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सारण: ग्रामीणों ने जर्जर सड़क को लेकर की बैठक, चुनाव बहिष्कार का लिया फैसाल - saran

सोनबरसा गांव मे कई गांव के ग्रामीणों ने बैठक कर विगत लोकसभा चुनाव की तरह इस बार विधानसभा चुनाव में 'रोड नहीं तो वोट नहीं' के नारे के साथ चुनाव बहिष्कार का फैसला लिया है.

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Published : Sep 28, 2020, 5:14 PM IST

सारण (मांझी): जिले के मांझी प्रखंड के सोनबरसा गांव मे कई गांव के ग्रामीणों ने बैठक कर विगत लोकसभा चुनाव की तरह इस बार विधानसभा चुनाव में 'रोड नहीं तो वोट नहीं' के नारे के साथ चुनाव बहिष्कार का फैसला लिया है. रोड निर्माण को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने पिछले लोक सभा चुनाव का भी बहिष्कार किया था.

बता दें बीते लोकसभा चुनाव में जिला प्रशासन समेत कई नेताओं ने ग्रामीणों को मनाने की कोशिश की थी. ग्रामीणों से मतदान करने का आग्रह किया था. लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे. लोकसभा चुनाव में तीन बूथों पर एक भी मत नही पड़ा. वही एक साल बीत जाने के बाद भी इस समस्या का समाधान नहीं हो सका. बैठक के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि कुछ माह पहले हीं वर्तमान विधायक ने कहा था कि सड़क का चयन कर लिया गया है. बहुत जल्द टेंडर होने वाला है. लेकिन यह आश्वासन भी अधूरा साबित हुआ.

35 सालों से इस सड़क पर नहीं हुआ कोई काम
ग्रामीणों ने बताया कि यह मार्ग 1985 से इसी स्थिति में है. करीब दो दर्जन गांवों को सीधे प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाले इस सड़क पर पिछले 35 सालों से कोई नया कार्य नहीं हुआ है. यात्री और दो पहिया चालक समेत कई वाहन रोज इस सड़क पर दुर्घटना के शिकार होते हैं. इस समस्या से निजात के लिए ग्रामीणों ने अनेक बार जन प्रतिनिधियों और सम्बन्धित नेताओं से सड़क निर्माण की गुहार लगाई. ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव पूर्व यदि सड़क का निर्माण शुरू नहीं किया गया तो इस विधानसभा चुनाव में भी मतदान का बहिष्कार किया जाएगा.

सारण (मांझी): जिले के मांझी प्रखंड के सोनबरसा गांव मे कई गांव के ग्रामीणों ने बैठक कर विगत लोकसभा चुनाव की तरह इस बार विधानसभा चुनाव में 'रोड नहीं तो वोट नहीं' के नारे के साथ चुनाव बहिष्कार का फैसला लिया है. रोड निर्माण को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने पिछले लोक सभा चुनाव का भी बहिष्कार किया था.

बता दें बीते लोकसभा चुनाव में जिला प्रशासन समेत कई नेताओं ने ग्रामीणों को मनाने की कोशिश की थी. ग्रामीणों से मतदान करने का आग्रह किया था. लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे. लोकसभा चुनाव में तीन बूथों पर एक भी मत नही पड़ा. वही एक साल बीत जाने के बाद भी इस समस्या का समाधान नहीं हो सका. बैठक के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि कुछ माह पहले हीं वर्तमान विधायक ने कहा था कि सड़क का चयन कर लिया गया है. बहुत जल्द टेंडर होने वाला है. लेकिन यह आश्वासन भी अधूरा साबित हुआ.

35 सालों से इस सड़क पर नहीं हुआ कोई काम
ग्रामीणों ने बताया कि यह मार्ग 1985 से इसी स्थिति में है. करीब दो दर्जन गांवों को सीधे प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाले इस सड़क पर पिछले 35 सालों से कोई नया कार्य नहीं हुआ है. यात्री और दो पहिया चालक समेत कई वाहन रोज इस सड़क पर दुर्घटना के शिकार होते हैं. इस समस्या से निजात के लिए ग्रामीणों ने अनेक बार जन प्रतिनिधियों और सम्बन्धित नेताओं से सड़क निर्माण की गुहार लगाई. ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव पूर्व यदि सड़क का निर्माण शुरू नहीं किया गया तो इस विधानसभा चुनाव में भी मतदान का बहिष्कार किया जाएगा.

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