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सारण में शिक्षकों ने शराब ढूंढने के फरमान पर जताया आक्रोश, दी विद्यालयों में तालाबंदी की चेतावनी

शिक्षकों को शराब ढूंढने के फरमान (Teachers Will Search Liquor in Bihar) पर सारण में शिक्षक आक्रोशित हो गए हैं. शिक्षकों का कहना है कि जल्द से जल्द इस फरमान को वापस लें, अन्यथा स्कूलों में तालाबंदी की जाएगी. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

सारण में शिक्षकों का आक्रोश
सारण में शिक्षकों का आक्रोश
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Published : Jan 29, 2022, 9:44 PM IST

सारण: बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law in Bihar) को सख्ती से लागू कराने के लिए शिक्षकों को बड़ा टास्क दिया गया है. बिहार शिक्षा विभाग के नए निर्देश (Bihar Education Department Notification) के मुताबिक अब शिक्षक शराबियों को पकड़ेंगे. स्कूल में शराब का सेवन ना हो, इसका ख्याल भी रखेंगे. इस नए फरमान से सारण के शिक्षक काफी परेशान हैं. उनका कहना है कि इससे शिक्षकों की अस्मिता धूमिल करने का काम किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: शिक्षा विभाग के नए फरमान पर बोले मंत्री, शराबबंदी लागू करना सब की है जिम्मेदारी

सारण में मद्य निषेध के विभागीय पत्र पर शिक्षकों ने आक्रोश जताया (Teachers Upset Due to New Iinstructions on Prohibition) है. उनका कहना है कि पत्र को अविलंब रद्द करें, अन्यथा तालाबंदी की जाएगी. राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के अपर सचिव द्वारा शराब बिक्री और सेवन करने वाले का पता लगाना और मद्य निषेध विभाग को सूचना देने का कार्य शिक्षकों से कराने संबंधी पत्र का कड़ा विरोध शिक्षक संगठनों ने किया है. शिक्षकों ने आदेश की प्रतियां जलाकर फरमान रद्द करने की मांग की. इसके साथ ही सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी भी की.

आपको बताएं कि स्थानीय जिला स्कूल परिसर में परिवर्तनकारी शिक्षक संगठन के सदस्यों द्वारा विभागीय पत्र का जोरदार विरोध करते हुए आदेश की प्रतियां जलाई गई हैं. शिक्षक नेता समरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि सरकार के आलाधिकारी द्वारा निर्गत शिक्षकों से पियक्कड़ों की पहचान, शराब बेचने वालों की जानकारी देने संबंधी पत्र पर शिक्षक संघ घोर आपत्ति जताता है. इस आदेश को अविलंब रद्द करने की मांग करता है. इसमें निरीह कमजोर शिक्षकों को लगाकर उनकी अस्मिता सम्मान को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है.

उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि आपके पास पूरा तंत्र है, प्रशासनिक से लेकर पुलिस महकमा है. उन्हें लगाइए, उनके जमीर को जगाइए कि निस्वार्थ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर शराब और शराबी, शराब व्यवसाय को पूरी तरह से समाप्त करें. उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि अगर यह पत्र वापस नहीं होता है तो इस पत्र के खिलाफ स्कूलों में तालाबंदी की जाएगी. आंदोलन के लिए शिक्षक तैयार हैं. शिक्षकों को सिर्फ पठन पाठन की जिम्मेवारी दी जाए.

ये भी पढ़ें- बिहार में अब गुरुजी ढूंढेंगे शराब.. स्कूल कैंपस से लेकर गांव-कस्बों में भी एक्टिव रहेंगे मास्टर साहब

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सारण: बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law in Bihar) को सख्ती से लागू कराने के लिए शिक्षकों को बड़ा टास्क दिया गया है. बिहार शिक्षा विभाग के नए निर्देश (Bihar Education Department Notification) के मुताबिक अब शिक्षक शराबियों को पकड़ेंगे. स्कूल में शराब का सेवन ना हो, इसका ख्याल भी रखेंगे. इस नए फरमान से सारण के शिक्षक काफी परेशान हैं. उनका कहना है कि इससे शिक्षकों की अस्मिता धूमिल करने का काम किया जा रहा है.

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सारण में मद्य निषेध के विभागीय पत्र पर शिक्षकों ने आक्रोश जताया (Teachers Upset Due to New Iinstructions on Prohibition) है. उनका कहना है कि पत्र को अविलंब रद्द करें, अन्यथा तालाबंदी की जाएगी. राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के अपर सचिव द्वारा शराब बिक्री और सेवन करने वाले का पता लगाना और मद्य निषेध विभाग को सूचना देने का कार्य शिक्षकों से कराने संबंधी पत्र का कड़ा विरोध शिक्षक संगठनों ने किया है. शिक्षकों ने आदेश की प्रतियां जलाकर फरमान रद्द करने की मांग की. इसके साथ ही सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी भी की.

आपको बताएं कि स्थानीय जिला स्कूल परिसर में परिवर्तनकारी शिक्षक संगठन के सदस्यों द्वारा विभागीय पत्र का जोरदार विरोध करते हुए आदेश की प्रतियां जलाई गई हैं. शिक्षक नेता समरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि सरकार के आलाधिकारी द्वारा निर्गत शिक्षकों से पियक्कड़ों की पहचान, शराब बेचने वालों की जानकारी देने संबंधी पत्र पर शिक्षक संघ घोर आपत्ति जताता है. इस आदेश को अविलंब रद्द करने की मांग करता है. इसमें निरीह कमजोर शिक्षकों को लगाकर उनकी अस्मिता सम्मान को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है.

उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि आपके पास पूरा तंत्र है, प्रशासनिक से लेकर पुलिस महकमा है. उन्हें लगाइए, उनके जमीर को जगाइए कि निस्वार्थ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर शराब और शराबी, शराब व्यवसाय को पूरी तरह से समाप्त करें. उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि अगर यह पत्र वापस नहीं होता है तो इस पत्र के खिलाफ स्कूलों में तालाबंदी की जाएगी. आंदोलन के लिए शिक्षक तैयार हैं. शिक्षकों को सिर्फ पठन पाठन की जिम्मेवारी दी जाए.

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