकी इस सफलता से परिवार में खुशी का माहौल है. वाहिद ने 2020 की मैट्रिक परीक्षा में 365 अंक प्राप्त किया. यह जिलावासियों के लिए गौरव की बात है.

वाहिद की कहानी बड़ी दिलचस्प है. वाहिद के परिजनों की मानें तो साल 2015 में वह जिले के परिहार में किंग टेलर्स में बतौर बाल मजदूर काम कर रहा था. तभी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी और चाइल्ड लाइन की नजर उस पर पड़ी. ऑपरेशन मुस्कान के तहत वाहिद को टीम ने वहां से मुक्त कराकर उसके अभिभावक को सौंप दिया.

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अभिलाषा कुमारी, डीएम

प्रथम संस्था ने की मदद
उस समय प्रथम संस्था की टीम ने वाहिद और उसके अभिभावक से बात कर वाहिद को आगे पढ़ाई करने के लिए मोटिवेट किया. साथ ही टीम उसे नियमित फॉलो करती रही. श्रम संसाधन विभाग की पहल पर सीएलटीएस में उसका नाम दर्ज कराया गया और मुख्यमंत्री राहत कोष से 25,000 की एफडी की गई.

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वाहिद रेजा की फाइल फोटो

बच्चे को मिली सरकारी मदद
श्रम अधीक्षक राकेश रंजन ने बताया कि विभाग ने बच्चे को उसी समय तत्काल 1800 रुपये दिया गया था. इसके अलावा उसके परिवार को अन्य योजनाओं से भी जोड़ा गया. नियमित फॉलो अप और मोटिवेशन के साथ आर्थिक सहयोग का ही परिणाम है कि आज वाहिद ने मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की है. उसने इस उपलब्धि का श्रेय परिवार और समाज के लोगों को दिया है.

डीएम ने की सराहना
डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा और स्थानीय परिहार विद्यायक गायत्री देवी ने भी वाहिद रेजा को उसकी सफलता पर शुभकामनाएं दी है. साथ ही उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है. वाहिद भी अपनी इस सफलता से काफी खुश हैं.

Last Updated : May 27, 2020, 11:54 PM IST
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