शिवहर: बिहार के कटिहार में बोरा बेचने (sack selling) के मामले में शिक्षक पर हुई कार्रवाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सोमवार को बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ (Bihar State Elementary Teachers Association) के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार 'पप्पू' के आह्वान पर प्रखण्ड संसाधन केंद्र शिवहर में भारी संख्या में टीचर पहुंचे. जहां उन्होंने स्टॉल लगाकर 'बोरा बेचो अभियान' चलाते हुए सरकार के तुगलकी फरमान का विरोध किया. मोहम्मद तमीजुद्दीन का निलंबन वापस लेने की मांग की और सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.
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प्रखण्ड संसाधन केंद्र पर शिक्षकों को संबोधित करते शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दुहाई देने वाली तथाकथित सुशासन की सरकार लगातार शिक्षकों से जनगणना, पशुगणना तो कभी बीएलओ जैसे गैर शैक्षणिक कार्य करने पर मजबूर कर रही है. निदेशक मध्याह्न भोजन योजना के निर्देश पर कटिहार जिला अध्यक्ष मोहम्मद तमीजुद्दीन ने बोरा बेचने का प्रयास किया.उनका उत्साहवर्धन करने के बजाए उन्हें दण्डित किया जा रहा है. शिक्षकों के सामने आगे कुआं पीछे खाईं जैसी हालात उत्पन्न हो गयी है.
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उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बीत जाने के बावजूद सरकारी स्कूलों में संसाधनों की काफी कमी है. अधिकतर विद्यालयों में छात्र और छात्राएं बोरों पर बैठने को मजबूर हैं. राज्य सरकार कभी स्वच्छ भारत अभियान के तहत राज्य के विभिन्न जिलों में शिक्षकों को सुबह-शाम सड़कों की निगरानी. तो कभी बोरा बेचने जैसे बेतुके फरमानों से अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. शिक्षक राज्य सरकार के दोधारी तलवार के साए में जीने को मजबूर हैं.
प्रदर्शन में शामिल शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने कटिहार के शिक्षक मोहम्मद तमीजुद्दीन का निलंबन और 'बोरा बेचो फरमान' वापस नहीं लिया गया तो संघ चरणबद्ध आंदोलन करने को बाध्य होगा.
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