सीतामढ़ी: जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं बागमती नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण कई जगह कटाव जारी है. इसको देखते हुए सरकार से लेकर जिला प्रशासन संभावित बाढ़ के कार्य में जुट गया है.
किसानों में हाहाकार की स्थिति
जिले के किसानों के सैकड़ों एकड़ जमीन बागमती की धाराओं में समा रही है. वहीं सरकार को बांध मरम्मत की याद तब आती है जब सैकड़ों किसानों की खेती योग्य जमीन बाढ़ के पानी में बह जाती है. खेती योग्य जमीन बागमती की धाराओं में जाने से किसानों में हाहाकार की स्थिति मची हुई है.
हर वर्ष बांध मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपए होते हैं खर्च
करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद हर वर्ष किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन बर्बाद हो रही है. साथ ही हर वर्ष जिले में बांध टूटने से बाढ़ की समस्या बनी रहती है. सुप्पी प्रखंड के जमला परसा और रुन्नीसैदपुर प्रखंड के तिलक ताजपुर गांव के किसानों का अस्तित्व जल संसाधन विभाग के कारण खतरे में है. हालांकि मामले को लेकर डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने एक टीम का गठन किया है जो लगातार बांधों का निरीक्षण कर रहा है.