छपरा: बिहार के सारण जिले के गरखा के लाल ने बिहार का नाम रोशन किया है. 31वीं बिहार न्यायिक सेवा प्रतियोगी परीक्षा (Bihar Judicial Service Competitive Examination) में विशेष कोटे से वाजीतपुर गांव निवासी रत्नेश कुमार मांझी ने चौथा स्थान लाया है. रत्नेश कुमार मांझी ने जनरल रैंक 242 और एससी रैंक में चौथा स्थान प्राप्त किया.
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बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा का परिणाम: रत्नेश कुमार मांझी अपने पिता जगन्नाथ मांझी और माता नैनझरी देवी के पांच संतानों में सबसे बड़े हैं. इनके पिता दिल्ली में मजदूरी करते हैं, जबकि इनकी मां गृहिणी हैं. रत्नेश ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा श्री कृष्णा उच्च विद्यालय केवानी से और इंटरमीडिएट डीबीएसडी कॉलेज, कदना एवं एलएलबी श्री कृष्णा जुबली लॉ कॉलेज, मुजफ्फरपुर से किया.
छपरा के लाल ने किया कमाल: रत्नेश कुमार मांझी ने पटना के एक कोचिंग संस्थान से पढ़ाई किया और इस परीक्षा में सफलता पाई है. कोर्ट में जज को देखते हुए इन्हें जज बनने की प्रेरणा मिली, रत्नेश कुमार ने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल की. उन्होंने अपने सफलता का कोचिंग संस्थान के डायरेक्टर और अपने माता-पिता समेत परिवार जनों और दोस्तों को दिया है. रत्नेश की सफलता पर घर में खुशी का माहौल है.
"हमलोगों के लिए बहुत खुशी की बात है. गांव समाज में लोगों के बीच खुशी है. अब ये हमलोगों के बीच प्रेरणा बने रहेंगे."- परिजन
"हमको फोन करके बोला कि मां हम जज बन गये हैं, रिजल्ट आ गया, बहुत खुश हैं. भगवान का आशीर्वाद है."- रत्नेश कुमार की मां
"इसका मूल मंत्र है, हमारे पैरेंट्स का, अगर वो हमको नहीं सपोर्ट करते तो यहां तक नहीं पहुंच पाते, गांव समाज के लोगों का भी बहुत सपोर्ट मिला है. लोगों को मैं यही कहूंगा कि आप संघर्ष करते रहें, बाधा आने पर डरें नहीं."- रत्नेश कुमार मांझी, फोर्थ टॉपर
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