शिवहर: जिला मुख्यालय के सदर अस्पताल में मंगलवार से डायलिसिस सेवा शुरू हो गई है. इस सेवा के शुरू होने से जिले के कई मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा. सेवा की शुरुआत की जानकारी स्वाथ्य प्रबंधक पंकज कुमार ने देते हुए कहा कि तत्काल 5 बेड क्रियाशील किया गया है. जो पीपीपी मोड में संचालित होगी.
स्वास्थ्य प्रबंधक ने आगे बताया कि जिले के विभिन्न पीएचसी से रेफर मरीजों को निशुल्क डायलिसिस की सेवा मुफ्त उपलब्ध होगी. वहीं अन्य मरीजों से प्रति डायलिसिस का चार्ज 1,634 रुपया निर्धारित किया गया है. इस सेवा की शुरुआत के साथ ही शिवहर दूसरे जिलों के श्रेणी में आ गया है जहां सदर अस्पताल में डायलिसिस सेवा शुरू हुई है.
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कब करानी पड़ती है डायलिसिस?
क्रॉनिक किडनी बीमारी के कारण क्रिएटिनिन क्लियरेंस रेट 15 फिसदी या उससे भी कम हो जाता है. ऐसी अवस्था में डायलिसिस करना पड़ता है. किडनी की समस्या के कारण शरीर में पानी इकट्ठा होने लगता है, जिसे फ्लूइड ओवरलोड कहते हैं. इसे पहले दवा देकर देखा जाता है. फायदा नहीं होने पर डायलिसिस करना पड़ता है. साथ ही अगर शरीर में पोटेशियम की मात्रा बढ़ जाए और दिल की धड़कने अनियमित हो जाएं, ऐसे में दवाओं का असर ना होने पर डायलिसिस की सलाह दी जाती है.