छपरा: जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के सम्बंध कॉलेज गड़खा प्रखंड के रामपुर स्थित देवराहा बाबा श्रीधर दास डिग्री महाविद्यालय में नामांकन के नाम पर खुलेआम लूट मची हुई है. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है और विश्वविद्यालय द्वारा करवाई नहीं करने से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
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अवैध वसूली का वीडियो वायरल
वायरल वीडियो में महाविद्यालय में कुर्सी पर बैठा एक व्यक्ति विद्यार्थी से ऑफ लाइन नामांकन के लिए 12 हजार रुपये का डिमांड करता नजर आ रहा है, जबकि स्थानीय लोगों और कॉलेज के कर्मियों द्वारा उक्त व्यक्ति को महाविद्यालय के अर्जुन प्रसाद यादव का पुत्र अजीत कुमार बताया जा रहा है. वीडियो में विद्यार्थी पूछता है कि एडमिशन करानी है कितना पैसा लगेगा. उक्त व्यक्ति द्वारा 10 हजार 12 हजार बताया जा रहा है. 10 हजार रुपये छात्राओं के नामांकन में कहा जा रहा है जबकि विद्यार्थी फिर पूछता है कि छात्राओं का दो हजार कम क्यों लग रहा है. उक्त व्यक्ति द्वारा छात्राओं के छूट की बात कही जा रही है. वहीं, नामांकन कब होगा इस संबंध में कहा गया है कि जब आइए तब हो जाएगा.
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विद्यार्थियों ने प्राचार्य पर लगाया आरोप
15 मार्च को जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के देवराहा बाबा श्रीधर दास डिग्री कॉलेज रामपुर कदना में छात्र-छात्राओं से प्राचार्य द्वारा 2500 से 3500 रूपये लेने के बाद मात्र 450 रुपये की ही रसीद दी जा रही है. इस अनियमितता के कारण छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी हो रही है. इस संबंध में छात्रा पूजा कुमारी ने जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलसचिव को आवेदन दिया. जिसमें कहा कि उक्त महाविद्यालय में राजनीतिक शास्त्र में बीए पार्ट वन 2021-24 में नामांकन हेतु प्राचार्य द्वारा 2500 ली गई और मात्र 450 रुपये की रसीद दी गई.
छात्राओं से लेनी है मात्र 450 रुपये
जयप्रकाश विश्वविद्यालय द्वारा सभी कॉलेजों को निर्देश दिया गया है कि छात्राओं से नामांकन एवं पंजीयन में 450 रुपये जबकि छात्रों से साइंस में 15 सौ रुपए एवं आर्ट में 1400 रुपये लेनी है और वह भी पैसा महाविद्यालय के आंतरिक स्रोत के खाते में जमा कराने का निर्देश दिया गया है. जबकि महाविद्यालय द्वारा छात्राओं से 2500 एवं छात्रों से 35 सौ से ज्यादा रुपए वसूली जा रही है. जिसमें से विश्व विद्यालय में छात्राओं का150 रुपये ही जमा करनी है. जबकि शेष बचें राशि को आंतरिक स्रोत में भी जमा नहीं कराई जा रही है.
क्या है मामला
महाविद्यालय में करोड़ों रुपए की गबन हो गई. इसके बाद संस्थापक दानदाता सचिव संत श्रीधर दास जी ने राजभवन यूनिवर्सिटी एवं कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसके बाद 7 करोड़ रुपए से अधिक की घोटाले की बात सामने आई. जिसके बाद कोर्ट ने निगरानी जांच बैठा दी और कुलसचिव को महाविद्यालय के कार्य देखने का आदेश दे दिया परंतु तत्कालीन कुलसचिव ग्रुप कैप्टन श्री कृष्ण द्वारा 29 फरवरी 2020 को पत्रांक 3374(आर) द्वारा प्राचार्य को शैक्षणिक प्रशासनिक और दैनिक कार्य देखने के लिए एक पत्र निर्गत कर दिया गया. लेकिन नियमों को ताख पर महाविद्यालय में छात्रों से नामांकन मद में अवैध राशि भी वसूली जा रही है.