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शेखपुरा में एक ही परिवार के 6 लोग कोरोना पॉजिटिव, पड़ोसियों की भी हो रही है जांच

शेखपुरा में छह लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. सभी एक ही परिवार के हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम आसपास के लोगों की भी जांच में जुट गई है. लोगों का कहना है कि शेखपुरा में कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत हो रही है.

शेखपुरा कोरोना सेंटर
शेखपुरा कोरोना सेंटर
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Published : Dec 26, 2021, 6:45 PM IST

शेखपुराः बिहार के शेखपुरा में कोविड-19 संक्रमण का असर (Corona Case In Shiekhpura) अब साफ दिखने लगा है. सात संक्रमित मिलने के साथ ही शेखपुरा में कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत भी मानी जा रही है. दरअसल कैथावां गांव में 22 दिसम्बर को एक युवक कोरोना संक्रमित पाया गया. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कैथावां गांव पहुंचकर उसके पूरे परिवार की कोरोना जांच की. जिसमें संक्रमित युवक की मां सहित छह लोग कोरोना संक्रमित पाए गए. जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग सकते में आ गया है.

यह भी पढ़ें- बिहार में कोरोना के मामलों में इजाफा, ओमीक्रोन के बढ़ते खतरे के बीच विभाग ने की 6 टीमें गठित

शेखपुरा में छह लोग कोरोना संक्रमित मिलने के बाद से जिले में हड़कंप मच गया है और स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जांच रिपोर्ट मिलने वाले मरीजों के संपर्क में आने वाले सभी के सैंपल की जांच की जा रही है. जांच के दौरान कई और भी लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने की आशंका जतायी जा रही है. कोरोना संक्रमित महिला को होम आइसोलेशन में रखा गया है, जबकि अन्य लोगों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा आइसोलेट करने की प्रक्रिया की जा रही है.

वहीं, जिले में एक साथ छह कोरोना संक्रमित मिलने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा लापरवाही बरती जा रही है. संक्रमण से निपटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां हवा हवाई दिख रही है. जखराज स्थान स्थित कोविड केयर सेंटर में अब तक किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई है. इसके साथ ही सदर अस्पताल में संक्रमण से बचाव को लेकर लगाए गए पीएसए ऑक्सीजन प्लांट को भी मॉक ड्रिल कर छोड़ दिया गया है. अब तक प्लांट से ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग की यह लापरवाही जिले पर भारी पड़ सकती है.

संक्रमण से बचाव को लेकर शेखपुरा सदर अस्पताल में पीएसए प्लांट का लगभग 2 महीना पूर्व ही उद्घाटन कर दिया गया था. वहीं 2 दिन पूर्व ही सिविल सर्जन डॉ. पृथ्वी राज की उपस्थिति में मॉक ड्रिल शुरू किया गया. लेकिन अब तक ऑक्सीजन की आपूर्ति सदर अस्पताल के विभिन्न वार्डों में शुरू नहीं की गई है. जिसके कारण आज भी सदर अस्पताल को जम्बो सिलेंडर का सहारा लेना पड़ रहा है. जिससे सदर अस्पताल को राजस्व की हानि हो रही है. करोड़ों की लागत से बनी पीएसए प्लांट पूरी तरह तैयार है. मॉक ड्रिल भी पूरा किया जा चुका है लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही एवं उदासीन रवैया के कारण ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति नहीं की जा रही है. जिसके कारण सदर अस्पताल में आ रहे मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है.

जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अब तक कोविड केयर सेंटर को तैयार नहीं किया गया है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही तैयारी का दावा भी हवा हवाई साबित हो रही है. जखराज स्थान स्थित कोविड केयर सेंटर में भी अब तक बेड का निर्माण नहीं किया गया है. न ही ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर किसी प्रकार की व्यवस्था की गई है. साथ ही विभिन्न चौक चौराहों पर लग रही भीड़ के बावजूद भी कोरोना जांच शिविर नहीं लगाया जा रहा है. जिससे कोरोना विस्फोट की संभावना बढ़ती जा रही है.

यह भी पढ़ें- पटना में कोरोना को लेकर बरती जा रही कड़ाई, वसूला जा रहा है जुर्माना

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शेखपुराः बिहार के शेखपुरा में कोविड-19 संक्रमण का असर (Corona Case In Shiekhpura) अब साफ दिखने लगा है. सात संक्रमित मिलने के साथ ही शेखपुरा में कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत भी मानी जा रही है. दरअसल कैथावां गांव में 22 दिसम्बर को एक युवक कोरोना संक्रमित पाया गया. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कैथावां गांव पहुंचकर उसके पूरे परिवार की कोरोना जांच की. जिसमें संक्रमित युवक की मां सहित छह लोग कोरोना संक्रमित पाए गए. जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग सकते में आ गया है.

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शेखपुरा में छह लोग कोरोना संक्रमित मिलने के बाद से जिले में हड़कंप मच गया है और स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जांच रिपोर्ट मिलने वाले मरीजों के संपर्क में आने वाले सभी के सैंपल की जांच की जा रही है. जांच के दौरान कई और भी लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने की आशंका जतायी जा रही है. कोरोना संक्रमित महिला को होम आइसोलेशन में रखा गया है, जबकि अन्य लोगों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा आइसोलेट करने की प्रक्रिया की जा रही है.

वहीं, जिले में एक साथ छह कोरोना संक्रमित मिलने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा लापरवाही बरती जा रही है. संक्रमण से निपटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां हवा हवाई दिख रही है. जखराज स्थान स्थित कोविड केयर सेंटर में अब तक किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई है. इसके साथ ही सदर अस्पताल में संक्रमण से बचाव को लेकर लगाए गए पीएसए ऑक्सीजन प्लांट को भी मॉक ड्रिल कर छोड़ दिया गया है. अब तक प्लांट से ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग की यह लापरवाही जिले पर भारी पड़ सकती है.

संक्रमण से बचाव को लेकर शेखपुरा सदर अस्पताल में पीएसए प्लांट का लगभग 2 महीना पूर्व ही उद्घाटन कर दिया गया था. वहीं 2 दिन पूर्व ही सिविल सर्जन डॉ. पृथ्वी राज की उपस्थिति में मॉक ड्रिल शुरू किया गया. लेकिन अब तक ऑक्सीजन की आपूर्ति सदर अस्पताल के विभिन्न वार्डों में शुरू नहीं की गई है. जिसके कारण आज भी सदर अस्पताल को जम्बो सिलेंडर का सहारा लेना पड़ रहा है. जिससे सदर अस्पताल को राजस्व की हानि हो रही है. करोड़ों की लागत से बनी पीएसए प्लांट पूरी तरह तैयार है. मॉक ड्रिल भी पूरा किया जा चुका है लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही एवं उदासीन रवैया के कारण ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति नहीं की जा रही है. जिसके कारण सदर अस्पताल में आ रहे मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है.

जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अब तक कोविड केयर सेंटर को तैयार नहीं किया गया है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही तैयारी का दावा भी हवा हवाई साबित हो रही है. जखराज स्थान स्थित कोविड केयर सेंटर में भी अब तक बेड का निर्माण नहीं किया गया है. न ही ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर किसी प्रकार की व्यवस्था की गई है. साथ ही विभिन्न चौक चौराहों पर लग रही भीड़ के बावजूद भी कोरोना जांच शिविर नहीं लगाया जा रहा है. जिससे कोरोना विस्फोट की संभावना बढ़ती जा रही है.

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