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शेखपुरा: किसान सलाहकार काली पट्टी लगाकर किया विरोध प्रदर्शन, कृषि कार्य ठप

किसान सलाहकारों ने बताया कि एक तरफ जहां विभाग किसान सलाहकारों को सरकारी कर्मी मानती ही नहीं है. वहीं, दूसरी तरफ दबाव बनाकर हर प्रकार के तकनीकी और गैर तकनीकी कार्य कराए जाते हैं. लेकिन 8 महीने से मानदेय नहीं मिला है.

farmer advisor protest
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Published : Aug 17, 2020, 2:54 AM IST

शेखपुरा: जिले में मानदेय नहीं मिलने पर किसान सलाहकारों ने जिला कृषि कार्यालय परिसर में काला पट्टी लगाकर विरोध जताया है. साथ ही उन्होंने जिला कृषि अधिकारी को अपनी मांग पत्र सौपा है.

इस बाबत संघ के जिलाध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि 16 अगस्त से लेकर 20 अगस्त तक जिले के सभी किसान सलाहकार काला पट्टी लगाकर कार्य क्षेत्र में प्रचार प्रसार तो करेंगे. लेकिन तकनीकी कार्य से दूर रखेंगे. किसान सलाहकारों ने खेत के पानी के सर्वेक्षण कार्य से भी अपने आप को अलग किया है.

'सलाहकारों के साथ होता है सौतेला व्यवहार'
किसान सलाहकारों ने कहा कि उनके साथ विभाग के द्वारा सौतेला व्यवहार किया जाता है. विभाग की इस रवैये से किसान सलाहकार काफी मर्माहत हैं. जिलाध्यक्ष ने बताया कि एक तरफ जहां विभाग किसान सलाहकारों को सरकारी कर्मी मानती ही नहीं है. वहीं, दूसरी तरफ दबाव बनाकर हर प्रकार के तकनीकी और गैर तकनीकी कार्य कराए जाते हैं. उन्होंने कहा कि हर खेत को पानी और बिहार राज्य फसल सहायता योजना से संबंधित कार्य तकनीकी अधारित है. इसके विरोध में किसान सलाहकार संघ ने जिला कृषि पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर ऐप आधारित कार्य से अलग रखने की घोषणा की है.

'आठ माह से मानदेय का भुगतान नहीं'
बता दें कि शेखपुरा जिला मे 53 किसान सलाहकार कार्यरत हैं और उन्हें जनवरी माह से मानदेय नहीं मिला है, जिससे किसान सलाहकारों के समक्ष भूखे मरने की भी नौबत आ गई है. वहीं, किसान सलाहकारों ने यह भी बताया कि हमलोग करोना काल में भी डटकर काम कर रहे हैं. लेकिन उसके बावजूद भी आठ माह से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है.

शेखपुरा: जिले में मानदेय नहीं मिलने पर किसान सलाहकारों ने जिला कृषि कार्यालय परिसर में काला पट्टी लगाकर विरोध जताया है. साथ ही उन्होंने जिला कृषि अधिकारी को अपनी मांग पत्र सौपा है.

इस बाबत संघ के जिलाध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि 16 अगस्त से लेकर 20 अगस्त तक जिले के सभी किसान सलाहकार काला पट्टी लगाकर कार्य क्षेत्र में प्रचार प्रसार तो करेंगे. लेकिन तकनीकी कार्य से दूर रखेंगे. किसान सलाहकारों ने खेत के पानी के सर्वेक्षण कार्य से भी अपने आप को अलग किया है.

'सलाहकारों के साथ होता है सौतेला व्यवहार'
किसान सलाहकारों ने कहा कि उनके साथ विभाग के द्वारा सौतेला व्यवहार किया जाता है. विभाग की इस रवैये से किसान सलाहकार काफी मर्माहत हैं. जिलाध्यक्ष ने बताया कि एक तरफ जहां विभाग किसान सलाहकारों को सरकारी कर्मी मानती ही नहीं है. वहीं, दूसरी तरफ दबाव बनाकर हर प्रकार के तकनीकी और गैर तकनीकी कार्य कराए जाते हैं. उन्होंने कहा कि हर खेत को पानी और बिहार राज्य फसल सहायता योजना से संबंधित कार्य तकनीकी अधारित है. इसके विरोध में किसान सलाहकार संघ ने जिला कृषि पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर ऐप आधारित कार्य से अलग रखने की घोषणा की है.

'आठ माह से मानदेय का भुगतान नहीं'
बता दें कि शेखपुरा जिला मे 53 किसान सलाहकार कार्यरत हैं और उन्हें जनवरी माह से मानदेय नहीं मिला है, जिससे किसान सलाहकारों के समक्ष भूखे मरने की भी नौबत आ गई है. वहीं, किसान सलाहकारों ने यह भी बताया कि हमलोग करोना काल में भी डटकर काम कर रहे हैं. लेकिन उसके बावजूद भी आठ माह से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है.

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