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बदहाल है प्राथमिक विद्यालय भालूहियाः स्कूल आने काे रास्ता नहीं, कमरे पर रसोइया का कब्जा - सीतामढ़ी का प्राथमिक विद्यालय भालूहिया

डुमरा प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय भालूहिया के भवन पर रसोइया ने कब्जा कर रखा है. विद्यालय भवन में परिवार के साथ रह रही है. बच्चों के पठन-पाठन में कठिनाइ हो रही है. इसके अलावा भी स्कूल में कई समस्याएं हैं जिनसे छात्र और शिक्षक परेशान हैं.(Primary School Bulahiya is in bad condition)

प्राथमिक विद्यालय भालूहिया
प्राथमिक विद्यालय भालूहिया
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Published : Oct 7, 2022, 6:02 AM IST

सीतामढ़ी: डुमरा प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय भालूहिया कई समस्याओं से जूझ रहा है (Primary School Bulahiya is in bad condition). यहां के कमरे में विद्यालय में खाना बनाने वाली रसोइया ने कब्जा कर रखा है (cook occupied building of primary school Bulahiya). बीते तीन माह से रसोइया आशा देवी अपने पूरे परिवार के साथ विद्यालय के एक कमरे में रह रही है. जिसके कारण बच्चों के पठन-पाठन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इसको लेकर ग्रामीणों ने भी कई बार आपत्ति दर्ज करायी है बावजूद रसोइया विद्यालय के भवन को खाली करने के लिए तैयार नहीं है.

इसे भी पढ़ेंः देखिए नीतीश जी! पटना में सरकारी स्कूल का हाल, ना अपनी जमीन.. ना भवन, 'जुगाड़' से चल रहा विद्यालय



विद्यालय में प्रवेश के लिए कोई रास्ता नहींः विद्यालय आने में बच्चों और शिक्षकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. विद्यालय में प्रवेश के लिए कोई रास्ता नहीं है. सरकार ने विद्यालय का भवन तो बना दिया, लेकिन रास्ते के अभाव में शिक्षक-शिक्षिकाओं को पगडंडियों के सहारे विद्यालय में आना पड़ता है. बरसात के दिनों में पानी से गुजर कर उन्हें विद्यालय पहुंचना पड़ रहा है. प्राचार्य फूलवती देवी ने बताया कि पिछले वर्ष बाढ़ और वर्षा के कारण 15 दिनों तक विद्यालय को बंद रखना पड़ा था. बच्चों के लिए कोई ग्राउंड भी नहीं है.

पंगडंडी के सहारे स्कूल आते बच्चे.
पंगडंडी के सहारे स्कूल आते बच्चे.

इसे भी पढ़ेंः रोते हुए मां की शिकायत लेकर थाने पहुंचा बच्चा- 'पुलिस अंकल.. मम्मी मारती है'

अधिकारियों को लिखा पत्रः प्राचार्य का कहना है कि इसको लेकर उन्होंने शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को कई दफे पत्र भी लिखा है, इसके बावजूद अब तक समस्या समाधान नहीं हुआ है. ग्रामीणों से भी विद्यालय में आने के लिए दान में भूमि देने का आग्रह किया गया है, बावजूद इसके अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है. प्राचार्य ने कहा कि हल्की बारिश होने पर भी विद्यालय में आने के लिए कठिनाई का सामना करना पड़ता है.

विद्यालय का चापाकल खराबः विद्यालय का चापाकल खराब पड़ा है. शिक्षक का कहना है कि चापाकल को बनवाया जाता है लेकिन स्कूल के बंद हो जाने के बाद ग्रामीणों के द्वारा चापाकल को खराब कर दिया जाता है. विद्यालय में छात्र छात्राओं के लिए शौचालय की व्यवस्था है, लेकिन रखरखाव के कारण शौचालय गंदा रहता है.


सीतामढ़ी: डुमरा प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय भालूहिया कई समस्याओं से जूझ रहा है (Primary School Bulahiya is in bad condition). यहां के कमरे में विद्यालय में खाना बनाने वाली रसोइया ने कब्जा कर रखा है (cook occupied building of primary school Bulahiya). बीते तीन माह से रसोइया आशा देवी अपने पूरे परिवार के साथ विद्यालय के एक कमरे में रह रही है. जिसके कारण बच्चों के पठन-पाठन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इसको लेकर ग्रामीणों ने भी कई बार आपत्ति दर्ज करायी है बावजूद रसोइया विद्यालय के भवन को खाली करने के लिए तैयार नहीं है.

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विद्यालय में प्रवेश के लिए कोई रास्ता नहींः विद्यालय आने में बच्चों और शिक्षकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. विद्यालय में प्रवेश के लिए कोई रास्ता नहीं है. सरकार ने विद्यालय का भवन तो बना दिया, लेकिन रास्ते के अभाव में शिक्षक-शिक्षिकाओं को पगडंडियों के सहारे विद्यालय में आना पड़ता है. बरसात के दिनों में पानी से गुजर कर उन्हें विद्यालय पहुंचना पड़ रहा है. प्राचार्य फूलवती देवी ने बताया कि पिछले वर्ष बाढ़ और वर्षा के कारण 15 दिनों तक विद्यालय को बंद रखना पड़ा था. बच्चों के लिए कोई ग्राउंड भी नहीं है.

पंगडंडी के सहारे स्कूल आते बच्चे.
पंगडंडी के सहारे स्कूल आते बच्चे.

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अधिकारियों को लिखा पत्रः प्राचार्य का कहना है कि इसको लेकर उन्होंने शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को कई दफे पत्र भी लिखा है, इसके बावजूद अब तक समस्या समाधान नहीं हुआ है. ग्रामीणों से भी विद्यालय में आने के लिए दान में भूमि देने का आग्रह किया गया है, बावजूद इसके अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है. प्राचार्य ने कहा कि हल्की बारिश होने पर भी विद्यालय में आने के लिए कठिनाई का सामना करना पड़ता है.

विद्यालय का चापाकल खराबः विद्यालय का चापाकल खराब पड़ा है. शिक्षक का कहना है कि चापाकल को बनवाया जाता है लेकिन स्कूल के बंद हो जाने के बाद ग्रामीणों के द्वारा चापाकल को खराब कर दिया जाता है. विद्यालय में छात्र छात्राओं के लिए शौचालय की व्यवस्था है, लेकिन रखरखाव के कारण शौचालय गंदा रहता है.


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