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पशुपति पारस ने खोला भेद! कोरोना के बहाने भाई से मिलने नहीं दिया, चिराग को लेकर बोले अपशब्द - PASHUPATI PARAS

पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने भतीजा चिराग पासवान पर गंभीर आरोप लगाए. कहा कि उन्हें अंतिम समय में भाई से मिलने नहीं दिया गया.

Pashupati Paras
RLJP अध्यक्ष पशुपति पारस (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 29, 2024, 10:41 AM IST

खगड़िया: राम विलास पासवान के निधन के 4 साल हो गए. पशुपति पारस ने चार साल बाद अपने भतीजा पर गंभी आरोप लगाए हैं. उन्होंने बिना नाम लिए चिराग पासवान को अपशब्द कहा. कहा कि उन्हें अंतिम समय में भाई से नहीं मिलने दिया गया. जब मिलने की कोशिश की तो कोरोना का बहाना बना दिया गया. पशुपति पारस खगड़िया जिला के शहरबन्नी गांव में स्थापना दिवस के मौके पर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

'भाई खोजते रहे लेकिन मिलने नहीं दिया': पशुपति पारस भावुक होते हुए कहा कि इन लोगों ने भाई से नहीं मिलने दिया. कहा कि उनके भाई रामविलास पासवान अंतिम समय में उन्हें, बेटा प्रिंस और परिवार के अन्य सदस्य को खोज रहे थे. कहा था कि ये सब कहां गया, लेकिन इन लोगों ने मिलने नहीं दिया. पारस ने कहा कि जब उन्होंने मिलने का प्रयास किया तो कोरोना काल का बहाना बनाकर उनके परिवार के किसी भी सदस्य को मिलने नहीं दिया गया. ये सब बात कहते हुए पशुपति पारस भावुक हो गए और उनकी आवाज कमजोर पड़ गयी.

RLJP अध्यक्ष पशुपति पारस (ETV Bharat)

"अंतिम समय में जब राम विलास पासवान बीमार थे. ये चंडाल व्यक्ति हमारे किसी भी परिवार के सदस्य को उनसे मिलने नहीं दिया गया. यह बहुत बड़ी दुखद घटना है. अंतिम समय में पासवान जी खोजते रहे कि पारस, प्रिंस और परिवार के अन्य सदस्य कहां है, लेकिन इनलोगों ने कोरोना का बहाना बनाकर हमारे परिवार के किसी भी सदस्य को मिलने नहीं दिया गया. भगवान ने गीता में कहा है. ईश्वर साक्षि है, जो जैसा कर्म करेगा वैसा भुगतेगा. सत्य की विजय होगी." -पशुपति पारस, RLJP अध्यक्ष

पिता की विरासत संभाल रहे चिराग: 8 अक्टूबर 2020 में रामविलास पासवान के निधन के बाद से लगातार उनके पैतृक गांव शहरबन्नी और खगड़िया जिला समेत बिहार की राजनीति में चिराग पासवान ने जमकर कार्यकर्ताओं के बीच पसीना बहाया. जिस वजह से न सिर्फ रामविलास पासवान को चाहने वाले चिराग पासवान के साथ हो गए, बल्कि पूरे देश की राजनीति में यह धारणा बैठ गई की रामविलास पासवान का विरासत अब चिराग पासवान ही पूरी तरह से संभाल रहे हैं.

हासिये पर चली गई चाचा की राजनीतिः चाचा पशुपति पारस की राजनीति हाशिये पर चली गई. जिसकी बानगी लोकसभा चुनाव के दौरान देखने को मिली. एनडीए ने चिराग पासवान की पार्टी के साथ चुनावी साझेदारी की और चाचा पशुपति पारस को किनारा कर दिया. इसके बाद से पशुपति पारस की राजनीति हाशिये पर नजर आ रही है. आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पशुपति पारस ने अब अपना शक्ति प्रदर्शन दिखाने का मन बनाया है. इसकी शुरुआत एक बार शहरबन्नी से की है.

विधानसभा में दिखा सकते हैं दमः बता दें कि रामविलास पासवान और उनके छोटे भाईयों ने भी राजनीति का सफर यहीं से शुरू किया था. गुरुवार को पार्टी की स्थापना दिवस के मौके पर पशुपति कुमार पासर के द्वारा रामविलास पासवान और रामचंद्र पासवान के मुर्ति का आनावरण किया गया. इस दौरान पार्टी से जूड़े कई लोग उपस्थित थे. इस दौरान पशुपति कुमार पारस ने बिना नाम लिए चिराग पासवान पर अपनी भड़ास निकाली.

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RLJP अध्यक्ष पशुपति पारस (ETV Bharat)

"अंतिम समय में जब राम विलास पासवान बीमार थे. ये चंडाल व्यक्ति हमारे किसी भी परिवार के सदस्य को उनसे मिलने नहीं दिया गया. यह बहुत बड़ी दुखद घटना है. अंतिम समय में पासवान जी खोजते रहे कि पारस, प्रिंस और परिवार के अन्य सदस्य कहां है, लेकिन इनलोगों ने कोरोना का बहाना बनाकर हमारे परिवार के किसी भी सदस्य को मिलने नहीं दिया गया. भगवान ने गीता में कहा है. ईश्वर साक्षि है, जो जैसा कर्म करेगा वैसा भुगतेगा. सत्य की विजय होगी." -पशुपति पारस, RLJP अध्यक्ष

पिता की विरासत संभाल रहे चिराग: 8 अक्टूबर 2020 में रामविलास पासवान के निधन के बाद से लगातार उनके पैतृक गांव शहरबन्नी और खगड़िया जिला समेत बिहार की राजनीति में चिराग पासवान ने जमकर कार्यकर्ताओं के बीच पसीना बहाया. जिस वजह से न सिर्फ रामविलास पासवान को चाहने वाले चिराग पासवान के साथ हो गए, बल्कि पूरे देश की राजनीति में यह धारणा बैठ गई की रामविलास पासवान का विरासत अब चिराग पासवान ही पूरी तरह से संभाल रहे हैं.

हासिये पर चली गई चाचा की राजनीतिः चाचा पशुपति पारस की राजनीति हाशिये पर चली गई. जिसकी बानगी लोकसभा चुनाव के दौरान देखने को मिली. एनडीए ने चिराग पासवान की पार्टी के साथ चुनावी साझेदारी की और चाचा पशुपति पारस को किनारा कर दिया. इसके बाद से पशुपति पारस की राजनीति हाशिये पर नजर आ रही है. आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पशुपति पारस ने अब अपना शक्ति प्रदर्शन दिखाने का मन बनाया है. इसकी शुरुआत एक बार शहरबन्नी से की है.

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