सीतामढ़ी: मीडिया को समाज का आईना कहा जाता है. ऐसे में मीडिया का दायित्व बनता है कि वो जरुरतमंद लोगों की आवाज बने और उसकी आवाज को संबंधित ऑथोरिटी तक पहुंचाए. ऐसा ही मामला पिछले दिनों ईटीवी भारत ने दिखाया था. जिसमें 7 साल का प्रशांत एक पैर से कूद-कूदकर स्कूल (Prashant goes to school on one leg) जा रहा था. अब ईटीवी भारत की खबर का असर दिखाई पड़ रहा है. प्रशासन ने प्रशांत को क्रिसमस का बड़ा तोहफा दिया है. जिला प्रशासन ने प्रशांत को कृत्रिम पैर (Sitamarhi Boy Prashant Got prosthetic leg) उपलब्ध करवाया है. जिससे अब प्रशांत दोनों पैरों पर खड़े होकर स्कूल जाएगा.
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क्या है प्रशांत की कहानी : दरअसल, प्रशांत (7) सीतामढ़ी जिला के परिहार प्रखंड के मलहा टोल के एक सरकारी स्कूल में दूसरी कक्षा का छात्र है. पिछले कई सालों से प्रशांत एक पैर के सहारे स्कूल आता जाता था. प्रशांत का स्कूल करीब एक किलोमीटर दूर है. कुछ साल पहले डॉक्टरों की एक गलती से प्रशांत ने अपना पैर खो दिया था. प्रशांत को डॉक्टरों ने एक गलत इंजेक्शन लगा दी थी. जिसके बाद उसका पैर खराब होने लगा और आखिर में उसे काट कर हटाना पड़ा, तब जाकर प्रशांत की जिंदगी बच सकी. अब जिला प्रशासन की मदद से प्रशांत को नया पैर मिल गया है.
डीएम ने कार्यालय कक्ष में बुलाकर कृत्रिम अंग उपलब्ध कराया: ईटीवी भारत पर खबर प्रसारित होने के बाद डीएम मनेश कुमार मीणा ने छात्र प्रशांत को अपने कक्ष में बुलाया. डीएम की सहायता से प्रशांत को पैर उपलब्ध करवाया गया. जिसके बाद कार्यालय पहुंचे प्रशांत और उसके अभिभावक ने डीएम से मुलाकात की. इस दौरान डीएम ने बच्चों को प्रोत्साहित किया.
विशेष आवश्यकता वाले 14 बच्चों को मिली सहायता: मौके पर डीएम मनेश कुमार मीणा ने कहा कि समावेशी शिक्षा के तहत जिले में विशेष आवश्यकता वाले 14 बच्चों को चिन्हित कर उन्हें कृत्रिम अंग उपलब्ध कराया गया है. डीएम ने कहा कि जिला प्रशासन और समावेशी शिक्षा के सहयोग से अंग समेत अन्य संसाधनों को भी समय-समय पर उपलब्ध कराया जाता रहा है.
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