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छपरा में उफान पर नदियों का जलस्तर, बाढ़ की आशंका से सहमे लोग

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Published : Jul 2, 2021, 8:35 AM IST

Updated : Jul 2, 2021, 9:14 AM IST

नेपाल से छोड़े गए ढाई लाख क्यूसेक पानी से छपरा में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. अगले 48 घंटे में वाल्मीकिनगर बैराज से छोड़ा गया पानी सारण जिले (Saran District) में पहुंचने की संभावना है. दोनों नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है. वहीं हर स्थिति से निपटने के लिए आपदा विभाग (Disaster Department) भी मुस्तैद है.

लोगों को बाढ़ का सताने लगा डर
लोगों को बाढ़ का सताने लगा डर

सारण (पानापुर): गंडक नदी (Gandak River) के जलग्रहण क्षेत्रों में पिछले कई दिनों से हो रही बारिश और नेपाल द्वारा वाल्मीकिनगर बराज (Valmikinagar Barrage) से बुधवार को ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंडक नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने की आशंका है. जिससे सारण तटबंध के निचले इलाकों में बाढ़ (Flood) का खतरा मंडराने लगा है.

ये भी पढ़ें- Patna News: रसुलपुर पुलिया पर चढ़ा बाढ़ का पानी, आवागमन में हो रही परेशानी

लोगों को सता रहा बाढ़ का डर
पृथ्वीपुर, सलेमपुर, सोनवर्षा, बसहिया, उभवा सारंगपुर और रामपुर रुद्र जैसे सैकड़ों गांवों के लोगों को फिर बाढ़ का भय सताने लगा है. इस महीने की शुरुआत में ही गंडक ने तबाही मचाई थी, जिस कारण इन गांवों के लोग पलायन को मजबूर हो गये थे. लोग अपने जरूरी सामानों एवं मवेशियों के साथ सारण तटबंध पर शरण लेने को मजबूर थे. विस्थापन की स्थिति झेल चुके ग्रामीण गंडक का जलस्तर बढ़ने की संभावना से डरे-सहमे हैं.

देखें वीडियो

प्रखंड के सलेमपुर, सोनवर्षा और बसहिया ढाला के समीप तेज कटाव शुरू हो गया था, जिसे रोकने के लिए आपदा विभाग द्वारा युद्धस्तर पर कार्य जारी है. नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने की आशंका से ग्रामीण सारण तटबंध की सुरक्षा को लेकर सशंकित हैं.

हालांकि बाढ़ नियंत्रण विभाग के सहायक अभियंता विनोद कुमार ने बताया कि नेपाल द्वारा छोड़े गये पानी को अगले अड़तालीस घंटे में पानापुर पहुंचने की संभावना है. उन्होंने बताया कि कटावरोधी कार्यों के कारण कटाव में कमी आयी है. नेपाल द्वारा छोड़ा गया ढाई लाख क्युसेक पानी आसानी से निकल जायेगा.

ये भी पढ़ें- छपरा: जमींदारी बांध टूटने से हजारों एकड़ में खड़ी फसल नष्ट

नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोत्तरी
गंडक नदी में लगातार पानी छोड़े जाने की स्थिति में सारण जिले में पानी का दबाव बढ़ता जा रहा है और स्थानीय निवासियों में दहशत बना हुआ है. जबकि उत्तर प्रदेश के रास्ते बिहार में आने वाली घाघरा नदी के जलस्तर में भी तेजी से बढोत्तरी हो रही है और बिहार में मांझी से लेकर सभी जगहों में इसके जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. इससे इस नदी के किनारे पर भीषण कटाव हो रहा है. मांझी, रिविलगंज और छपरा के शहरी इलाकों के आसपास पानी का दबाब बना हुआ है.

रिविलगंज में कटाव के कारण कई किमी के इलाके इस नदी के गर्भ में समा चुके हैं और नदी के आसपास लगे मौसमी फलों और अन्य फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है. फिलहाल सारण में दोनों तरफ से दोनों नदियों के जलस्तर का तेजी से बढ़ना जारी है.

सारण (पानापुर): गंडक नदी (Gandak River) के जलग्रहण क्षेत्रों में पिछले कई दिनों से हो रही बारिश और नेपाल द्वारा वाल्मीकिनगर बराज (Valmikinagar Barrage) से बुधवार को ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंडक नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने की आशंका है. जिससे सारण तटबंध के निचले इलाकों में बाढ़ (Flood) का खतरा मंडराने लगा है.

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लोगों को सता रहा बाढ़ का डर
पृथ्वीपुर, सलेमपुर, सोनवर्षा, बसहिया, उभवा सारंगपुर और रामपुर रुद्र जैसे सैकड़ों गांवों के लोगों को फिर बाढ़ का भय सताने लगा है. इस महीने की शुरुआत में ही गंडक ने तबाही मचाई थी, जिस कारण इन गांवों के लोग पलायन को मजबूर हो गये थे. लोग अपने जरूरी सामानों एवं मवेशियों के साथ सारण तटबंध पर शरण लेने को मजबूर थे. विस्थापन की स्थिति झेल चुके ग्रामीण गंडक का जलस्तर बढ़ने की संभावना से डरे-सहमे हैं.

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प्रखंड के सलेमपुर, सोनवर्षा और बसहिया ढाला के समीप तेज कटाव शुरू हो गया था, जिसे रोकने के लिए आपदा विभाग द्वारा युद्धस्तर पर कार्य जारी है. नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने की आशंका से ग्रामीण सारण तटबंध की सुरक्षा को लेकर सशंकित हैं.

हालांकि बाढ़ नियंत्रण विभाग के सहायक अभियंता विनोद कुमार ने बताया कि नेपाल द्वारा छोड़े गये पानी को अगले अड़तालीस घंटे में पानापुर पहुंचने की संभावना है. उन्होंने बताया कि कटावरोधी कार्यों के कारण कटाव में कमी आयी है. नेपाल द्वारा छोड़ा गया ढाई लाख क्युसेक पानी आसानी से निकल जायेगा.

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नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोत्तरी
गंडक नदी में लगातार पानी छोड़े जाने की स्थिति में सारण जिले में पानी का दबाव बढ़ता जा रहा है और स्थानीय निवासियों में दहशत बना हुआ है. जबकि उत्तर प्रदेश के रास्ते बिहार में आने वाली घाघरा नदी के जलस्तर में भी तेजी से बढोत्तरी हो रही है और बिहार में मांझी से लेकर सभी जगहों में इसके जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. इससे इस नदी के किनारे पर भीषण कटाव हो रहा है. मांझी, रिविलगंज और छपरा के शहरी इलाकों के आसपास पानी का दबाब बना हुआ है.

रिविलगंज में कटाव के कारण कई किमी के इलाके इस नदी के गर्भ में समा चुके हैं और नदी के आसपास लगे मौसमी फलों और अन्य फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है. फिलहाल सारण में दोनों तरफ से दोनों नदियों के जलस्तर का तेजी से बढ़ना जारी है.

Last Updated : Jul 2, 2021, 9:14 AM IST
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