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शेखपुरा: क्वॉरेंटाइन सेंटर में लोगों के साथ बदसलूकी, दूर से फेंक कर दिया जा रहा खाना

शेखपुरा में क्वॉरेंटाइन सेंटर में खाना को पॉलिथीन बैग में भरकर लोगों के सामने फेंका जाता है. चावल में इतने बड़े-बड़े कंकड़ होते हैं जिन्हें खाना भी मुश्किल होता है.

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Published : Apr 12, 2020, 11:41 PM IST

शेखपुरा: जिला प्रशासन चाहे क्वॉरेंटाइन सेंटर में लाख सुविधाओं की बात कर ले. लेकिन जमीनी हकीकत ठीक उसके विपरीत है. शहर के अभ्यास मध्य विद्यालय स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर की स्थिति देखकर रौंगटे खड़े हो जाएंगे. यहां शरणार्थियों के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक किया जा रहा है. इस बाबत शरणार्थियों ने बताया कि एक तो खाना काफी देर से दिया जाता है. उसमें भी कंकड़ और पत्थर निकल रहें हैं. कंकड़-पत्थर तो जानवरों को भी नहीं परोसे जाते हैं.

दिन में दो बार दिया जाता है खाना
क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों ने बताया कि खाना को पॉलिथीन बैग में भरकर उनके आगे ऐसे फेंका जाता है, जैसे कुत्तों के आगे रोटी फेंकी जाती है. उन्होंने कहा कि उन्हें दिन में दो बार खाना दिया जाता है. एक बार सुबह 12 बजे के बाद और दूसरी बार रात 10 बजे के बाद. सुबह में लेट से भोजन देने के कारण वे लोग घंटों भूख से तड़पते रहते हैं. लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. जो खाना दिया जाता है वह बहुत ही घटिया होता है. चावल में इतने बड़े-बड़े कंकड़ होते हैं जिन्हें खाना भी मुश्किल होता है.

दूर से फेंक कर दिया जाता है खाना
भोजन को पॉलिथीन में बंद कर 5 मीटर दूर से ही फेंक कर दिया जाता है. अधिकारियों के इस बर्ताव से उन्हें काफी आघात लगता है. लेकिन विवशता के कारण वे लोग किसी से कुछ भी नहीं कह पाते हैं. विरोध करने पर उनके साथ अन्य तरह से भी बदसलूकी की जाती है. जब इसकी सुचना डीएम को दी गई तो उन्होंने पहल करते हुए अपर एसडीओ को जांच के लिए भेजा है. लेकिन वह भी महज खानापूर्ति कर वापस लौट गए.

शेखपुरा: जिला प्रशासन चाहे क्वॉरेंटाइन सेंटर में लाख सुविधाओं की बात कर ले. लेकिन जमीनी हकीकत ठीक उसके विपरीत है. शहर के अभ्यास मध्य विद्यालय स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर की स्थिति देखकर रौंगटे खड़े हो जाएंगे. यहां शरणार्थियों के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक किया जा रहा है. इस बाबत शरणार्थियों ने बताया कि एक तो खाना काफी देर से दिया जाता है. उसमें भी कंकड़ और पत्थर निकल रहें हैं. कंकड़-पत्थर तो जानवरों को भी नहीं परोसे जाते हैं.

दिन में दो बार दिया जाता है खाना
क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों ने बताया कि खाना को पॉलिथीन बैग में भरकर उनके आगे ऐसे फेंका जाता है, जैसे कुत्तों के आगे रोटी फेंकी जाती है. उन्होंने कहा कि उन्हें दिन में दो बार खाना दिया जाता है. एक बार सुबह 12 बजे के बाद और दूसरी बार रात 10 बजे के बाद. सुबह में लेट से भोजन देने के कारण वे लोग घंटों भूख से तड़पते रहते हैं. लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. जो खाना दिया जाता है वह बहुत ही घटिया होता है. चावल में इतने बड़े-बड़े कंकड़ होते हैं जिन्हें खाना भी मुश्किल होता है.

दूर से फेंक कर दिया जाता है खाना
भोजन को पॉलिथीन में बंद कर 5 मीटर दूर से ही फेंक कर दिया जाता है. अधिकारियों के इस बर्ताव से उन्हें काफी आघात लगता है. लेकिन विवशता के कारण वे लोग किसी से कुछ भी नहीं कह पाते हैं. विरोध करने पर उनके साथ अन्य तरह से भी बदसलूकी की जाती है. जब इसकी सुचना डीएम को दी गई तो उन्होंने पहल करते हुए अपर एसडीओ को जांच के लिए भेजा है. लेकिन वह भी महज खानापूर्ति कर वापस लौट गए.

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