सीतामढ़ी: कोरोना वायरस को लेकर एक देश से दूसरे देश में प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके संक्रमण को रोकने के लिए भारत-नेपाल सीमा पर दोनों देश के सीमा सुरक्षा बल की तैनाती कर सीमा को सील कर दिया गया है. इसके बावजूद नेपाल में रहने वाले 7 मजदूर पुलिस और सीमा सुरक्षा बल को चकमा देकर 80 किलोमीटर पैदल चलकर सुरसंड बॉर्डर के रास्ते जिले के सरैंया गांव पहुंच गए.
भारत-नेपाल सीमा के रास्ते आए मजदूरों की सूचना ग्रामीणों द्वारा स्थानीय पुलिस को दी गई. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नेपाल से लौटे सभी सात मजदूरों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल जांच कराने के बाद चंदौली गांव में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया है. नेपाल से लौटे सभी 7 लोगों में सरैया गांव निवासी देवनारायण भगत, राजेश भगत, अनिल कुमार, शिव कुमार, शिव भगत, सीता राम भगत और बिंदेश्वर भगत शामिल हैं.
लॉकडाउन में नहीं मिल रहा था काम
पकड़े गए मजदूरों में से देवनारायण भगत ने बताया कि सभी नेपाल के जनकपुरधाम और भारत के सुरसंड बॉर्डर को रात के अंधेरे में पारकर वापस गांव लौटे हैं. सभी नेपाल ईंट-भट्ठा में मजदूरी करते हैं. लॉकडाउन के कारण काम बंद होने पर सभी अपने गांव लौटना चाह रहे थे. लेकिन सीमा पर सुरक्षा बल और पुलिसकर्मी की तैनाती से वापस लौटने में कठिनाई हो रही थी. इसलिए सभी 14 अप्रैल को अहले सुबह नेपाल के एक गांव के रास्ते भारत की सीमा में प्रवेश कर पैदल ही गांव पहुंच गए.
रात का फायदा उठाकर घुसे मजदूर
इस संबंध में अंचलाधिकारी अरविंद प्रताप शाही ने बताया कि नेपाल सीमा सील होने के बावजूद सरैया गांव के 7 मजदूर रात के अंधेरे का फायदा उठाकर यहां प्रवेश कर गए. पुलिस द्वारा इन सभी लोगों की मेडिकल जांच कराने के बाद क्वारंटाइन सेंटर भेजा गया है. इन्हें 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. साथ ही किसी अन्य व्यक्ति से मिलने जुलने और बातचीत करने पर प्रतिबंध लगाया गया है.