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शेखपुराः विश्व स्तनपान सप्ताह के समापन पर वेबीनार का आयोजन

वेबीनार में बताया गया कि बच्चे के जन्म के एक घंटा के अंदर उसे मां का पहला गाढ़ा दूध जरूर पिलाना चाहिए. साथ ही अलगे 6 महीने तक उसे केवल मां का दूध ही देना चाहिए. इससे बच्चे में रोगों से लड़ने की शक्ति विकसित होती है.

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Published : Aug 8, 2020, 2:21 PM IST

शेखपुराः विश्व स्तनपान सप्ताह के समापन समारोह पर समेकित बाल विकास योजना और पिरामल फाउंडेशन की ओर से वेबीनार का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य रूप से सभी महिला पर्यवेक्षिका, सेविका, सहित प्रखंड और जिला स्तरीय कर्मियों ने भाग लिया. जिसकी अध्यक्षता आईसीडीएस के डीपीओ तृप्ति सिन्हा ने की.

मां के दूध की महत्ता बताते हुए तृप्ति सिन्हा ने सभी सदस्यों को शपथ दिलाई कि 6 महीने तक बच्चों को स्तनपान ही कराएं और उसके बाद ऊपरी आहार के साथ भी स्तनपान जारी रखना है. इसके लिए समाज की बाकी महिलाओं को भी प्रेरित करने के कहा गया.

मां का दूध जरूरी

डीपीओ ने कहा कि कोरोना महामारी के काल में स्तनपान की महत्ता और भी ज्यादा बढ़ जाता है. मां को कोविड-19 होने पर भी स्तनपान जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. मां का दूध नवजात के जीवन को बेहतर बनाता है और जीवन भर उसके अच्छे स्वास्थ्य और सही शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करता है. यहां तक कि स्तनपान कराने से मां के स्वास्थ्य में भी सुधार होता है.

पिरामल फाउंडेशन के जिला प्रतिनिधि विशाल कुमार ने बताया कि शिशु के जन्म के पहले घंटे के अंदर मां का पहला गाढ़ा दूध जरूर पिलाना चाहिए. जन्म के बाद 6 महीने तक मां का दूध ही बच्चों का आहार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है.

शेखपुराः विश्व स्तनपान सप्ताह के समापन समारोह पर समेकित बाल विकास योजना और पिरामल फाउंडेशन की ओर से वेबीनार का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य रूप से सभी महिला पर्यवेक्षिका, सेविका, सहित प्रखंड और जिला स्तरीय कर्मियों ने भाग लिया. जिसकी अध्यक्षता आईसीडीएस के डीपीओ तृप्ति सिन्हा ने की.

मां के दूध की महत्ता बताते हुए तृप्ति सिन्हा ने सभी सदस्यों को शपथ दिलाई कि 6 महीने तक बच्चों को स्तनपान ही कराएं और उसके बाद ऊपरी आहार के साथ भी स्तनपान जारी रखना है. इसके लिए समाज की बाकी महिलाओं को भी प्रेरित करने के कहा गया.

मां का दूध जरूरी

डीपीओ ने कहा कि कोरोना महामारी के काल में स्तनपान की महत्ता और भी ज्यादा बढ़ जाता है. मां को कोविड-19 होने पर भी स्तनपान जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. मां का दूध नवजात के जीवन को बेहतर बनाता है और जीवन भर उसके अच्छे स्वास्थ्य और सही शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करता है. यहां तक कि स्तनपान कराने से मां के स्वास्थ्य में भी सुधार होता है.

पिरामल फाउंडेशन के जिला प्रतिनिधि विशाल कुमार ने बताया कि शिशु के जन्म के पहले घंटे के अंदर मां का पहला गाढ़ा दूध जरूर पिलाना चाहिए. जन्म के बाद 6 महीने तक मां का दूध ही बच्चों का आहार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है.

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