ETV Bharat / state

जब सरकार ने खड़े कर दिए हाथ तो लोगों ने खुद उठाया जिम्मा, चंदा कर बनाया चचरी का पुल - कटसा के घंघरी नदी पर चचरी पुल का निर्माण

नदी में बढ़ते जलस्तर को देख गांव के युवकों ने चंदा इकट्ठा किया, लेकिन पर्याप्त चंदा इकट्ठा नहीं हो पाया, जिसके बाद ग्रामीणों में अस्थाई चचरी पुल बनाने पर सहमति बनी.

saran
चचरी पुल का निर्माण
author img

By

Published : Dec 25, 2019, 8:43 AM IST

सारण: जिले में कटसा के घंघरी नदी पर पुल का निर्माण अब तक नहीं किया गया है. जिसके चलते ग्रामीणों को आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने पुल बनवाने के लिए कई बार स्थानीय सांसद और विधायक से मांग भी की. लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली, जिसके बाद ग्रामीणों ने खुद अस्थाई चचरी पुल का निर्माण किया है.

प्रतिनिधियों ने दिया था आश्वासन
बता दें कि ये नदी दो पंचायतों धवरी और गोवा पिपरपाती को आपस में जोड़ती है. पास के कई गांव के बच्चों का स्कूल जाने का भी यही रास्ता है. दैनिक कार्यों के निष्पादन के लिए महिलाएं, बच्चे एक गांव से दूसरे गांव इसी रास्ते से होकर जाते हैं. लेकिन पुल का निर्माण नहीं होने की वजह से ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं, प्रतिनिधियों की ओर से मिले पुलिया निर्माण के आश्वासन को लेकर ग्रामीणों ने इस बार अस्थाई पुल का निर्माण नहीं किया था. लेकिन घंघरी नदी का जलस्तर अचानक बढ़ जाने के चलते ग्रामीणों को अस्थाई पुल का निर्माण करना पड़ा.

नदी का जलस्तर बढ़ने के चलते ग्रामीणों ने बनाया चचरी पुल

ग्रामीणों में अस्थाई चचरी पुल का किया निर्माण
ग्रामीणों ने बताया कि नदी में जलस्तर बढ़ने पर तटीय क्षेत्र में रहने वालों को नरकीय स्थिति से गुजरना पड़ता है. वहीं, नदी में बढ़ती हुई धारा को देख गांव के युवकों ने चंदा इकट्ठा किया. लेकिन पर्याप्त चंदा इकट्ठा नहीं हो पाया, जिसके चलते ग्रामीणों में अस्थाई चचरी पुल बनाने पर सहमति बनी. ग्रामीणों ने बताया कि पुल निर्माण के लिए कई बार स्थानीय सांसद, विधायक और मुखिया से मांग की गई है. लेकिन सांसद, विधायक सिर्फ चुनाव के दिनों में पुल निर्माण की बात करते हैं और चुनाव खत्म हो जाते ही प्रतिनिधि अपना वादा भूल जाते हैं.

सारण: जिले में कटसा के घंघरी नदी पर पुल का निर्माण अब तक नहीं किया गया है. जिसके चलते ग्रामीणों को आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने पुल बनवाने के लिए कई बार स्थानीय सांसद और विधायक से मांग भी की. लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली, जिसके बाद ग्रामीणों ने खुद अस्थाई चचरी पुल का निर्माण किया है.

प्रतिनिधियों ने दिया था आश्वासन
बता दें कि ये नदी दो पंचायतों धवरी और गोवा पिपरपाती को आपस में जोड़ती है. पास के कई गांव के बच्चों का स्कूल जाने का भी यही रास्ता है. दैनिक कार्यों के निष्पादन के लिए महिलाएं, बच्चे एक गांव से दूसरे गांव इसी रास्ते से होकर जाते हैं. लेकिन पुल का निर्माण नहीं होने की वजह से ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं, प्रतिनिधियों की ओर से मिले पुलिया निर्माण के आश्वासन को लेकर ग्रामीणों ने इस बार अस्थाई पुल का निर्माण नहीं किया था. लेकिन घंघरी नदी का जलस्तर अचानक बढ़ जाने के चलते ग्रामीणों को अस्थाई पुल का निर्माण करना पड़ा.

नदी का जलस्तर बढ़ने के चलते ग्रामीणों ने बनाया चचरी पुल

ग्रामीणों में अस्थाई चचरी पुल का किया निर्माण
ग्रामीणों ने बताया कि नदी में जलस्तर बढ़ने पर तटीय क्षेत्र में रहने वालों को नरकीय स्थिति से गुजरना पड़ता है. वहीं, नदी में बढ़ती हुई धारा को देख गांव के युवकों ने चंदा इकट्ठा किया. लेकिन पर्याप्त चंदा इकट्ठा नहीं हो पाया, जिसके चलते ग्रामीणों में अस्थाई चचरी पुल बनाने पर सहमति बनी. ग्रामीणों ने बताया कि पुल निर्माण के लिए कई बार स्थानीय सांसद, विधायक और मुखिया से मांग की गई है. लेकिन सांसद, विधायक सिर्फ चुनाव के दिनों में पुल निर्माण की बात करते हैं और चुनाव खत्म हो जाते ही प्रतिनिधि अपना वादा भूल जाते हैं.

Intro:दो दशको से पुलिया निर्माण की आस लगाये कटसा के ग्रामीणों ने एक बार फिर घंघरी नदी पर चचरा पुल का निर्माण किया है। रूपये के अभाव में इस बार अस्थाई चचरा पुल का निर्माण किया गया है। जो ग्रामीणों को नदी के दूसरे तरफ जाने का एकमात्र साधन है। Body:प्रतिनिधियों द्वारा पुलिया निर्माण की अश्वासनों को लेकर ग्रामीण इस बार अब तक चचरा पुल नहीं बनाये थे। पुल निर्माण नहीं होने तथा घंघरी नदी का जल स्तर अचानक बढ़ जाने से ग्रमीणों की परेशानी बढ़ जाती है। इस बार भी यही हालत हुआ है। किसानों की अधिकत्तम खेती नदी के दूसरे तरफ ही है। यह नदी दो पंचायतों धवरी तथा गोवा पिपरपांती को भी आपस में जोड़ती है। निकट के कई गांव के बच्चो को स्कूल जाने के लिए यह सुगम रास्ता माना जाता है। दैनिक कार्यो के निष्पादन के लिए महिलाएं, नौजवान तथा बच्चे भी एक गांव से दूसरे गांव में इसी रास्ते से होकर आते जाते हैं। यह अस्थाई पुल बच्चो व महिलाओं के लिए कितना सुरक्षित होगा कहना मुश्किल है। लेकिन सोचने की बात है कि लोग करे तो क्या करे।Conclusion:ग्रामीणों ने बताया कि नदी में जलस्तर बढ़ने पर तटीय क्षेत्र में रहने वालों को नारकीय स्थिति से गुजरना पड़ता है। नदी में उभनते जलधारा को देख ग्रामीण युवको ने चंदा एकत्रित किया। पर्याप्त चंदा एकत्रित नहीं होने पर अस्थाई चचरा पुल बनाने पर सहमति बनी। पुल निर्माण के लिए दर्जनो बार स्थानीय सांसद, विधायक तथा मुखिया से मांग की गई। चुनाव के दिनों में पुल निर्माण के मांग को मुद्दा बनाया जाता है। लेकिन चुनाव बितते ही प्रतिनिधि अपना वादा भूल जाते हैं। इस बार भी ग्रामीणों को निराशा हांथ लगी है।       
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.