शेखपुरा: जिले में बिहार केसरी डॉ. कृष्ण सिंह के जयंती समारोह के नाम पर महज खानापूर्ति से ही काम चलाया गया. हर वर्ष 21 अक्टूबर को श्रीबाबू की जयंती बरबीघा में बड़े धूमधाम से मनाई जाती थी. इस अवसर कई बड़े-बड़े दिग्गजों का भी जमावड़ा लगता था.
प्रतिमा पर किया गया माल्यार्पण
इस वर्ष चुनावी आचार संहिता के वजह से बड़े दिग्गज नहीं आ सके. स्थानीय नेताओं और परिजनों ने भी हटिया चौक स्थित श्रीबाबू की आदमकद प्रतिमा के आलावा रामरुचि कॉलेज और पैतृक गांव माउर में प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इसके साथ ही उनके कार्यों को याद किया गया.
श्रीबाबू के आदर्श की सुनी जाती हैं कथाएं
श्रीबाबू को आधुनिक बिहार का निर्माता कहा जाता है. लिहाजा जिले के हर बच्चों के जुबान से श्रीबाबू के आदर्श की कथाएं सुनी जाती है. खासकर शेखपुरा बरबीघा के लोग श्रीबाबू के नाम से गौरवान्वित महसूस करते हैं.