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रीगा चीनी मिल पर 150 करोड़ बकाया, भुगतान की मांग पर किसानों और कामगारों का धरना

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Published : Jan 29, 2021, 3:25 PM IST

गन्ना किसानों और कामगारों ने सीतामढ़ी के रीगा चीनी मिल के मेन गेट पर धरना दिया. इस दौरान सरकार से बकाया राशि का भुगतान करवाने की मांग की गई. इसके साथ ही मिल को जल्द से जल्द चालू करवाने की मांग भी की गई.

Sugarcane farmers protested
रीगा चीनी मिल के गेट पर धरना.

सीतामढ़ी: किसान-कामगार समन्वय समिति के बैनर तले सैकड़ों किसानों और मिल मजदूरों ने रीगा चीनी मिल के मेन गेट पर धरना दिया. इस दौरान सभा भी की गई, जिसकी अध्यक्षता मिल वर्कस यूनियन के अध्यक्ष रामानंदन ठाकुर ने की.

सरकार से चीनी मिल चलाने की मांग
सभा में वक्ताओं ने सरकार से शीघ्र चीनी मिल चलाने की मांग की. रामानंदन ठाकुर ने कहा कि मिल क्षेत्र के 40 हजार किसान और 650 कामगारों के साथ लाखों आश्रित भुखमरी के कगार पर हैं. मिल मालिक 5-6 साल से मिल बंद करने की योजना पर काम कर रहे थे. उन्होंने मिल बंद कर किसानों और कामगारों को सड़क पर ला दिया है.

यह भी पढ़ें- सीतामढ़ी: शीतलहर के कारण रबी फसलों की अच्छी पैदावार की संभावना, खिले किसानों के चेहरे

किसानों और कामगारों का 150 करोड़ रुपए बकाया
"किसानों का करीब 140 करोड़ रुपए और कामगारों का करीब 10 करोड़ रुपए मिल पर बकाया है. पैसे बकाया रखकर मिल मालिक कलकता भागे हुए हैं. किसानों और कामगारों के सामने भूखमरी की स्थिति है. सरकार मिल मालिक पर दबाव बनाकर, मिल बेंचवाकर या किसी कुशल कंपनी से मिल चलवाकर लाखों लोगों का जीवन बचाए. इस साल किसानों के बकाये का भुगतान कर गन्ने की खेती नहीं होती है तो मिल तीन-चार साल नहीं चल सकेगा."- रामानंदन ठाकुर, अध्यक्ष, मिल वर्कस यूनियन

सीतामढ़ी: किसान-कामगार समन्वय समिति के बैनर तले सैकड़ों किसानों और मिल मजदूरों ने रीगा चीनी मिल के मेन गेट पर धरना दिया. इस दौरान सभा भी की गई, जिसकी अध्यक्षता मिल वर्कस यूनियन के अध्यक्ष रामानंदन ठाकुर ने की.

सरकार से चीनी मिल चलाने की मांग
सभा में वक्ताओं ने सरकार से शीघ्र चीनी मिल चलाने की मांग की. रामानंदन ठाकुर ने कहा कि मिल क्षेत्र के 40 हजार किसान और 650 कामगारों के साथ लाखों आश्रित भुखमरी के कगार पर हैं. मिल मालिक 5-6 साल से मिल बंद करने की योजना पर काम कर रहे थे. उन्होंने मिल बंद कर किसानों और कामगारों को सड़क पर ला दिया है.

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किसानों और कामगारों का 150 करोड़ रुपए बकाया
"किसानों का करीब 140 करोड़ रुपए और कामगारों का करीब 10 करोड़ रुपए मिल पर बकाया है. पैसे बकाया रखकर मिल मालिक कलकता भागे हुए हैं. किसानों और कामगारों के सामने भूखमरी की स्थिति है. सरकार मिल मालिक पर दबाव बनाकर, मिल बेंचवाकर या किसी कुशल कंपनी से मिल चलवाकर लाखों लोगों का जीवन बचाए. इस साल किसानों के बकाये का भुगतान कर गन्ने की खेती नहीं होती है तो मिल तीन-चार साल नहीं चल सकेगा."- रामानंदन ठाकुर, अध्यक्ष, मिल वर्कस यूनियन

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